Illegal Religious Conversion

छंगुर बाबा का रहस्य: धर्मांतरण के पीछे छिपा था 100 करोड़ की फंडिंग और ‘लव जिहाद’ का जाल

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हाइलाइट्स 

  • यूपी एटीएस ने Illegal Religious Conversion नेटवर्क का किया भंडाफोड़
  • मुख्य आरोपी जमालुद्दीन उर्फ छंगुर बाबा और नीतू रोहरा उर्फ नसरीन गिरफ्तार
  • खाड़ी देशों से 100 करोड़ की फंडिंग, संपत्ति और लग्ज़री गाड़ियों में निवेश
  • धर्मांतरण के लिए तय था रेट – जाति के आधार पर लिया जाता था पैसा
  • गिरोह की पहुंच राष्ट्रीय स्तर पर, ATS-STF की जांच तेज़

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में ATS की बड़ी कार्रवाई

उत्तर प्रदेश की एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) ने Illegal Religious Conversion के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है। बलरामपुर जिले के उटरौला कस्बे से छंगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन को गिरफ्तार किया गया है, जो लंबे समय से एक सुनियोजित नेटवर्क के ज़रिए धर्मांतरण करवा रहा था। साथ ही, मुंबई निवासी नीतू रोहरा उर्फ नसरीन को भी इस पूरे प्रकरण में गिरफ्तार किया गया है।

दिमागी कंडीशनिंग, मोह-जाल और ‘ब्रेनवॉश’

कैसे हुआ खुलासा?

यह कार्रवाई एक पीड़ित की शिकायत पर दर्ज एफआईआर के आधार पर की गई। पीड़ित ने आरोप लगाया कि धर्म परिवर्तन के लिए न केवल उसे भावनात्मक रूप से फंसाया गया, बल्कि मानसिक रूप से भी ब्रेनवॉश किया गया। पुलिस को मिले दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक सबूतों ने यह पुष्टि की कि आरोपी लंबे समय से Illegal Religious Conversion के गंदे खेल में लिप्त थे।

100 करोड़ की विदेशी फंडिंग: पैसा धर्म परिवर्तन का हथियार

खाड़ी देशों से आर्थिक मदद

यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश ने खुलासा किया कि आरोपी जमालुद्दीन को खाड़ी देशों से 100 करोड़ रुपए से अधिक की फंडिंग मिली। इस पैसे का उपयोग न केवल धर्मांतरण बल्कि संपत्तियों की खरीद, शोरूम और लग्ज़री वाहनों में भी किया गया।

40 से अधिक बैंक अकाउंट और संदिग्ध लेन-देन

जांच में यह भी पाया गया कि जमालुद्दीन के पास 40 से ज्यादा बैंक अकाउंट हैं जिनमें संदिग्ध रूप से 100 करोड़ से ज्यादा का लेन-देन हुआ। सभी लेन-देन की जांच फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट और प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा की जा रही है।

50 बार इस्लामिक देशों की यात्रा: शक की सुई और गहरी

जांच एजेंसियों के अनुसार, जमालुद्दीन ने अब तक 40 से 50 बार इस्लामिक देशों की यात्रा की है। इस दौरान उसके संपर्क कई संदिग्ध व्यक्तियों से स्थापित हुए, जिनकी पहचान अभी हो रही है। यह संकेत मिल रहे हैं कि Illegal Religious Conversion का यह नेटवर्क भारत में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला हुआ है।

लव जिहाद का ‘रेट कार्ड’?

जातियों के अनुसार तय थे धर्मांतरण के रेट

सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ कि गिरोह ने धर्मांतरण के लिए बाकायदा ‘रेट कार्ड’ बनाया था।

  • ब्राह्मण, क्षत्रिय और सिख लड़कियों का धर्म परिवर्तन: ₹15–16 लाख
  • पिछड़ी जातियों की लड़कियों के लिए: ₹10–12 लाख
  • अन्य जातियों के लिए: ₹8–10 लाख

यह मॉडल ‘लव जिहाद’ के जरिए लागू किया जाता था, जिसमें युवक अपना नाम और पहचान छुपाकर लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाते थे।

गुंजा गुप्ता और नवीन रोहरा केस: जबरन धर्मांतरण की दास्तां

गुंजा गुप्ता को कैसे बना दिया गया अलीना अंसारी

लखनऊ की रहने वाली गुंजा गुप्ता को आरोपी अबू अंसारी ने पहले ‘अमित’ बनकर प्रेम में फंसाया और बाद में छंगुर बाबा की दरगाह में ले जाकर धर्मांतरण कराया। नाम बदलकर ‘अलीना अंसारी’ रखा गया। इसके लिए उसे नीतू और जमालुद्दीन ने मिलकर मानसिक रूप से प्रभावित किया।

पूरा परिवार धर्मांतरित

मुंबई निवासी नवीन रोहरा, उनकी पत्नी नीतू और बेटी समाले को भी बहला-फुसलाकर इस्लाम कबूल कराया गया। धर्म परिवर्तन के बाद इनके नाम बदलकर क्रमशः जमालुद्दीन, नसरीन और सबीहा रखे गए।

गिरोह का नेटवर्क और अन्य आरोपी

साथियों की पहचान और जांच

इस गिरोह में महबूब, कथित पत्रकार एमेन रिजवी, पिंकी हरिजन, हाजिरा शंकर, सगीर जैसे नाम भी सामने आए हैं। सभी पर आरोप है कि इन्होंने गरीब तबके के लोगों को टारगेट कर लालच, धमकी और मानसिक शोषण के जरिए Illegal Religious Conversion कराया।

राज्य नहीं, अब राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला

यूपी एटीएस और एसटीएफ की संयुक्त टीम इस नेटवर्क की परतें खोलने में लगी है। एडीजीपी अमिताभ यश ने कहा,

“यह केवल धर्मांतरण का मामला नहीं है, बल्कि सामाजिक सौहार्द और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा गंभीर विषय है। हम किसी को भी बख्शने वाले नहीं हैं।”

जांच के मुख्य बिंदु:

  1. विदेशी फंडिंग की जांच ED और IB कर रही है
  2. पासपोर्ट, ट्रैवल हिस्ट्री और संदिग्ध विदेशी संपर्कों की जांच
  3. 100 करोड़ के बैंक लेनदेन का फॉरेंसिक ऑडिट
  4. नेटवर्क की जड़ें महाराष्ट्र, दिल्ली, केरल तक फैलीं
  5. पीड़ितों के बयान, डिजिटल सबूत और सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं

अब सवाल देश से जुड़ा है

बलरामपुर में उजागर हुआ Illegal Religious Conversion का यह मामला न केवल एक संगठित साजिश है, बल्कि यह साबित करता है कि धर्मांतरण के पीछे सुनियोजित विदेशी फंडिंग और मानसिक शोषण का नेटवर्क है। जरूरत है इस पर एक केंद्रीकृत जांच एजेंसी की निगरानी और राष्ट्रीय स्तर की सख्त कार्रवाई की।

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