शाहजहांपुर के जलालाबाद की बदली किस्मत, नई पहचान पर गृह मंत्रालय की मुहर

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हाइलाइट्स

  • जलालाबाद का नाम बदलकर परशुरामपुरी किए जाने पर गृह मंत्रालय ने दी मंजूरी
  • शाहजहांपुर जिले के जलालाबाद शहर को अब नए नाम से जाना जाएगा
  • गृह मंत्रालय ने यूपी सरकार को जारी किया आधिकारिक पत्र
  • नए नाम की वर्तनी हिंदी, अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाओं में लिखने का निर्देश
  • केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने गृह मंत्री अमित शाह और पीएम मोदी का जताया आभार

जलालाबाद से परशुरामपुरी बनने की आधिकारिक प्रक्रिया

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में स्थित जलालाबाद का नाम बदलकर परशुरामपुरी कर दिया गया है। गृह मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को आधिकारिक मंजूरी दे दी है। इस निर्णय के बाद अब प्रशासनिक दस्तावेजों से लेकर सरकारी रिकॉर्ड तक सभी जगह जलालाबाद की जगह नया नाम परशुरामपुरी इस्तेमाल किया जाएगा।

गृह मंत्रालय की ओर से उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि भारत सरकार को जलालाबाद का नाम बदलकर परशुरामपुरी करने पर कोई आपत्ति नहीं है। यह फैसला लंबे समय से चली आ रही मांग के बाद लिया गया है।

गृह मंत्रालय का पत्र और आधिकारिक निर्देश

गृह मंत्रालय द्वारा जारी पत्र में यह स्पष्ट किया गया है कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय से प्राप्त सिफारिश के आधार पर ही इस नाम परिवर्तन को मंजूरी दी गई है। पत्र में खासतौर पर यह उल्लेख किया गया है कि नए नाम परशुरामपुरी की वर्तनी देवनागरी (हिंदी), रोमन (अंग्रेजी) और क्षेत्रीय भाषाओं में दर्ज कराते हुए राजपत्र अधिसूचना जारी की जाए।

इस पत्र का संदर्भ उत्तर प्रदेश सरकार के पत्र संख्या 591/-2-2025-ई-1922059, दिनांक 27 जून 2025 से लिया गया है, जिसमें राज्य सरकार ने औपचारिक रूप से जलालाबाद का नाम बदलकर परशुरामपुरी करने का प्रस्ताव भेजा था।

परशुरामपुरी नाम के पीछे की पौराणिक आस्था

शहर का नया नाम परशुरामपुरी भगवान परशुराम से जुड़ा हुआ है। भगवान परशुराम को विष्णु के छठे अवतार के रूप में पूजा जाता है और उन्हें ब्राह्मण समाज का आदर्श माना जाता है। स्थानीय लोगों और कई संगठनों की लंबे समय से यह मांग रही थी कि जलालाबाद का नाम बदलकर परशुरामपुरी रखा जाए ताकि यहां की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान और भी मजबूत हो सके।

लोगों का मानना है कि नए नाम से इस शहर की पहचान भगवान परशुराम से जुड़ जाएगी और यह क्षेत्र धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से और अधिक प्रसिद्ध होगा।

नेताओं और जनप्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया

गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद केंद्रीय मंत्री और पीलीभीत के सांसद जितिन प्रसाद ने खुशी जताई। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि जलालाबाद का नाम बदलकर परशुरामपुरी करने का निर्णय पूरे सनातन समाज के लिए गौरव का क्षण है। जितिन प्रसाद ने इस फैसले के लिए गृह मंत्री अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार प्रकट किया।

उन्होंने कहा कि यह कदम केवल नाम बदलने भर का नहीं है, बल्कि आस्था और परंपरा से जुड़ा एक बड़ा निर्णय है। इससे समाज में धार्मिक और सांस्कृतिक एकजुटता को बल मिलेगा।

स्थानीय जनता की प्रतिक्रिया

समर्थन में आवाजें

जलालाबाद में रहने वाले लोगों के बीच इस निर्णय को लेकर उत्साह देखा जा रहा है। अधिकांश लोगों का मानना है कि जलालाबाद का नाम बदलकर परशुरामपुरी किए जाने से क्षेत्र की धार्मिक पहचान और मजबूत होगी। साथ ही इससे पर्यटन और धार्मिक यात्राओं को भी बढ़ावा मिलेगा।

विरोध की संभावनाएँ

हालांकि, कुछ सामाजिक संगठनों ने चिंता जताई है कि केवल नाम बदलने से विकास की समस्याओं का समाधान नहीं होगा। उनका कहना है कि मूलभूत सुविधाओं जैसे सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर भी समान रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और नाम बदलने की परंपरा

भारत में शहरों और कस्बों के नाम बदलने की परंपरा पुरानी है। समय-समय पर कई शहरों के नाम सांस्कृतिक, धार्मिक या ऐतिहासिक कारणों से बदले गए हैं।

  • इलाहाबाद का नाम प्रयागराज
  • फैजाबाद का नाम अयोध्या
  • मुगलसराय का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर

इसी क्रम में अब जलालाबाद का नाम बदलकर परशुरामपुरी करने का फैसला लिया गया है।

आगे की प्रक्रिया

अब उत्तर प्रदेश सरकार को राजपत्र अधिसूचना जारी करनी होगी जिसमें स्पष्ट किया जाएगा कि जलालाबाद का नाम बदलकर परशुरामपुरी कर दिया गया है। इसके बाद इस नाम का इस्तेमाल सभी सरकारी दफ्तरों, रेलवे स्टेशन, स्कूल-कॉलेज, पासपोर्ट और पहचान पत्रों में भी किया जाएगा।

गृह मंत्रालय द्वारा जलालाबाद का नाम बदलकर परशुरामपुरी किए जाने की मंजूरी से स्थानीय लोगों में उत्साह है। यह कदम धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक गौरव से जुड़ा हुआ है। हालांकि, इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि सरकार क्षेत्र के विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी चुनौतियों पर भी समान रूप से ध्यान दे।

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