15 अगस्त पर तिरंगा फहराने से पहले ज़रूर पढ़ें ये नियम, वरना हो सकती है जेल की सज़ा

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हाइलाइट्स

  • तिरंगा फहराने के लिए ध्वज संहिता में तय नियमों का पालन करना अनिवार्य है।
  • सूर्योदय से सूर्यास्त तक तिरंगा फहराने की परंपरा, अब रोशनी में रात में भी संभव।
  • तिरंगा फहराते समय केसरिया रंग हमेशा ऊपर रहना चाहिए।
  • क्षतिग्रस्त तिरंगे का सम्मानजनक निपटान करना जरूरी है।
  • गलत तरीके से तिरंगा फहराने पर तीन साल तक की सजा हो सकती है।

स्वतंत्रता दिवस और तिरंगा फहराने की परंपरा

हर साल 15 अगस्त को भारतभर में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। यह दिन तिरंगा फहराने और उन लाखों शहीदों को याद करने का अवसर है, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना देश को आज़ाद करवाया। 15 अगस्त 1947 को देश ने लगभग 200 वर्षों की ब्रिटिश गुलामी से मुक्ति पाई और तिरंगे ने पहली बार लाल किले पर शान से लहराया।

तब से लेकर आज तक, तिरंगा फहराने की परंपरा हर स्कूल, सरकारी दफ़्तर, निजी संस्थान और आम नागरिक के बीच एक गर्व और सम्मान का प्रतीक बन चुकी है। लेकिन क्या हम सभी जानते हैं कि तिरंगा फहराने के लिए कुछ निश्चित नियम और प्रोटोकॉल भी हैं, जिनका पालन करना हर नागरिक का कर्तव्य है?

तिरंगा फहराने का समय और तरीका

सूर्योदय से सूर्यास्त तक

पारंपरिक रूप से तिरंगा फहराने का समय सूर्योदय से सूर्यास्त तक तय है। इस दौरान तिरंगे को सम्मानपूर्वक फहराया और उतारा जाता है।

रात में तिरंगा फहराने की अनुमति

2022 में भारतीय ध्वज संहिता में संशोधन के बाद अब तिरंगे को रात में भी फहराया जा सकता है, बशर्ते कि वह उचित रोशनी में स्पष्ट दिखाई दे।

होइस्टिंग का महत्व

स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा “होइस्ट” यानी नीचे से ऊपर की ओर खींचकर फहराया जाता है, जो औपनिवेशिक शासन पर विजय का प्रतीक है।

तिरंगा फहराने के दौरान करने योग्य बातें

1. सम्मानपूर्वक फहराना

ध्वज को तेज़ी से फहराएं और धीरे-धीरे उतारें। यह तिरंगे के सम्मान का प्रतीक है।

2. सही रंग व्यवस्था

तिरंगा फहराने के समय केसरिया रंग हमेशा ऊपर की ओर होना चाहिए।

3. प्रमुख स्थान पर लगाना

तिरंगे को ऐसे स्थान पर फहराएं जहां उसकी गरिमा बनी रहे और कोई वस्तु उसे ढक न सके।

4. सही अनुपात

तिरंगे का अनुपात 3:2 (लंबाई:चौड़ाई) होना अनिवार्य है।

5. साफ और अखंड ध्वज

तिरंगा हमेशा साफ और बिना फटा होना चाहिए।

तिरंगा फहराने के दौरान न करने योग्य बातें

अपमानजनक प्रयोग वर्जित

तिरंगे को कभी भी सलामी देने के लिए झुकाना (Dip) मना है।

उल्टा न फहराएं

केसरिया पट्टी नीचे रखना या तिरंगे को उल्टा फहराना अपमानजनक है।

ज़मीन या पानी से संपर्क नहीं

तिरंगा फहराने के दौरान ध्वज का जमीन, फर्श या पानी को छूना असम्मान है।

व्यावसायिक उपयोग वर्जित

तिरंगे का प्रयोग कपड़े, कुशन, नैपकिन आदि पर नहीं किया जा सकता।

ढकने के लिए उपयोग नहीं

तिरंगे का प्रयोग भवन, वाहन या मंच को ढकने के लिए नहीं किया जा सकता।

कानूनी प्रावधान और सज़ा

राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम, 1971 के तहत तिरंगा फहराने के नियम तोड़ने पर तीन साल तक की कैद, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

नागरिकों की भूमिका

2002 के संशोधन के बाद अब कोई भी नागरिक, संस्था या संगठन अपने घर या दफ़्तर में तिरंगा फहराने का अधिकार रखता है, बशर्ते कि सभी नियमों का पालन किया जाए।

स्वतंत्रता दिवस केवल एक राष्ट्रीय पर्व नहीं, बल्कि यह देश की आत्मा, एकता और बलिदान का प्रतीक है। तिरंगा फहराने का असली अर्थ तभी पूरा होता है जब हम उसके सम्मान और गरिमा को बनाए रखें। इस 15 अगस्त को आइए, हम सभी तिरंगे को सही तरीके से फहराएं और अपने देश के प्रति निष्ठा का संकल्प लें।

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