फिरोजाबाद, उत्तर प्रदेश: हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें कुछ युवक बुर्का पहनी मुस्लिम महिलाओं के सामने आक्रामक तरीके से ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते और अनुचित इशारे करते नजर आ रहे हैं। यह घटना उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के मलिक खान जहानपुर गांव में एक मेले के दौरान की बताई जा रही है। यह मामला 8 से 9 फरवरी का बताया जा रहा है और जैसे ही इसका वीडियो सोशल मीडिया पर आया, यह तेजी से वायरल हो गया। इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर गहरी चिंता जताई जा रही है।
वीडियो में क्या है?
वायरल वीडियो में एक युवक मुस्लिम महिलाओं के पीछे खड़ा होकर जोर-जोर से ‘जय श्री राम’ के नारे लगा रहा है। वीडियो में युवक महिलाओं के प्रति आक्रामक रवैया अपनाते हुए धमकाने वाले इशारे करता दिख रहा है। वीडियो के बैकग्राउंड में एक बॉलीवुड गाना ‘पलट, तेरा ध्यान किधर है, ये तेरा हीरो इधर है’ बजता सुनाई दे रहा है, जिससे मामला और भी गंभीर प्रतीत हो रहा है।
इसके अलावा, वीडियो में युवक मुस्लिम शासक बाबर के खिलाफ अपशब्दों का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। उनके चेहरे पर किसी भी तरह का डर या कानून का भय नहीं दिख रहा, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या ऐसे असामाजिक तत्वों को प्रशासन का कोई डर नहीं है?
पुलिस की कार्रवाई
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होते ही लोगों ने फिरोजाबाद पुलिस को टैग करके मामले में कार्रवाई की मांग की। रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिरोजाबाद पुलिस ने इस मामले को संज्ञान में लिया है और आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। फिरोजाबाद पुलिस ने एक ट्वीट जारी कर कहा कि इस मामले में पूरी जांच की जा रही है और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
क्या यह पहली बार हुआ है?
यह पहली बार नहीं है जब इस तरह की घटना सामने आई है। उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में हाल ही में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाकर जबरन ‘जय श्री राम’ के नारे लगवाए गए हैं।
- जनवरी 2025 में बरेली में: आला हजरत दरगाह जा रहे मदरसा छात्रों को हिंदूवादी संगठनों से जुड़े कुछ युवकों ने रोककर जबरदस्ती ‘जय श्री राम’ के नारे लगवाए थे। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था।
- बिहार के बांका जिले में: मदरसे के कुछ छात्रों को घेरकर उनसे ‘जय श्री राम’ के नारे लगवाने का मामला सामने आया था।
इस तरह की घटनाएं न केवल समाज में धार्मिक असहिष्णुता को बढ़ावा देती हैं बल्कि सांप्रदायिक हिंसा को भी जन्म दे सकती हैं। इस तरह के मामलों से समाज में नफरत फैलने का खतरा रहता है और यह देश की एकता व अखंडता के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
इस घटना को लेकर राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “यह साफ दिखाता है कि कुछ कट्टरपंथी तत्व महिलाओं को डराने और धार्मिक आधार पर धमकाने का काम कर रहे हैं। सरकार और प्रशासन को तत्काल एक्शन लेना चाहिए।”
वहीं, बीजेपी के प्रवक्ता का कहना है कि “हम किसी भी तरह की गुंडागर्दी का समर्थन नहीं करते, कानून अपना काम करेगा और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”
महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल
इस घटना ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या महिलाएं अब सार्वजनिक स्थलों पर भी सुरक्षित नहीं हैं? क्या धार्मिक पहचान के आधार पर उन्हें डराया-धमकाया जाएगा? इस तरह की घटनाओं से न केवल मुस्लिम महिलाओं में भय का माहौल पैदा होता है बल्कि पूरे समाज में असहिष्णुता को भी बढ़ावा मिलता है।
सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी
उत्तर प्रदेश सरकार अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कहती रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई बार यह दावा कर चुके हैं कि उनके शासन में अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा। हालांकि, इस तरह की घटनाएं सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती हैं। क्या ऐसे मामलों पर त्वरित कार्रवाई नहीं होनी चाहिए? क्या सरकार को महिलाओं की सुरक्षा को लेकर और अधिक कड़े कदम नहीं उठाने चाहिए?
समाज को क्या करना चाहिए?
समाज को भी इस तरह की घटनाओं के खिलाफ खड़ा होना होगा। धार्मिक नफरत फैलाने वाले तत्वों को बढ़ावा देने के बजाय हमें आपसी भाईचारे और शांति को प्राथमिकता देनी होगी। महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना केवल प्रशासन की ही जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह समाज की भी जिम्मेदारी है कि महिलाओं को सम्मान और सुरक्षा मिले।
फिरोजाबाद की यह घटना यह दर्शाती है कि अभी भी समाज में सांप्रदायिक नफरत और महिलाओं के प्रति अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं। सरकार और प्रशासन को चाहिए कि वे दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। साथ ही, समाज को भी इस तरह की नकारात्मक प्रवृत्तियों का विरोध करना चाहिए और आपसी सद्भाव बनाए रखने में सहयोग करना चाहिए।