कब्र खुदवा रहा है हमास? सुरंग में फंसे इजरायली बंधक का वीडियो देख कांप उठी दुनिया

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हाइलाइट्स

  •  इजरायली बंधक को लेकर हमास ने जारी किया एक और भावनात्मक वीडियो
  • 24 वर्षीय एव्यातार डेविड को भूमिगत सुरंग में खुद की “कब्र” खोदते हुए देखा गया
  • वीडियो में डेविड बेहद कमजोर हालत में, मुश्किल से बोलते नजर आए
  • परिवार ने वीडियो जारी करने की अनुमति दी, बताया– जानबूझकर भूखा मार रहा है हमास
  • नेतन्याहू बोले– सभी इजरायली बंधकों की सुरक्षित रिहाई के लिए जारी हैं प्रयास

हमास द्वारा जारी वीडियो में इजरायली बंधक की दुर्दशा ने झकझोरा

फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास द्वारा शनिवार को एक नया वीडियो जारी किया गया है, जिसमें एक इजरायली बंधक को एक बंद भूमिगत सुरंग में अपनी ही “कब्र” खोदते हुए दिखाया गया है। इस वीडियो में दिखाई देने वाले व्यक्ति की पहचान एव्यातार डेविड के रूप में की गई है, जिसकी उम्र मात्र 24 वर्ष है। यह इस बंधक का दो दिनों के भीतर दूसरा वीडियो है, जो हमास ने जारी किया है।

वीडियो में डेविड बेहद कमजोर दिखाई दे रहे हैं और उनकी आवाज़ बेहद धीमी है। वो कैमरे के सामने फावड़ा चलाते हुए अपने हालात बयान कर रहे हैं। डेविड हिब्रू भाषा में कहते हैं – “मैं अब अपनी ही कब्र खोद रहा हूं। हर दिन मेरा शरीर कमजोर होता जा रहा है। मैं सीधे अपनी कब्र की ओर जा रहा हूं। यही वह जगह है जहां मुझे दफनाया जाएगा।” इतना कहते-कहते उनकी आंखें भर आती हैं।

परिवार ने दी वीडियो जारी करने की अनुमति

डेविड के परिवार ने इस वीडियो को सार्वजनिक करने की अनुमति दी है और एक लिखित बयान में कहा है कि यह दुनिया के सामने हमास की क्रूरता को उजागर करने का एकमात्र रास्ता है।

परिवार ने बयान में कहा –
“हमारे बेटे को जानबूझकर भूखा मारने का कृत्य इतिहास की सबसे भयावह घटनाओं में से एक है। हमास उसे सिर्फ अपने दुष्प्रचार के लिए जिंदा रख रहा है और उसे भोजन न देकर अमानवीय यातना दे रहा है।”

परिवार ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी अपील की है कि वह इस अमानवीयता के खिलाफ आवाज उठाए और सभी इजरायली बंधकों की तत्काल रिहाई की मांग करे।

प्रधानमंत्री नेतन्याहू की प्रतिक्रिया

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय की ओर से कहा गया है कि वीडियो के सामने आने के बाद उन्होंने डेविड के परिवार से सीधे संपर्क किया और उन्हें सांत्वना दी।

नेतन्याहू ने अपने बयान में कहा –
“हमास द्वारा जानबूझकर बंधकों को भूखा रखना, उन्हें भय दिखाना और इस तरह का दुष्प्रचार करना, निंदनीय और दुष्टतम कृत्य है। हम सभी इजरायली बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस तरह की रणनीति से इजरायल सरकार झुकेगी नहीं और हमास को हर हाल में जवाब दिया जाएगा।

भूमिगत सुरंगों में बंधक: हमास की नई रणनीति?

विश्लेषकों का मानना है कि इजरायली बंधकों को भूमिगत सुरंगों में रखकर हमास एक सुनियोजित मनोवैज्ञानिक युद्ध चला रहा है।

इन सुरंगों का इस्तेमाल पहले भी गाजा पट्टी में हथियार, लड़ाके और सामग्री की आवाजाही के लिए होता रहा है। लेकिन अब ये सुरंगें बंधकों के कारावास के रूप में प्रयोग हो रही हैं, जिससे उन्हें दुनिया की नजरों से दूर रखा जा सके।

क्या है एव्यातार डेविड की कहानी?

एव्यातार डेविड उन 250 से अधिक इजरायली बंधकों में से एक हैं जिन्हें 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर किए अपने क्रूर हमले के दौरान पकड़ लिया था।

उस दिन, जब हजारों की संख्या में आतंकवादियों ने गाजा से इजरायल की सीमा पार की, तब कई नागरिकों को अगवा कर लिया गया। उनमें से कुछ की अब तक रिहाई हो चुकी है, लेकिन बड़ी संख्या में बंधक अब भी हमास के कब्जे में हैं।

डेविड को पकड़ने के बाद से ही उनकी कोई भी सार्वजनिक जानकारी उपलब्ध नहीं थी, जब तक कि यह वीडियो सामने नहीं आया।

अंतरराष्ट्रीय दबाव और कूटनीतिक प्रयास

संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, और यूरोपीय संघ जैसे बड़े संगठन इस घटना पर निगरानी बनाए हुए हैं। अमेरिका ने पहले ही इजरायली बंधकों की रिहाई को अपनी प्राथमिकताओं में रखा है और कतर तथा मिस्र के जरिए मध्यस्थता जारी है।

हालांकि, हमास पर अब तक कोई ठोस अंतरराष्ट्रीय दबाव नहीं डाला गया है जिससे कि वो इन बंधकों को रिहा करे।

क्या यह युद्ध अपराध है?

मानवाधिकार विशेषज्ञों के अनुसार, इजरायली बंधकों के साथ हो रहा व्यवहार अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का स्पष्ट उल्लंघन है।

जिनेवा कन्वेंशन के तहत किसी भी युद्ध या संघर्ष के दौरान नागरिकों को बंधक बनाना, उन पर मानसिक यातना देना, या भोजन से वंचित रखना युद्ध अपराध की श्रेणी में आता है।

हमास पर ऐसे कई आरोप पहले भी लग चुके हैं, लेकिन इस बार जारी वीडियो ने इस बहस को और गंभीर बना दिया है।

इजरायली बंधकों की दुर्दशा अब अंतरराष्ट्रीय जनमानस के केंद्र में आ चुकी है। हमास के इस वीडियो ने एक बार फिर दिखा दिया है कि युद्ध में सबसे अधिक पीड़ा आम नागरिकों को ही उठानी पड़ती है।

इस घटना ने मानवता को झकझोर कर रख दिया है और अब यह जरूरी हो गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय, चाहे वह संयुक्त राष्ट्र हो या शक्तिशाली देश, एकजुट होकर हमास पर बंधकों को रिहा करने का दबाव बनाए।

अब वक्त आ गया है कि राजनीति से ऊपर उठकर मानवता के लिए निर्णायक कदम उठाया जाए।

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