हाइलाइट्स
- एक हिंदू परिवार ने अपनी बेटी की Hindu Muslim Marriage के बाद दूसरी बेटी की शादी भी मुस्लिम युवक से करने का ऐलान किया।
- मुस्लिम दामाद को उसकी साली के साथ देखे जाने के बाद भी परिवार ने नहीं जताई आपत्ति।
- समाज और रिश्तेदारों में इस फैसले को लेकर मचा बवाल, लेकिन परिवार अपने फैसले पर अडिग।
- वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस और सामाजिक संगठनों की भी पड़ी नजर।
- मामला उत्तर प्रदेश के छोटे शहर से सामने आया, जहां Hindu Muslim Marriage पहले से ही संवेदनशील मुद्दा है।
मामला क्या है?
उत्तर प्रदेश के एक छोटे से कस्बे में Hindu Muslim Marriage से जुड़ा एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक हिंदू परिवार ने अपनी बड़ी बेटी की शादी एक मुस्लिम युवक से कर दी। आमतौर पर इस तरह की शादियां सामाजिक और धार्मिक विवादों को जन्म देती हैं, लेकिन इस परिवार का रवैया औरों से बिल्कुल अलग निकला।
खास बात यह है कि शादी के कुछ ही समय बाद वह मुस्लिम युवक अपनी साली यानी पत्नी की छोटी बहन के साथ अक्सर देखे जाने लगा। समाज में यह चर्चा का विषय बन गया, लेकिन लड़की के परिवार ने इसे लेकर कोई आपत्ति नहीं जताई, बल्कि अब यह परिवार अपनी दूसरी बेटी की शादी भी एक मुस्लिम युवक से करने की बात कर रहा है।
परिवार का तर्क क्या है?
इस घटना को लेकर जब मीडिया ने परिवार से बात की तो उन्होंने खुलकर कहा कि उन्हें मुस्लिम दामाद से कोई आपत्ति नहीं है। बड़ी बेटी की शादी उन्होंने उसकी इच्छा से की और अब छोटी बेटी की इच्छा भी यदि मुस्लिम युवक से विवाह करने की है, तो उन्हें कोई परेशानी नहीं।
परिवार का कहना है कि उन्हें रिश्तों की सच्चाई और ईमानदारी पर विश्वास है, धर्म पर नहीं। उन्होंने बताया कि उनके लिए धर्म से ज़्यादा ज़रूरी उनकी बेटियों की खुशी है।
A Hindu family married their daughter to a Muslim man, who has reportedly been seen with her sister.
The family is now saying they will marry their other daughter to a Muslim man. pic.twitter.com/xemenLb0Sp
— Treeni (@TheTreeni) July 8, 2025
समाज में मचा बवाल
Hindu Muslim Marriage जैसे मामलों पर पहले भी समाज में तीखी प्रतिक्रिया देखी गई है। इस मामले में भी परिवार के रिश्तेदार, स्थानीय पंचायत और अन्य ग्रामीण इस निर्णय से नाखुश हैं।
पंचायत ने परिवार को चेतावनी दी है कि वे इस तरह की शादियों से गांव में धार्मिक असंतुलन पैदा कर रहे हैं। कई सामाजिक संगठन भी इस मामले को लेकर विरोध दर्ज करा चुके हैं।
पंचायत की चेतावनी
गांव की पंचायत ने परिवार को बुलाकर स्पष्ट शब्दों में कहा कि वे इस तरह के संबंधों से गांव की सांप्रदायिक शांति को खतरे में डाल रहे हैं। अगर परिवार ने दूसरी बेटी की शादी मुस्लिम युवक से की, तो उन्हें सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ सकता है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
मामला तब और अधिक चर्चित हुआ जब मुस्लिम दामाद का अपनी साली के साथ बाजार में घूमते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। लोग सवाल उठाने लगे कि क्या यह मामला सिर्फ Hindu Muslim Marriage का है या इसके पीछे कोई और साजिश है।
पुलिस भी जांच में जुटी
स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने वीडियो को संज्ञान में लिया है। अभी तक किसी आपराधिक प्रवृत्ति की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन पुलिस परिवार और युवक से पूछताछ कर रही है।
एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए हर पहलू की जांच की जा रही है।
क्या कहती हैं बेटियां?
बड़ी बेटी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मेरी शादी मेरी मर्जी से हुई है और मैं बहुत खुश हूं। मेरी बहन किससे शादी करेगी, यह उसका निजी निर्णय है। हमारे परिवार ने हमेशा हमें स्वतंत्रता दी है और हम किसी भी दबाव में नहीं हैं।”
छोटी बेटी ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि धर्म के आधार पर किसी रिश्ते को रोका जाना चाहिए। मेरा फैसला मेरा होगा और मैं वही करूंगी जो मुझे सही लगेगा।”
धार्मिक संगठन और राजनेता भी मैदान में
Hindu Muslim Marriage को लेकर पहले भी कई बार धार्मिक संगठनों और राजनेताओं ने बयानबाज़ी की है। इस बार भी मामला तूल पकड़ने के बाद कुछ संगठनों ने इसे “लव जिहाद” का नाम देते हुए विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
विश्व हिंदू परिषद का बयान
विहिप के स्थानीय संयोजक ने कहा, “ऐसी शादियां समाज को तोड़ने का प्रयास हैं। हम इस पर चुप नहीं बैठेंगे। प्रशासन को सख्त कदम उठाने चाहिए।”
विशेषज्ञों की राय
समाजशास्त्रियों का कहना है कि Hindu Muslim Marriage जैसे विषयों पर समाज में सहिष्णुता की बेहद ज़रूरत है। अगर दोनों पक्ष बालिग हैं और कानूनी रूप से विवाह कर रहे हैं, तो समाज को दखल नहीं देना चाहिए।
दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. अनिल वर्मा कहते हैं, “भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में हर व्यक्ति को अपना जीवन साथी चुनने का अधिकार है। यह मुद्दा अगर सिर्फ सामाजिक मतभेदों तक सीमित रहे तो ठीक है, लेकिन इसे राजनीतिक या धार्मिक हथियार बनाना खतरनाक हो सकता है।”
यह मामला सिर्फ एक Hindu Muslim Marriage का नहीं है, बल्कि यह उस सामाजिक बदलाव का संकेत भी है जिसमें व्यक्ति की स्वतंत्रता और पसंद को महत्व दिया जा रहा है।
जहां एक ओर समाज और पंचायतें अब भी धर्म के आधार पर रिश्तों को तय करने की बात करती हैं, वहीं दूसरी ओर ऐसे परिवार भी सामने आ रहे हैं जो अपने बच्चों के निर्णय का सम्मान करते हैं।
यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में यह मामला क्या मोड़ लेता है – सामाजिक बहिष्कार की ओर, प्रशासनिक कार्रवाई की ओर या फिर नई सामाजिक सोच की ओर।