चट्टान नहीं, मौत बरसी थी उस दिन… जल विद्युत परियोजना की सुरंग में कैसे फंसे रह गए दर्जनों मजदूर?

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Table of Contents

हाइलाइट्स

  • जल विद्युत परियोजना की डैम साइट पर चट्टान गिरने से बड़ा हादसा, कई मजदूर चपेट में
  • हेलंग स्थित विष्णुगाड़ पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना में हुआ हादसा
  • निर्माणाधीन सुरंग के पास हुए भूस्खलन से मची अफरा-तफरी
  • घटना का ख़तरनाक वीडियो सोशल मीडिया पर हुआ वायरल
  • स्थानीय प्रशासन, SDRF और पुलिस ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया

उत्तराखंड के चमोली जिले के हेलंग क्षेत्र में स्थित जल विद्युत परियोजना (विष्णुगाड़ पीपलकोटी) की डैम साइट पर शनिवार को एक बड़ा हादसा हो गया। निर्माणाधीन सुरंग के पास भारी चट्टान टूटकर गिर पड़ी, जिससे आसपास कार्यरत मजदूर चपेट में आ गए। हादसे के समय लगभग 200 मजदूर साइट पर मौजूद थे।

घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि अचानक ऊँचाई से चट्टानें गिरने लगीं और मजदूरों में चीख-पुकार मच गई।

घटना की भयावहता: डैम साइट पर मची अफरा-तफरी

हादसे के समय मौजूद थे सैकड़ों मजदूर

जानकारी के अनुसार, यह हादसा दोपहर के समय हुआ जब सुरंग के निर्माण का कार्य चल रहा था। जल विद्युत परियोजना के इस हिस्से में तकनीकी टीम और मजदूर बड़ी संख्या में कार्यरत थे। अचानक भूस्खलन के साथ भारी चट्टान गिरने से कई मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि कुछ लोगों के मलबे में दबे होने की भी आशंका जताई जा रही है।

रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटा प्रशासन

घटना की जानकारी मिलते ही चमोली जिला प्रशासन, पुलिस, फायर ब्रिगेड और एसडीआरएफ की टीमें घटनास्थल पर पहुंचीं। रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से चल रहा है, जिसमें हेलिकॉप्टर की मदद लेने पर भी विचार किया जा रहा है। घायलों को नजदीकी पीपलकोटी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है।

स्थानीय लोगों की भूमिका और चिंता

मजदूरों की सुरक्षा पर सवाल

घटना के बाद स्थानीय लोगों और परिजनों ने जल विद्युत परियोजना प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पहाड़ी क्षेत्र में मानसून के मौसम में ऐसे कार्यों के दौरान पर्याप्त सुरक्षा उपाय नहीं किए जाते हैं।

परियोजना पर पहले भी उठ चुके हैं सवाल

यह पहली बार नहीं है जब विष्णुगाड़ पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना में कोई बड़ा हादसा हुआ हो। इससे पहले भी वर्ष 2023 में निर्माण कार्य के दौरान एक सुरंग धंसने की घटना हुई थी, जिसमें कई मजदूरों की जान चली गई थी।

वायरल वीडियो से मचा हड़कंप

कैमरे में कैद हुई तबाही की तस्वीरें

घटना का जो वीडियो सामने आया है, उसमें देखा जा सकता है कि भारी चट्टान अचानक गिरती है और मजदूर बचने के लिए इधर-उधर भागते नजर आते हैं। एक मजदूर तो कैमरे के सामने ही चट्टान की चपेट में आता दिख रहा है।

सोशल मीडिया पर उठी जांच की मांग

इस जल विद्युत परियोजना से जुड़े वायरल वीडियो को लेकर लोग सरकार और प्रोजेक्ट अथॉरिटी से सवाल कर रहे हैं कि ऐसी बड़ी परियोजनाओं में सुरक्षा मानकों का पालन क्यों नहीं किया जा रहा। ट्विटर और फेसबुक पर “जल विद्युत परियोजना हादसा” हैशटैग ट्रेंड कर रहा है।

प्रशासन की प्रतिक्रिया और आगे की कार्रवाई

DM ने दिए जांच के आदेश

चमोली के जिलाधिकारी ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं और एक उच्चस्तरीय समिति गठित की गई है, जो जल विद्युत परियोजना के सुरक्षा इंतज़ामों की समीक्षा करेगी।

परियोजना कार्य हो सकता है बंद

सूत्रों के अनुसार, जब तक विस्तृत जांच पूरी नहीं होती, तब तक डैम साइट पर सभी निर्माण कार्य रोक दिए गए हैं। प्रभावित मजदूरों के लिए मुआवजा पैकेज तैयार किया जा रहा है।

विशेषज्ञों की राय: पहाड़ों में सुरंग निर्माण है चुनौतीपूर्ण

भूवैज्ञानिकों ने जताई चिंता

भूविज्ञान के विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून के समय पहाड़ी इलाकों में चट्टान खिसकने की संभावना अधिक होती है। जल विद्युत परियोजना जैसे कार्यों के दौरान नियमित भू-सर्वेक्षण और निगरानी आवश्यक होती है।

सुरक्षा उपायों की अनदेखी भारी पड़ सकती है

परियोजनाओं में तेजी के दबाव में कई बार सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जाती है, जो ऐसे हादसों का कारण बनती है। यह घटना इसी की एक भयावह मिसाल है।

 सवालों के घेरे में निर्माण एजेंसी

जल विद्युत परियोजना में हुए इस हादसे ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या विकास कार्यों में मानव जीवन की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाती है? भले ही इस परियोजना का उद्देश्य बिजली उत्पादन हो, लेकिन यदि उस प्रक्रिया में मजदूरों की जान दांव पर लगे, तो यह प्रगति नहीं, त्रासदी बन जाती है।

अब देखना यह होगा कि जांच रिपोर्ट में क्या सामने आता है और क्या भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए ठोस कदम उठाए जाते हैं या नहीं।

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