हाइलाइट्स
- IIMT नोएडा धोखाधड़ी का मामला सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है।
- पोस्टर में दावा किया गया कि छात्र को 1.8 करोड़ का पैकेज मिला है।
- हकीकत यह निकली कि पोस्टर में जिस शख्स की तस्वीर है, वह आइसक्रीम बेचकर रोज़ी-रोटी कमाता है।
- छात्रों और अभिभावकों ने इस तरह की मार्केटिंग को भ्रामक और धोखा बताया।
- शिक्षा जगत में ऐसे मामलों ने कॉलेजों की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
देश में शिक्षा संस्थानों को लेकर पहले ही कई तरह की शंकाएं उठती रही हैं, लेकिन हाल ही में सामने आया IIMT नोएडा धोखाधड़ी का मामला अब लोगों के विश्वास पर गहरी चोट कर रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक पोस्टर में दावा किया गया कि IIMT नोएडा के एक छात्र को 1.8 करोड़ रुपये का पैकेज मिला है। पोस्टर में फोटो भी लगाई गई। लेकिन सच्चाई सामने आने पर सब दंग रह गए—जिस युवक की तस्वीर दिखाई गई, वह असल में किसी बड़ी कंपनी में काम नहीं कर रहा बल्कि सड़कों पर आइसक्रीम बेचकर अपना गुज़ारा करता है।
शिक्षा के नाम पर छलावा
भ्रामक प्रचार की हकीकत
कई प्राइवेट कॉलेज छात्रों और अभिभावकों को आकर्षित करने के लिए ऊँचे-ऊँचे पैकेज का दावा करते हैं। यही हुआ IIMT नोएडा में, जहां कॉलेज प्रशासन ने IIMT नोएडा धोखाधड़ी के तहत बड़े पैकेज की फर्जी कहानी गढ़ी।
सोशल मीडिया पर खुलासा
सोशल मीडिया यूजर्स ने जैसे ही उस शख्स को आइसक्रीम बेचते हुए देखा, तुरंत सवाल उठने लगे। लोगों ने कॉलेज की पोल खोलते हुए कहा कि यह केवल छात्रों को दाखिले के लिए गुमराह करने की चाल है।
IIMT नोएडा धोखाधड़ी पर छात्रों की प्रतिक्रिया
गुस्सा और निराशा
कई छात्रों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं न सिर्फ संस्थान की छवि खराब करती हैं बल्कि उन युवाओं का भी मनोबल गिराती हैं जो सच्ची मेहनत से अपने सपनों को हासिल करना चाहते हैं।
अभिभावकों की चिंता
अभिभावक मानते हैं कि IIMT नोएडा धोखाधड़ी जैसे मामले भविष्य में बच्चों की शिक्षा को प्रभावित करेंगे। जब कॉलेज फर्जी पैकेज दिखाकर छात्रों को लुभाएंगे, तो सच्चाई सामने आने पर उनका विश्वास टूट जाएगा।
शिक्षा प्रणाली पर उठे सवाल
दुनियां में कितना धोखा चल रहा है इसे देख कर समझिए IIMT नोएडा ने पोस्टर लगा रखा है कि 1.8 करोड़ का पैकेज मिला है फोटो वाले बंदे को
सच्चाई ये है कि फोटो वाला बंदा ice cream बेचता है 😂 pic.twitter.com/fuVMak0kmZ
— Sweta Srivastava (@swetasamadhiya) August 21, 2025
क्या पैकेज की दौड़ ही सबकुछ है?
आज के दौर में कई कॉलेज अपनी ब्रांडिंग केवल “प्लेसमेंट पैकेज” के आधार पर करते हैं। लेकिन IIMT नोएडा धोखाधड़ी यह सवाल खड़ा करती है कि क्या शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ पैकेज बेचना रह गया है?
संस्थानों की पारदर्शिता पर सवाल
जब कॉलेज छात्रों को आकर्षित करने के लिए गलत आंकड़े और तस्वीरें इस्तेमाल करते हैं, तो यह न सिर्फ धोखा है बल्कि कानूनी अपराध भी हो सकता है।
विशेषज्ञों की राय
शिक्षा विश्लेषक की टिप्पणी
शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि IIMT नोएडा धोखाधड़ी जैसा मामला देशभर में चल रहे एक बड़े ट्रेंड का हिस्सा है। कई संस्थान बिना किसी ठोस आधार के छात्रों को बड़े पैकेज दिखाकर दाखिला लेने पर मजबूर करते हैं। यह शिक्षा को बाज़ार की वस्तु बना देने जैसा है।
कानूनी पहलू
कानून विशेषज्ञों का कहना है कि अगर किसी कॉलेज ने जानबूझकर झूठे दावे किए हैं, तो उसके खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। ऐसे मामलों में उपभोक्ता संरक्षण कानून भी लागू हो सकता है।
सोशल मीडिया का दबाव
सोशल मीडिया ने इस पूरे मामले को तेजी से उजागर किया। ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर IIMT नोएडा धोखाधड़ी हैशटैग ट्रेंड करने लगा। हजारों यूजर्स ने इस भ्रामक प्रचार पर सवाल उठाए और सरकार से जांच की मांग की।
छात्रों का भविष्य दांव पर
इस तरह के फर्जी दावे छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हैं। युवा वर्ग, जो मेहनत करके अपने सपनों को पूरा करना चाहता है, ऐसे छलावे देखकर हतोत्साहित होता है। IIMT नोएडा धोखाधड़ी ने यह साफ कर दिया है कि शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता और सख्त नियमों की बेहद जरूरत है।
IIMT नोएडा धोखाधड़ी सिर्फ एक कॉलेज का मामला नहीं है बल्कि यह पूरे शिक्षा तंत्र की उस कमजोरी को उजागर करता है, जहां संस्थान ब्रांडिंग और दाखिले की होड़ में सच्चाई से मुंह मोड़ लेते हैं। छात्रों और अभिभावकों को अब और ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। सरकार और नियामक निकायों को भी ऐसे मामलों पर सख्त कदम उठाने होंगे ताकि शिक्षा का असली उद्देश्य—ज्ञान और कौशल प्रदान करना—बचाया जा सके।