UPI ट्रांजैक्शन बना मौत की वजह: सब्जीवाले ने देखी एक चीज़ और कर दी हत्या!

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हाइलाइट्स

  • जयपुर हत्या कांड ने लोगों को कर दिया स्तब्ध, आरोपी निकला सब्जीवाला
  • 88 वर्षीय रिटायर्ड कस्टम अधिकारी की हत्या के पीछे निकला ऑनलाइन ट्रांजैक्शन का लालच
  • आरोपी कमलेश ने UPI पिन चुराकर की वारदात, बैंक बैलेंस देख बना प्लान
  • नौकरानी के चिल्लाने पर खुला हत्याकांड का राज, आरोपी मौके पर बना रहा था मासूम
  • पुलिस ने तकनीकी सबूतों के आधार पर आरोपी को धरदबोचा, जयपुर के जगतपुरा में फैली सनसनी

जयपुर, राजस्थान – राजधानी जयपुर के शांत माने जाने वाले जगतपुरा इलाके में हाल ही में हुए जयपुर हत्या कांड ने पूरे शहर को दहला कर रख दिया है। एक 88 वर्षीय रिटायर्ड कस्टम अधिकारी ओमप्रकाश खोबर की निर्मम हत्या ने कानून व्यवस्था और समाज में लालच की बढ़ती प्रवृत्ति पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। इस जयपुर हत्या कांड की सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि हत्यारा कोई शातिर अपराधी नहीं, बल्कि सड़क किनारे सब्जी बेचने वाला कमलेश कुमार शर्मा निकला।

 कैसे बना सब्जीवाला कमलेश एक हत्यारा?

 बैंक बैलेंस ने बदला इंसान की सोच

पुलिस जांच में जो खुलासे हुए, वे रोंगटे खड़े कर देने वाले हैं। दरअसल, जयपुर हत्या कांड के आरोपी कमलेश ने ऑनलाइन पेमेंट के दौरान ओमप्रकाश के मोबाइल स्क्रीन पर उनका बैंक बैलेंस देख लिया था। यह देखकर वह लालच में आ गया और तभी उसने अफसर की हत्या का मन बना लिया।

 UPI पिन चुराने के लिए बनाया वीडियो

कमलेश ने धीरे-धीरे ओमप्रकाश की गतिविधियों पर नजर रखना शुरू किया। जब भी ओमप्रकाश सब्जी लेने आते, वह UPI से पेमेंट करते। कमलेश ने एक दिन चोरी-छिपे वीडियो बनाकर उनका UPI पिन नोट कर लिया।

 25 जुलाई की वो खौफनाक सुबह

 कैसे दिया वारदात को अंजाम

25 जुलाई की सुबह करीब 9:15 बजे ओमप्रकाश हमेशा की तरह सब्जी लेने निकले। कमलेश ने उन्हें देखा और पीछे-पीछे उनके अपार्टमेंट में घुस गया। मौका देखकर उसने ओमप्रकाश का गला घोंटकर हत्या कर दी। उनका मोबाइल लेकर भाग निकला और उसी मोबाइल से तीन लाख रुपये अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए।

नौकरानी ने दी हत्या की सूचना

शाम को जब घरेलू सहायिका राधा देवी आई, तो उसने ओमप्रकाश को बिस्तर पर अचेत अवस्था में देखा। वह जोर-जोर से चिल्लाई, जिससे सोसाइटी में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंचे लोगों ने देखा कि ओमप्रकाश की गला दबाकर हत्या की गई है।

 पुलिस की तफ्तीश और आरोपी की गिरफ्तारी

 बेटी ने दर्ज कराया केस

ओमप्रकाश की बेटी सुषमा ने थाने में हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की और मोबाइल की कॉल डिटेल्स (CDR), बैंक स्टेटमेंट और CCTV फुटेज खंगाले। उसी दिन ओमप्रकाश के अकाउंट से हुई 3 लाख की ट्रांजैक्शन ने कमलेश को शक के घेरे में ला दिया।

 तकनीकी सबूतों से फंसा कमलेश

पुलिस ने जब कमलेश को हिरासत में लिया, तो वह बार-बार झूठ बोलता रहा। लेकिन जब पुलिस ने सामने सबूत रखे—UPI ट्रांजैक्शन, मोबाइल लोकेशन और CCTV फुटेज—तो वह टूट गया और जयपुर हत्या कांड में अपना अपराध कबूल कर लिया।

 आरोपी कमलेश की कहानी

 14 साल से जयपुर में था ओमप्रकाश

ओमप्रकाश खोबर, जिन्होंने दिल्ली और गुजरात में आयकर विभाग में बड़े पदों पर कार्य किया था, पिछले 14 साल से जयपुर में रह रहे थे। उनकी बेटी के मुताबिक, वे दिल्ली के प्रदूषण से परेशान होकर जयपुर शिफ्ट हो गए थे।

 आरोपी कमलेश की साधारण पृष्ठभूमि

कमलेश की छवि एक सामान्य सब्जीवाले की थी, जो जगतपुरा के लोटस विला अपार्टमेंट के सामने ठेला लगाता था। लेकिन उसके भीतर का लालच इतना गहरा था कि उसने एक बुजुर्ग की जान लेने से भी परहेज नहीं किया।

 समाज के लिए सवाल छोड़ गया यह हत्याकांड

 क्या हर कोई भरोसे के लायक है?

जयपुर हत्या कांड ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हम जिन लोगों पर रोज भरोसा करते हैं, क्या वे सच में भरोसे के लायक हैं? कमलेश जैसा व्यक्ति, जो वर्षों से मोहल्ले में सब्जी बेच रहा था, वह एक दिन अचानक हत्यारा बन जाएगा, यह कोई सोच भी नहीं सकता।

 डिजिटल पेमेंट और गोपनीयता

इस घटना से यह भी स्पष्ट हुआ कि डिजिटल पेमेंट के दौर में गोपनीयता और सतर्कता कितनी जरूरी है। अगर ओमप्रकाश अपने UPI पिन को सुरक्षित रखते, तो शायद आज वे जिंदा होते।

प्रशासन से उम्मीदें और सुरक्षा उपाय

जयपुर पुलिस ने इस जयपुर हत्या कांड को सुलझाकर सराहनीय कार्य किया है, लेकिन यह भी जरूरी है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे—

  • डिजिटल पेमेंट करते समय स्क्रीन दूसरों से दूर रखें
  • अजनबियों को मोबाइल में पेमेंट दिखाते समय सतर्क रहें
  • नियमित रूप से UPI पिन बदलते रहें
  • सीनियर सिटीजन के अकेले रहने पर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें
  • सोसाइटी में बाहरी व्यक्तियों की निगरानी बढ़ाएं

जयपुर हत्या कांड एक चेतावनी है—लालच और धोखे का चेहरा कहीं से भी सामने आ सकता है। एक सब्जीवाले का यूं हत्या जैसा गंभीर अपराध कर देना यह दर्शाता है कि समाज में नैतिकता का स्तर गिरता जा रहा है। पुलिस की तत्परता और डिजिटल ट्रेसिंग के कारण आरोपी जल्द पकड़ में आया, लेकिन ओमप्रकाश खोबर की जान नहीं लौट सकती।

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