जूनागढ़ स्कूल हॉस्टल का भयावह सच: वीडियो में नजर आई छात्रों की बेरहमी, अब माता-पिता और पुलिस में हड़कंप

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हाइलाइट्स

  • जूनागढ़, गुजरात के एक निजी स्कूल के हॉस्टल में जूनियर छात्र की सीनियर छात्रों द्वारा बेरहमी से पिटाई का वीडियो वायरल हुआ है।
  • यह घटना 26 जुलाई 2025 को हुई थी, जब कबड्डी मैच के दौरान विवाद के बाद छात्र को हॉस्टल के कमरे में पीटा गया।
  • वीडियो वायरल होने के बाद पीड़ित के माता-पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, और पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
  • पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 115(2) के तहत मामला दर्ज किया है, जो जानबूझकर चोट पहुंचाने से संबंधित है।
  • इस घटना ने छात्रावासों में छात्रों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को फिर से उजागर किया है।

गुजरात के जूनागढ़ जिले में स्थित एक निजी स्कूल के छात्रावास में एक जूनियर छात्र की सीनियर छात्रों द्वारा बेरहमी से पिटाई का मामला सामने आया है। यह घटना 26 जुलाई 2025 को हुई थी, जब कबड्डी मैच के दौरान विवाद के बाद छात्र को हॉस्टल के कमरे में पीटा गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पीड़ित के माता-पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।

घटना का विवरण

जूनागढ़ के एक निजी स्कूल के 11वीं और 12वीं कक्षा के चार सीनियर छात्रों ने कबड्डी मैच के दौरान हुए विवाद के बाद एक जूनियर छात्र को हॉस्टल के कमरे में बुलाकर बेरहमी से पीटा। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पीड़ित के माता-पिता को इसकी जानकारी मिली, और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 115(2) के तहत मामला दर्ज किया है, जो जानबूझकर चोट पहुंचाने से संबंधित है।

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। डिप्टी एसपी हितेश धांधलिया ने बताया कि पुलिस जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत कार्रवाई करेगी। अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि वीडियो को सोशल मीडिया पर किसने अपलोड किया और क्या स्कूल और हॉस्टल के अधिकारियों ने घटना को दबाने की कोशिश की।

मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

इस घटना ने छात्रावासों में छात्रों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को फिर से उजागर किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाएं छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकती हैं, जिससे डिप्रेशन और आत्महत्या जैसे गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं।

अभिभावकों की भूमिका

अभिभावकों की भूमिका इस मामले में महत्वपूर्ण है। उन्होंने समय रहते पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिससे आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई संभव हो सकी। अभिभावकों को चाहिए कि वे अपने बच्चों के साथ नियमित संवाद बनाए रखें और उनकी भावनात्मक स्थिति पर ध्यान दें।

स्कूल और छात्रावास प्रबंधन की जिम्मेदारी

स्कूल और छात्रावास प्रबंधन की जिम्मेदारी है कि वे छात्रों की सुरक्षा और कल्याण के लिए उचित कदम उठाएं। उन्हें चाहिए कि वे छात्रों के बीच अच्छे संबंधों को बढ़ावा दें और किसी भी प्रकार की हिंसा या उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाएं।

जूनागढ़ में हुई इस घटना ने छात्रावासों में छात्रों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को फिर से उजागर किया है। यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि हमें बच्चों की सुरक्षा और कल्याण के लिए मिलकर काम करना होगा। अभिभावकों, स्कूलों और समाज को चाहिए कि वे बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील रहें और किसी भी प्रकार की हिंसा या उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाएं।

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