हाइलाइट्स (Highlights)
- पश्चिम बंगाल के सोदपुर की नंदिनी राव human trafficking की शिकार, 6 महीने तक कैद में रही
- इवेंट मैनेजमेंट की नौकरी का झांसा देकर नंदिनी को आर्यन खान ने किया किडनैप
- डोमजूर के फ्लैट में बंदी बनाकर किया गया यौन शोषण, लोहे की छड़ों और सिगरेट से दी गई यातना
- आरोपी श्वेता खान के प्रोडक्शन हाउस के जरिए बड़े human trafficking रैकेट की जांच में जुटी पुलिस
- राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने पुलिस से मांगी कार्रवाई रिपोर्ट, देशभर में गूंजा मामला
घटना की पृष्ठभूमि: एक सपने का टुकड़ा और एक भयानक सच्चाई
31 दिसंबर 2024 को जब 25 वर्षीय नंदिनी राव को एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी में आकर्षक नौकरी का ऑफर मिला, तो उसने सपने में भी नहीं सोचा था कि यह उसकी जिंदगी का सबसे भयावह मोड़ बनने जा रहा है। पश्चिम बंगाल के सोदपुर में रहने वाली इस युवा महिला को आर्यन खान नामक युवक ने ‘इसारा एंटरटेनमेंट’ नामक फर्जी प्रोडक्शन कंपनी के माध्यम से लुभाया, जो आगे चलकर एक बड़े human trafficking रैकेट की परतें खोलता नजर आ रहा है।
कैद और क्रूरता: 7 जून 2025 तक नर्क जैसा जीवन
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, नंदिनी को हावड़ा के डोमजूर इलाके के एक फ्लैट में बंदी बनाकर रखा गया था। वहाँ उसके साथ लगातार शारीरिक और मानसिक अत्याचार किए गए। लोहे की छड़ों से पीटा गया, सिगरेट के बटों से शरीर जलाया गया और बार-बार बलात्कार किया गया।
हद तो तब हुई जब नंदिनी के निजी अंगों में जबरदस्ती छड़ें डाली गईं। इस क्रूरता को संचालित करने वाले लोग केवल आर्यन खान ही नहीं थे, बल्कि उसकी मां श्वेता खान और नाबालिग जोया खान भी शामिल थीं। यह एक सुनियोजित human trafficking नेटवर्क का हिस्सा प्रतीत होता है।
जिस मुँह को चूमता था अब्दुल
उसी मुँह पर मारी जोरदार लात….नंदिनी और इस्लामिक मोहोब्बत की सच्चाई🚨
31 दिसंबर, 2024 को पश्चिम बंगाल के सोदपुर की 25 वर्षीय हिंदू महिला नंदिनी राव को आर्यन खान ने इवेंट मैनेजमेंट में आकर्षक नौकरी का वादा करके धोखा दिया ।
इसके बाद जो हुआ वह एक… pic.twitter.com/CuIiopbLB4
— Deepak Sharma (@SonOfBharat7) June 26, 2025
शोषण की रणनीति: बार डांसर और पोर्न वीडियो की योजना
नंदिनी ने पुलिस को बताया कि उसे जबरन अश्लील वीडियो शूट करने और बार डांसर के रूप में काम करने के लिए मजबूर किया गया। इन मांगों को ठुकराने पर उसके साथ हिंसा की तीव्रता और बढ़ा दी गई। यह पूरी प्रक्रिया इसारा एंटरटेनमेंट नामक कंपनी की आड़ में चलाई जा रही थी, जो अब पुलिस की जांच के दायरे में है।
यह मामला न केवल एक व्यक्तिगत उत्पीड़न का है, बल्कि यह एक अंतरराज्यीय human trafficking रैकेट का खुलासा भी करता है जो महिलाओं को धोखे से फंसा कर उनका यौन और आर्थिक शोषण करता है।
दादी बनीं फरिश्ता: भागने की कोशिश और एफआईआर
7 जून 2025 को जब आर्यन की दादी ने सीसीटीवी कैमरे बंद किए, तब नंदिनी को भागने का एक मौका मिला। उसने साहस दिखाते हुए वहाँ से भागने में सफलता पाई और तुरंत अपने परिवार से संपर्क किया।
उसके परिवार ने पहले खरदाह पुलिस स्टेशन और बाद में अधिकार क्षेत्र के अनुसार डोमजूर पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज कराई। FIR में न केवल यातनाओं का वर्णन है, बल्कि आरोपी के घर से बरामद मोबाइल फोन से मिले सबूत भी शामिल हैं, जो human trafficking और पोर्नोग्राफ़ी नेटवर्क की पुष्टि करते हैं।
गिरफ्तारी और जांच: किस पर क्या आरोप?
11 जून 2025 को आर्यन खान को कोलकाता के गोल्फ ग्रीन इलाके से गिरफ्तार किया गया, जबकि श्वेता खान को अलीपुर से पकड़ा गया। जोया खान को एक नाबालिग होने के कारण किशोर न्याय बोर्ड को सौंपा गया।
जांच में सामने आया है कि श्वेता खान, इस human trafficking रैकेट की मास्टरमाइंड थी, जिसने न केवल नंदिनी जैसी युवतियों को फंसाया, बल्कि एक संगठित अपराध को व्यवसाय के रूप में चला रही थी।
पुलिस की प्राथमिक जांच: अंतरराज्यीय रैकेट की कड़ियां
पुलिस को संदेह है कि इस प्रकरण की जड़ें केवल बंगाल तक सीमित नहीं हैं। जांच में यह संकेत मिला है कि आरोपी अन्य राज्यों में भी लड़कियों को बहकाकर उन्हे human trafficking में धकेलने का काम करते थे। पुलिस कई राज्यों की एजेंसियों से संपर्क में है ताकि इस रैकेट का नेटवर्क पूरी तरह उजागर किया जा सके।
राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रतिक्रिया और दबाव
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने इस मामले को “राष्ट्रीय महत्व” का बताते हुए पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक से विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है। आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा ने कहा —
“यह केवल एक महिला के खिलाफ अत्याचार नहीं है, बल्कि यह महिलाओं के खिलाफ संगठित यौन हिंसा और human trafficking का भयावह उदाहरण है। अपराधियों को शीघ्र और कठोर सजा मिलनी चाहिए।”
मीडिया और जनता की भूमिका: दबाव बनाम न्याय
सोशल मीडिया पर #JusticeForNandini और #StopHumanTrafficking जैसे हैशटैग्स ट्रेंड कर रहे हैं। इस मामले ने देशभर की महिलाओं में डर के साथ-साथ जागरूकता भी बढ़ाई है।
हालांकि कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने यह भी चेतावनी दी है कि इस मामले को हिंदू-मुस्लिम रंग देने की बजाय इसे एक human trafficking और महिला सुरक्षा के नजरिए से देखा जाना चाहिए।
न्याय की राह अभी बाकी है
नंदिनी राव का मामला केवल एक महिला के संघर्ष की कहानी नहीं है, यह उस सिस्टम की पोल खोलता है जो human trafficking जैसे संगठित अपराधों पर अंकुश लगाने में विफल हो रहा है।
जब तक दोषियों को कानूनी सजा नहीं मिलती और जब तक इस नेटवर्क की हर कड़ी को तोड़ा नहीं जाता, तब तक यह मामला अधूरा है। समाज, सरकार और न्यायपालिका को मिलकर इस मुद्दे पर ठोस कार्रवाई करनी होगी।