रात 12 बजे अचानक कांपी पटरी! जमुई ट्रेन हादसा बना रेलवे के लिए पहेली

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हाइलाइट्स

  • जमुई ट्रेन हादसा देर रात जसीडीह-झाझा मुख्य रेल खंड पर हुआ
  • सीमेंट से लदी मालगाड़ी के 17 डिब्बे पटरी से उतरे
  • 3 डिब्बे बधुआ नदी में गिर गए, 2 पलटे
  • कोई जनहानि नहीं, लेकिन भारी आर्थिक नुकसान
  • जांच के आदेश, कई ट्रेनें डायवर्ट

जमुई ट्रेन हादसा: देर रात कैसे हुआ बड़ा रेल दुर्घटना

बिहार के जमुई जिले में मंगलवार देर रात एक बड़ा रेल हादसा सामने आया, जिसे अब जमुई ट्रेन हादसा के नाम से जाना जा रहा है। सीमेंट से लदी एक मालगाड़ी जसीडीह-झाझा मुख्य रेल खंड पर अचानक डिरेल हो गई। यह हादसा नॉर्दन रेलवे के आसनसोल रेल मंडल के अंतर्गत आने वाले टेलवा बाजार हॉल्ट के पास हुआ, जहां बधुआ नदी पर बना पुल नंबर 676 मौजूद है।

प्रत्यक्ष जानकारी के अनुसार, मालगाड़ी जैसे ही पुल पर पहुंची, अचानक तेज झटका लगा और देखते ही देखते ट्रेन के 17 डिब्बे पटरी से उतर गए। इस जमुई ट्रेन हादसा ने रेलवे प्रशासन में हड़कंप मचा दिया।

नदी पर बने पुल पर हुआ जमुई ट्रेन हादसा

बधुआ नदी में गिरे तीन डिब्बे

रेलवे सूत्रों के मुताबिक, मालगाड़ी जसीडीह की ओर से अप ट्रैक पर आ रही थी। जैसे ही ट्रेन बधुआ नदी के पुल पर पहुंची, डिब्बे डगमगाने लगे। कुछ ही सेकंड में हालात इतने बिगड़ गए कि 17 डिब्बे पटरी से उतर गए।

  • 3 डिब्बे सीधे बधुआ नदी में जा गिरे
  • 2 डिब्बे पटरी से उतरकर पलट गए
  • 12 डिब्बे एक-दूसरे के ऊपर चढ़ गए

इस भयावह दृश्य ने जमुई ट्रेन हादसा को और गंभीर बना दिया। गनीमत रही कि यह एक मालगाड़ी थी, जिससे कोई यात्री हताहत नहीं हुआ।

लोको पायलट की सूझबूझ से टली बड़ी जनहानि

इंजन आगे निकल गया, डिब्बे पीछे छूटे

हादसे के समय ट्रेन को चला रहे लोको पायलट ने बताया कि तेज झटका लगते ही उन्होंने तुरंत ब्रेक लगाए और इंजन को आगे रोक दिया। जब वह नीचे उतरे तो देखा कि पीछे के डिब्बे पटरी से उतर चुके हैं और कुछ डिब्बे नदी में गिर गए हैं।

रेलवे अधिकारियों का मानना है कि लोको पायलट की सतर्कता से जमुई ट्रेन हादसा एक बड़े मानवीय संकट में बदलने से बच गया।

रेलवे प्रशासन में हड़कंप, मौके पर पहुंचे अधिकारी

जमुई ट्रेन हादसा की सूचना मिलते ही रेलवे विभाग पूरी तरह अलर्ट हो गया। RPF, GRP और स्थानीय पुलिस बल तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। साथ ही भारी-भरकम क्रेन को बुलाया गया ताकि नदी में गिरे डिब्बों को बाहर निकाला जा सके।

डिब्बों को हटाने का काम घंटों चला

  • नदी से डिब्बे निकालने के लिए विशेष क्रेन मंगाई गई
  • पटरी से उतरे डिब्बों को धीरे-धीरे हटाया गया
  • क्षतिग्रस्त ट्रैक की मरम्मत शुरू की गई

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, जमुई ट्रेन हादसा के कारण रेल यातायात पूरी तरह बाधित हो गया था।

कई ट्रेनें डायवर्ट, यात्री परेशान

झाझा और जसीडीह स्टेशन पर रोकी गई ट्रेनें

इस बड़े जमुई ट्रेन हादसा के बाद जसीडीह-झाझा रेल खंड से गुजरने वाली कई ट्रेनों को डायवर्ट कर दिया गया। कुछ ट्रेनों को झाझा और जसीडीह स्टेशन पर ही रोकना पड़ा।

यात्रियों ने स्टेशन पर घंटों इंतजार किया। हालांकि रेलवे प्रशासन ने यात्रियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने की कोशिश की, लेकिन देर रात होने के कारण काफी असुविधा हुई।

आसनसोल डिवीजन का बयान

आसनसोल रेल मंडल की PRO बिपला बोरी ने बताया कि जमुई जिले में सीमेंट से भरी मालगाड़ी के 17 डिब्बे पटरी से उतर गए हैं। उन्होंने कहा कि जमुई ट्रेन हादसा में किसी भी तरह की जनहानि नहीं हुई है, लेकिन रेलवे को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है।

उनके अनुसार, हादसे के कारणों की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

हादसे के कारणों पर सस्पेंस बरकरार

प्राथमिक जांच में नहीं मिला स्पष्ट कारण

स्टेशन प्रबंधक अखिलेश कुमार, RPF ओपी प्रभारी रवि कुमार और PWI रंधीर कुमार ने मौके पर पहुंचकर जांच की। हालांकि प्राथमिक जांच में जमुई ट्रेन हादसा के पीछे की असली वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है।

संभावित कारणों में शामिल हो सकते हैं:

  • ट्रैक में तकनीकी खराबी
  • अत्यधिक लोड
  • पुल की संरचनात्मक कमजोरी
  • सिग्नल या मेंटेनेंस में चूक

रेलवे बोर्ड ने विस्तृत जांच के निर्देश दिए हैं।

रेलवे सुरक्षा पर फिर उठे सवाल

जमुई ट्रेन हादसा ने एक बार फिर भारतीय रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बीते कुछ वर्षों में मालगाड़ियों के डिरेल होने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि:

  • नियमित ट्रैक निरीक्षण की जरूरत
  • पुराने पुलों की स्ट्रक्चरल ऑडिट
  • मालगाड़ियों के वजन की सख्त निगरानी

इन कदमों के बिना ऐसे जमुई ट्रेन हादसा भविष्य में भी दोहराए जा सकते हैं।

 बड़ा हादसा टला, लेकिन सबक जरूरी

हालांकि इस जमुई ट्रेन हादसा में कोई जान नहीं गई, लेकिन यह घटना एक गंभीर चेतावनी है। अगर समय रहते रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर और सुरक्षा मानकों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो अगली बार परिणाम और भी भयावह हो सकते हैं।

रेलवे विभाग की जांच रिपोर्ट पर अब सबकी नजरें टिकी हैं, जिससे यह साफ हो सके कि आखिर जमुई ट्रेन हादसा क्यों हुआ और भविष्य में इसे कैसे रोका जा सकता है।

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