हाइलाइट्स
- ISI Agent Nauman की गिरफ्तारी से उत्तर भारत में फैले जासूसी नेटवर्क का खुलासा
- हरियाणा-पंजाब और वेस्ट यूपी में एजेंट तैयार करने की मिली थी जिम्मेदारी
- पाकिस्तान की योजना ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत श्रीनगर भेजा जाना था नौमान
- डिजिटल सबूतों में ISI के 50 से अधिक एजेंटों से संपर्क का खुलासा
- जासूसी के लिए फर्जी पासपोर्ट, ट्रेनिंग और पैसे भेजने की पूरी व्यवस्था
शामली से श्रीनगर तक फैला ISI Agent Nauman का देशविरोधी नेटवर्क
कैराना से निकला एक जासूस, जिसने खोली ISI की भारत विरोधी साजिश की परतें
उत्तर प्रदेश के शामली जिले के कैराना कस्बे से सामने आया एक नाम – ISI Agent Nauman – आज देशभर की सुरक्षा एजेंसियों की सूची में सबसे ऊपर है। महज आठवीं पास यह युवक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए वर्षों से जासूसी कर रहा था। हरियाणा के पानीपत में काम कर रहा नौमान इलाही नाम का यह युवक, पाकिस्तान द्वारा संचालित ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का एक अहम मोहरा था।
कैसे हुआ पर्दाफाश?
शुक्रवार की सुबह पानीपत की क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (CIA) और स्थानीय पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर नौमान के कैराना स्थित घर पर दबिश दी। उसके ठिकाने से जो दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस मिले, उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों को चौंका दिया। उसके फोन में पाकिस्तान के 50 से अधिक नंबर सेव थे, जिनमें से कई ISI से जुड़े एजेंट माने जा रहे हैं।
ISI Agent Nauman की श्रीनगर यात्रा की योजना
जांच में सामने आया कि ISI Agent Nauman को पाकिस्तान के एजेंटों द्वारा श्रीनगर भेजा जाना था। वहां उसे भारतीय सेना की गतिविधियों, मूवमेंट और तैनाती की जानकारी पाकिस्तान भेजनी थी। उसके मोबाइल फोन में मिले चैट्स में इस मिशन के बदले बड़ी रकम देने का भी वादा किया गया था।
हर दिन करता था पाक एजेंटों से संपर्क
तकनीकी रूप से प्रशिक्षित, आठवीं पास युवक
जांच अधिकारियों ने बताया कि ISI Agent Nauman हर दिन वीडियो कॉल, टेक्स्ट मैसेज और सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तानी एजेंटों से संपर्क करता था। सेना के कैंप, रेलवे स्टेशन और संवेदनशील स्थलों की तस्वीरें और वीडियो भेजता था। सिर्फ आठवीं पास होने के बावजूद उसे टेक्नोलॉजी की गहरी समझ थी।
नौकरी की आड़ में जासूसी
पानीपत में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते हुए वह असल में जासूसी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था। पूछताछ में उसने कबूल किया कि उसे बाकायदा पाकिस्तान में ट्रेनिंग दी गई थी – जिसमें वीडियो बनाना, डेटा ट्रांसफर करना और पैसों का लेन-देन करना सिखाया गया।
ISI नेटवर्क का मास्टरमाइंड: इकबाल उर्फ काना
90 के दशक का तस्कर, अब ISI का कमांडर
ISI के इस जासूसी नेटवर्क की नींव रखने वाला शख्स है – इकबाल उर्फ काना। कैराना निवासी इकबाल 1990 के दशक में हथियारों और नकली नोटों की तस्करी में लिप्त था। 1993 में दिल्ली पुलिस ने 276 पिस्टलों की जब्ती में उसका नाम सामने लाया। इसके बाद वह पाकिस्तान भाग गया और ISI के साथ मिलकर भारत विरोधी नेटवर्क खड़ा किया।
ISI Agent Nauman की भर्ती कैसे हुई?
कनेक्शन और प्रशिक्षण
2023 में मेरठ STF ने इकबाल के सहयोगी कलीम को गिरफ्तार किया। इसके बाद इकबाल ने ISI Agent Nauman को भर्ती किया। नौमान के पाकिस्तान से पारिवारिक रिश्ते (बुआ और मौसी वहीं रहती थीं) ने उसकी भर्ती को आसान बनाया। ट्रेनिंग में उसे सिखाया गया कि कैसे संवेदनशील सूचनाएं इकट्ठा कर ISI तक पहुंचाई जाएं।
पासपोर्ट एजेंट से ISI एजेंट तक का सफर
पिता की मृत्यु के बाद नौमान पासपोर्ट एजेंट बन गया था। यही उसका मुख्य पेशा था। लेकिन यही पेशा उसे जासूसी के गहरे दलदल में ले गया। फर्जी पासपोर्ट बनाने, पैसों के ट्रांजेक्शन और डिजिटल साक्ष्य छुपाने की पूरी ट्रेनिंग उसे दी गई थी।
जांच एजेंसियों की कार्रवाई और खुलासे
फर्जी पासपोर्ट की जांच
नौमान के पास से बरामद पासपोर्ट और दस्तावेजों से यह शक गहराया है कि वह लंबे समय से फर्जी पासपोर्ट बनाने के कारोबार में लिप्त था। पूछताछ में उसने माना कि कई बार उसने देशद्रोही गतिविधियों के लिए फर्जी कागजात तैयार किए।
कई एजेंसियों की संयुक्त पूछताछ
ISI Agent Nauman के खिलाफ देशद्रोह, गुप्त सूचनाओं के उल्लंघन और विदेशी एजेंसियों से संबंध रखने के आरोप में केस दर्ज किया गया है। फिलहाल पानीपत पुलिस, मिलिट्री इंटेलिजेंस और इंटेलिजेंस ब्यूरो संयुक्त रूप से उससे पूछताछ कर रही हैं। 20 मई तक उसे रिमांड पर रखा गया है।
कैराना: जासूसी गतिविधियों का नया गढ़?
पिछले कुछ वर्षों में कैराना से जुड़े 6 से अधिक युवकों को आतंकी संपर्कों के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। अब ISI Agent Nauman की गिरफ्तारी ने इस इलाके को फिर खुफिया एजेंसियों के रडार पर ला दिया है। यहां की भौगोलिक स्थिति और सीमावर्ती राज्यों से जुड़ाव इसे जासूसी के लिए उपयुक्त बनाता है।
परिवार ने तोड़ा रिश्ता
बहन और जीजा ने किया किनारा
गिरफ्तारी के बाद नौमान के परिवार ने उससे नाता तोड़ लिया है। उसकी बहन जीनत और जीजा इरफान ने स्पष्ट कहा कि जो देश से गद्दारी करता है, उससे उनका कोई रिश्ता नहीं। जीनत मानसिक रूप से टूट चुकी है और गहरे सदमे में है।
तकनीक और लालच का खतरनाक मेल
ISI Agent Nauman की कहानी यह दर्शाती है कि कैसे सीमित शिक्षा और आर्थिक लालच किसी व्यक्ति को देशद्रोह की राह पर ले जा सकता है। सोशल मीडिया और मोबाइल टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल कैसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है, इसका यह जीवंत उदाहरण है। अब यह मामला भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक चेतावनी है कि ऐसे नेटवर्क को जल्द से जल्द जड़ से उखाड़ा जाए।