हाइलाइट्स
- Israel vs Iran War के बढ़ते तनाव के बीच भारत के कई मुस्लिम नागरिक ईरान से जान बचाकर स्वदेश लौटे
- बलिया का चैतराम यादव इजराइल के तेल अवीव में पकौड़े तलते हुए कह रहा है – “यहां डर नहीं है!”
- ईरान में रह रहे भारतीय बोले – हर गली में बम गिरने का डर, अब्दुल बोले – “जंग जीत रहा है ईरान!”
- इजराइल में हालात स्थिर, भारतीय प्रवासी कर रहे रोज़गार और शांति का अनुभव
- सरकार ने दोनों देशों में रह रहे भारतीयों को अलर्ट रहने और तत्काल संपर्क करने की सलाह दी
Israel vs Iran War: एक जंग, दो देशों में भारतीयों की दो अलग-अलग कहानियां
Israel vs Iran War अब सिर्फ दो देशों की सैन्य ताकत का संघर्ष नहीं रहा, बल्कि इसने आम नागरिकों, खासकर विदेशी प्रवासियों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। ईरान में रह रहे भारतीय मुसलमान जहां जान बचाकर भारत की ओर भाग रहे हैं, वहीं इजराइल में रह रहे कई उत्तर भारतीय प्रवासी अब भी रोज़गार में लगे हैं, और खुद को वहां अपेक्षाकृत सुरक्षित मान रहे हैं।
ईरान में खौफ का माहौल, बम धमाकों की गूंज से कांपती ज़िंदगी
ईरान की राजधानी तेहरान और अन्य प्रमुख शहरों में हाल ही में हुए ड्रोन हमलों और मिसाइल हमलों के बाद हालात भयावह हो चुके हैं। Israel vs Iran War के कारण सुरक्षा बल हर चौराहे पर तैनात हैं और बमबारी की आशंका बनी हुई है।
अब्दुल रहमान, जो पिछले 7 सालों से तेहरान में जूते-चप्पलों की दुकान चलाते थे, बताते हैं,
“हम सोचते थे कि यह केवल इजराइल की समस्या है, लेकिन अब हर दिन बम गिरने का खतरा है। मैंने अपनी पत्नी और बच्चों को भारत भेज दिया है। मैं भी कुछ ही दिनों में वापस लौट रहा हूँ।”
उनका दावा है कि ईरान सरकार इस जंग को ‘धार्मिक जीत’ मान रही है, और यही वजह है कि मीडिया में “ईरान जीत रहा है” जैसा प्रचार किया जा रहा है।
इजराइल में बलिया का यादव तल रहा है पकौड़ी: ‘यहां डर नहीं है!’
इसी दौरान इजराइल के तेल अवीव से एक और कहानी सामने आई है। उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के चैतराम यादव, जो वहां एक भारतीय ढाबे पर काम करते हैं, बताते हैं:
“Israel vs Iran War का असर यहां लोगों की चिंता में जरूर दिखता है, लेकिन ज़मीन पर हालात बहुत शांत हैं। मैं रोज़ गोभी और बेसन की पकौड़ी तलता हूँ, ग्राहकों की लाइन लगी रहती है।”
उनका कहना है कि इजराइली सरकार ने नागरिकों की सुरक्षा के लिए अचूक इंतज़ाम किए हैं। एयर डिफेंस सिस्टम ‘आयरन डोम’ ने अभी तक कई मिसाइलों को रास्ते में ही नष्ट कर दिया।
भारत लौटे प्रवासी बोले – ईरान में कोई भरोसा नहीं!
दिल्ली एयरपोर्ट पर हाल ही में पहुँचे बिहार के निवासी नसीर अहमद कहते हैं,
“Israel vs Iran War में ईरान कभी भी युद्ध के मैदान में तब्दील हो सकता है। बिजली, इंटरनेट, पानी — सब प्रभावित हो रहा है। हमने सोचा, जान है तो जहान है!”
इसी तरह, लखनऊ की रहने वाली शबनम बेगम, जो मेडिकल रिसर्च के लिए ईरान गई थीं, बताती हैं कि अब वहां की यूनिवर्सिटीज़ भी बंद हो चुकी हैं और कोई भविष्य नजर नहीं आता।
ईरान में रह रहे भारत के मुस्लिम सब जान बचाकर भारत भाग आए !!
इजराइल में रह रहा बलिया का चैतराम यादव
तेल अवीव में गोभी और बेसन की पकौड़ी छान रहा है !!
और अब्दुल सब कह रहे हैँ कि, ईरान जंग जीत रहा है !! pic.twitter.com/qCPDfcxFnl— MANOJ SHARMA LUCKNOW UP🇮🇳🇮🇳🇮🇳 (@ManojSh28986262) June 20, 2025
सरकार की चेतावनी: “भारतीय तत्काल दूतावास से संपर्क करें”
भारत सरकार ने Israel vs Iran War की पृष्ठभूमि में दोनों देशों में रह रहे भारतीय नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि जो भी भारतीय ईरान या इजराइल में हैं, वे नजदीकी भारतीय दूतावास से संपर्क करें और सुरक्षा उपायों का पालन करें।
भारत सरकार ने विशेष फ्लाइट्स के जरिए अब तक करीब 800 से ज्यादा भारतीयों को ईरान से सुरक्षित निकाला है।
क्या जंग का असर भारत पर भी पड़ेगा? विशेषज्ञों की राय
Israel vs Iran War के चलते कच्चे तेल के दाम में तेज़ उछाल आया है, जिससे भारत में पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें भी बढ़ सकती हैं। साथ ही, विदेशी मुद्रा बाजार में भी डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट देखने को मिल रही है।
विदेश नीति विशेषज्ञ डॉ. नीरज मेहता कहते हैं,
“अगर यह युद्ध लंबा खिंचा तो इसका असर भारत की अर्थव्यवस्था और प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा पर गहरा पड़ेगा। सरकार को इजराइल और ईरान, दोनों के साथ कूटनीतिक स्तर पर संतुलन बनाए रखना होगा।”
Israel vs Iran War के 10 प्रमुख प्रभाव
- प्रवासी भारतीयों का ईरान से पलायन
- इजराइल में भारतीयों का अपेक्षाकृत सुरक्षित अनुभव
- भारत में पेट्रोल-डीजल के दामों में संभावित वृद्धि
- पश्चिम एशिया में भारतीय निवेश पर खतरा
- धार्मिक ध्रुवीकरण की आशंका
- ईरान में मेडिकल और उच्च शिक्षा में व्यवधान
- भारत सरकार की बढ़ती दवाब नीति
- भारतीय व्यापारियों की आर्थिक हानि
- मीडिया में गलत सूचनाओं की भरमार
- क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भारत की भूमिका
एक जंग, अनेक चेहरे
Israel vs Iran War ने वैश्विक स्तर पर मानवीय संकट खड़ा कर दिया है, जिसका प्रभाव सिर्फ मिडिल ईस्ट तक सीमित नहीं है। भारत जैसे देश, जिनके लाखों नागरिक इन देशों में काम करते हैं, इस युद्ध के मानवीय पहलुओं से सीधे प्रभावित हो रहे हैं।
जहां एक ओर ईरान में रह रहे भारतीय असुरक्षा और भय के साये में लौटने को मजबूर हैं, वहीं इजराइल में मौजूद प्रवासी भारत की छवि और पकौड़ों के स्वाद के सहारे शांति में जी रहे हैं। यह युद्ध एक राजनीतिक लड़ाई हो सकती है, लेकिन इसके सबसे बड़े शिकार आम लोग ही हैं।