Hot Car Death

9 साल की बेटी को कार में छोड़ गई मां, 8 घंटे बाद लौटी तो बच्ची दम तोड़ चुकी थी!

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हाइलाइट्स

  • Hot Car Death का यह मामला अमेरिका के टेक्सास में सामने आया
  •  36 डिग्री सेल्सियस तापमान में 8 घंटे तक कार में बंद रही 9 साल की बच्ची
  •  मां ने खुद कबूला कि उसने खिड़कियां थोड़ी सी खोलकर बच्ची को पीछे सीट पर छोड़ा
  •  पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है, महिला को अस्थायी रूप से रिहा किया गया
  • अमेरिका में चार दिन में तीसरी Hot Car Death, पूरे साल में अब तक 13 मामले सामने आए

 अमेरिका में क्यों बढ़ रहे हैं Hot Car Death के मामले?

अमेरिका में गर्मी के मौसम के साथ-साथ Hot Car Death की घटनाएं भी तेजी से बढ़ रही हैं। ताज़ा मामला टेक्सास के हैरिस काउंटी से सामने आया है, जहां एक मां ने अपनी 9 साल की मासूम बच्ची को एक कार में बंद कर दिया और काम पर चली गई। 36 डिग्री सेल्सियस की झुलसाती गर्मी में कार के अंदर घंटों तक बंद रहने से बच्ची की मौत हो गई। इस दुखद घटना ने न सिर्फ समाज को झकझोर दिया, बल्कि अमेरिका में पैर पसारते Hot Car Death के संकट पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

 मां ने बच्ची को कार में क्यों छोड़ा?

यह घटना टेक्सास के गैलेना पार्क इलाके की है, जहां एक मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में काम करने वाली 36 वर्षीय महिला ने जानबूझकर अपनी 9 वर्षीय बेटी को टोयोटा कैमरी कार की पिछली सीट पर छोड़ दिया था। महिला का कहना है कि उसने बच्ची को थोड़ा पानी पिलाया था और कार की खिड़कियों को थोड़ा नीचे कर दिया था, ताकि हवा आ सके। लेकिन वह यह भूल गई कि Hot Car Death महज कुछ मिनटों की गर्मी से भी हो सकती है।

 8 घंटे बाद लौटी मां, तब तक हो चुकी थी बच्ची की मौत

महिला जब दोपहर करीब 2 बजे अपनी 8 घंटे की शिफ्ट के बाद वापस लौटी, तो उसने बच्ची को बेहोश हालत में पाया। तुरंत पुलिस को सूचना दी गई और बच्ची को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने इसे एक गंभीर मामला मानते हुए मां को हिरासत में लिया, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार होने के चलते अगले दिन उसे छोड़ दिया गया।

 पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस: “बच्चे को छोड़ने का कोई बहाना नहीं है”

हैरिस काउंटी पुलिस विभाग ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि “हमें नहीं पता कि पूरे दिन किसी ने उस बच्ची की हालत पर ध्यान दिया या नहीं। लेकिन बच्चे को अकेले छोड़ने का कोई तर्कसंगत कारण नहीं है।” पुलिस अधिकारियों का मानना है कि इस Hot Car Death को रोका जा सकता था।

 टेक्सास में Hot Car Death गैरकानूनी, फिर भी लापरवाही क्यों?

टेक्सास राज्य में कानून है कि 7 साल से छोटे बच्चों को कार में अकेला छोड़ना अवैध है, खासकर जब ड्राइवर 5 मिनट से ज्यादा दूर हो। लेकिन इसके बावजूद Hot Car Death के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे। बीते 4 दिनों में यह तीसरा ऐसा मामला है, और पूरे अमेरिका में अब तक 13 बच्चों की मौत इसी तरह हो चुकी है।

 क्या होता है Hot Car Death?

Hot Car Death उस स्थिति को कहा जाता है, जब किसी व्यक्ति, विशेषकर बच्चे की कार के अंदर अत्यधिक गर्मी से मौत हो जाती है। वैज्ञानिक रूप से, कार का इंटीरियर बाहर के तापमान की तुलना में 30 मिनट में ही 20 डिग्री ज़्यादा गर्म हो सकता है। अगर बाहर का तापमान 36 डिग्री है, तो कार के अंदर यह 55-60 डिग्री तक पहुंच सकता है। ऐसी स्थिति में शरीर का तापमान 40 डिग्री से ऊपर चला जाता है, जो जानलेवा हो सकता है।

 बच्चों में थर्मोरेग्युलेशन की क्षमता कम होती है

विशेषज्ञों के मुताबिक, बच्चों के शरीर में थर्मोरेग्युलेशन यानी शरीर का तापमान नियंत्रित करने की क्षमता वयस्कों की तुलना में कमजोर होती है। इसलिए गर्म कार में बंद बच्चे का शरीर जल्दी ही हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन का शिकार हो जाता है। यही कारण है कि Hot Car Death बच्चों में ज्यादा देखी जाती है।

 माता-पिता की लापरवाही या अनजाने भूल?

अक्सर ये हादसे दो वजहों से होते हैं: एक, माता-पिता जानबूझकर बच्चों को कार में छोड़कर काम या बाजार चले जाते हैं; दूसरा, कभी-कभी लोग बच्चों को भूल जाते हैं, खासकर जब उनकी दिनचर्या में बदलाव होता है। लेकिन Hot Car Death एक ऐसी त्रासदी है, जिसे थोड़ी सी सतर्कता से रोका जा सकता है।

 अमेरिका में लॉन्च हुआ है ‘कार अलार्म सिस्टम’

Hot Car Death से बचाने के लिए अमेरिका में कई कार निर्माता कंपनियां कार अलर्ट सिस्टम बना रही हैं, जो ड्राइवर को याद दिलाते हैं कि कार में पीछे सीट पर कोई है। कुछ स्मार्टफोन ऐप्स भी उपलब्ध हैं जो बच्चों को कार में छोड़ने पर अलर्ट भेजती हैं।

 कानून बनाना ही काफी नहीं, ज़रूरी है जागरूकता

हालांकि टेक्सास जैसे कई राज्यों में Hot Car Death रोकने के लिए कानून बने हैं, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि अकेले कानून काफी नहीं। ज़रूरत है जागरूकता की। अगर मां को यह एहसास होता कि 36 डिग्री तापमान में कार के भीतर क्या होगा, तो शायद 9 साल की मासूम की जान बच सकती थी।

बच्ची की मौत से उठे सवाल: क्या मां पर लगेगा हत्या का आरोप?

फिलहाल पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। रिपोर्ट के आधार पर यह तय होगा कि मां पर गैर-इरादतन हत्या (Manslaughter) या जानबूझकर लापरवाही (Negligent Homicide) का मामला बनेगा या नहीं। लेकिन बच्ची की मौत ने अमेरिका में फिर से Hot Car Death पर बहस छेड़ दी है।

Hot Car Death को रोका जा सकता है, बस ज़रूरत है सतर्कता की

9 साल की मासूम बच्ची की मौत सिर्फ एक हादसा नहीं, एक सबक है। Hot Car Death एक ऐसी त्रासदी है जो पूरी तरह से रोकी जा सकती है—अगर हम सतर्क रहें, जागरूक बनें और अपनी आदतों में थोड़े से बदलाव करें।

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