हाइलाइट्स
- जोधपुर तंत्र मंत्र कांड ने पूरे राजस्थान में हड़कंप मचा दिया है।
- सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में तांत्रिक की शर्मनाक हरकतें सामने आईं।
- पुलिस ने पीड़िता के बयान दर्ज कर आरोपी की तलाश तेज की।
- धार्मिक आस्था के नाम पर ठगी और शोषण का बड़ा खुलासा हुआ।
- स्थानीय लोगों में आक्रोश, सरकार से कड़े कदम उठाने की मांग।
राजस्थान के जोधपुर तंत्र मंत्र कांड ने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो ने तंत्र-मंत्र और झाड़-फूंक के नाम पर हो रहे शोषण और अंधविश्वास की जड़ें उजागर कर दी हैं। इस वीडियो में कथित तांत्रिक को एक महिला के साथ अश्लील हरकतें करते हुए देखा गया, जिसके बाद यह मामला जोधपुर पुलिस तक पहुंच गया। घटना के बाद से आरोपी फरार है, जबकि पुलिस ने पीड़िता के बयान दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह मामला समाज में बढ़ते अंधविश्वास और ठगी के धंधे पर गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है।
धार्मिक आस्था के नाम पर बढ़ता अंधविश्वास
जोधपुर तंत्र मंत्र कांड सिर्फ एक आपराधिक घटना नहीं है, बल्कि यह धार्मिक आस्था के नाम पर फैलते अंधविश्वास की गहरी समस्या को उजागर करता है। ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे शहरों में आज भी बड़ी संख्या में लोग तांत्रिकों और ओझाओं के पास जाते हैं। बीमारी, रिश्तों की समस्याएं, या पारिवारिक विवाद – कई लोग समाधान के लिए तंत्र-मंत्र का सहारा लेते हैं। यही आस्था कई बार ठगों और अपराधियों के लिए पैसा और शोषण का जरिया बन जाती है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से मचा बवाल
इस जोधपुर तंत्र मंत्र कांड का वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। वीडियो में तांत्रिक को धार्मिक अनुष्ठान का बहाना बनाकर महिला के साथ आपत्तिजनक हरकतें करते हुए देखा गया। जैसे ही यह वीडियो सामने आया, यह घटना चर्चा का विषय बन गई। कई सामाजिक संगठनों और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस घटना की निंदा की और आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।
पुलिस की सक्रियता और कार्रवाई
जैसे ही जोधपुर तंत्र मंत्र कांड का मामला सामने आया, पुलिस ने तुरंत जांच शुरू कर दी। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि तांत्रिक ने झाड़-फूंक और तंत्र-मंत्र के नाम पर उसे एकांत कमरे में बुलाया और अश्लील हरकतें करने लगा। घटना का वीडियो किसी ने रिकॉर्ड कर लिया, जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पुलिस ने आरोपी के ठिकानों पर दबिश दी, लेकिन वह फिलहाल फरार है।
पीड़िता की बहादुरी से खुला मामला
इस पूरे जोधपुर तंत्र मंत्र कांड का खुलासा पीड़िता की हिम्मत के कारण संभव हुआ। उसने न केवल पुलिस को बयान दिया, बल्कि समाज के डर के बावजूद मामले को सार्वजनिक करने का साहस दिखाया। यह घटना इस बात का सबूत है कि जब महिलाएं अन्याय के खिलाफ आवाज उठाती हैं, तो अपराधियों की साजिशें उजागर होती हैं।
समाज में फैले अंधविश्वास पर बहस
इस घटना ने समाज में व्याप्त अंधविश्वास पर एक बार फिर बहस छेड़ दी है। जोधपुर तंत्र मंत्र कांड यह साबित करता है कि शिक्षा और जागरूकता की कमी के कारण आज भी लोग तंत्र-मंत्र के जाल में फंस जाते हैं। राज्य सरकार और प्रशासन को ऐसे मामलों को रोकने के लिए जनजागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है।
तांत्रिकों का नेटवर्क और ठगी का धंधा
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस तरह के मामले केवल जोधपुर तक सीमित नहीं हैं। राजस्थान के कई जिलों में ऐसे कथित तांत्रिक सक्रिय हैं जो भोले-भाले लोगों को धर्म और तंत्र-मंत्र के नाम पर ठगते हैं। जोधपुर तंत्र मंत्र कांड के बाद पुलिस ने इस पूरे नेटवर्क की जांच शुरू कर दी है। यह भी आशंका जताई जा रही है कि आरोपी का संबंध अन्य राज्यों में चल रहे ऐसे गिरोहों से हो सकता है।
सरकार पर दबाव और कार्रवाई की मांग
जैसे ही जोधपुर तंत्र मंत्र कांड का वीडियो सामने आया, राजस्थान सरकार पर तेजी से कार्रवाई का दबाव बढ़ गया। सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर कब तक महिलाओं की सुरक्षा के नाम पर सिर्फ बयानबाजी होती रहेगी। महिला संगठनों ने इस घटना को शर्मनाक बताते हुए तांत्रिकों के खिलाफ कड़े कानून की मांग की है।
धार्मिक संस्थाओं की चुप्पी पर सवाल
इस घटना के बाद धार्मिक संस्थाओं की चुप्पी भी सवालों के घेरे में है। जोधपुर तंत्र मंत्र कांड ने यह साबित कर दिया है कि जब तक समाज मिलकर अंधविश्वास और ठगी के खिलाफ आवाज नहीं उठाएगा, तब तक ऐसे अपराध बढ़ते रहेंगे। कई समाजसेवियों का कहना है कि धार्मिक संस्थाओं को भी ऐसे लोगों की पहचान कर उनका बहिष्कार करना चाहिए।
पीड़िता को मिल रही सामाजिक समर्थन
इस पूरे मामले में सबसे बड़ी बात यह है कि जोधपुर तंत्र मंत्र कांड की पीड़िता को समाज का समर्थन मिल रहा है। स्थानीय महिलाओं और युवा संगठनों ने उसकी हिम्मत की सराहना की है। इससे अन्य पीड़िताओं को भी आवाज उठाने की प्रेरणा मिलेगी।
जोधपुर तंत्र मंत्र कांड सिर्फ एक अपराध की कहानी नहीं, बल्कि यह समाज के उस अंधेरे पहलू को दिखाता है जहां अंधविश्वास और धार्मिक आस्था के नाम पर महिलाएं शोषण का शिकार बनती हैं। यह घटना जागरूकता का संदेश देती है कि हमें ऐसे मामलों के खिलाफ खड़ा होना होगा। पुलिस की कार्रवाई, समाज का समर्थन और सरकार की सख्ती ही ऐसे अपराधों को रोक सकती है।