हाइलाइट्स
- हिमाचल की घटना ‘Grandmother Rape Case’ ने रिश्तों की पवित्रता पर गहरे सवाल खड़े किए
- 25 वर्षीय युवक ने 65 वर्षीय दादी के साथ किया बलात्कार, मामला दर्ज
- महिला ने पुलिस में दर्ज कराई शिकायत, आरोपी ने दी थी जान से मारने की धमकी
- आरोपी को पुलिस ने अगले ही दिन किया गिरफ्तार, जांच जारी
- समाज में बढ़ रही विकृति पर उठे सवाल, मानसिक स्वास्थ्य पर फिर बहस शुरू
शिमला के रोहड़ू में शर्मसार कर देने वाला ‘Grandmother Rape Case’
हिमाचल प्रदेश जैसे शांत और संस्कारी राज्य से एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया है। ‘Grandmother Rape Case’ में 25 साल के एक पोते ने अपनी ही 65 वर्षीय दादी को हवस का शिकार बना डाला। यह घटना राज्य के शिमला जिले के रोहड़ू क्षेत्र की है, जहां रिश्तों की मर्यादा को रौंदने वाला यह कृत्य सामने आया है।
पीड़िता ने अपनी आपबीती पुलिस में दर्ज कराई, जिसमें उसने बताया कि उसका पोता 3 जुलाई को दोपहर के समय घर आया और उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए। इतना ही नहीं, आरोपी ने दादी को किसी से कुछ कहने पर जान से मारने की धमकी भी दी।
पीड़िता की आपबीती ने किया समाज को शर्मसार
इस Grandmother Rape Case में पीड़िता ने बताया कि वह अपने पति की मौत के बाद से घर में अकेली रह रही थी। इस बीच उसका पोता मिलने आया, लेकिन मुलाकात प्यार और सम्मान की नहीं, बल्कि दरिंदगी की मिसाल बन गई।
दादी ने हिम्मत जुटाकर पुलिस से संपर्क किया और आरोपी के खिलाफ केस दर्ज करवाया। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी युवक को 4 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने दर्ज किया केस: भारतीय न्याय संहिता के तहत धाराएं लगाई गईं
पुलिस ने इस Grandmother Rape Case में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की निम्न धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज किया है:
- धारा 64 (2) – बलात्कार
- धारा 332 (बी) – जबरन घर में प्रवेश
- धारा 351 (3) – आपराधिक धमकी देना
डीएसपी प्रणव चौहान ने बताया कि यह मामला बेहद संवेदनशील है और इसकी जांच पूरी गंभीरता के साथ की जा रही है। आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
परिवारिक ढांचा और नैतिकता पर गहरे सवाल
इस Grandmother Rape Case ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आज के युवा किस दिशा में जा रहे हैं। क्या कारण है कि अपनों के प्रति भी संवेदनाएं समाप्त हो रही हैं? क्यों एक पोता उस स्त्री पर बुरी नजर डाल सकता है, जो मां से बढ़कर होती है?
विशेषज्ञों का मानना है कि आधुनिकता की अंधी दौड़ में नैतिक शिक्षा और पारिवारिक मूल्यों की उपेक्षा ही ऐसे मामलों का कारण बनती जा रही है।
समाजशास्त्रियों और मनोचिकित्सकों की राय
समाजशास्त्री डॉ. रेखा भारद्वाज का कहना है:
“यह केवल एक Grandmother Rape Case नहीं है, बल्कि हमारे सामाजिक ताने-बाने में आई दरार का संकेत है। जब बच्चों को बचपन से ही रिश्तों की मर्यादा नहीं सिखाई जाती, तो ऐसे जघन्य अपराध जन्म लेते हैं।”
मनोचिकित्सक डॉ. सुमित गोयल ने बताया:
“पोते द्वारा दादी के साथ बलात्कार जैसी घटनाएं मानसिक विकृति और यौन कुंठा का परिणाम हो सकती हैं। डिजिटल अश्लीलता, पोर्न की लत और मानसिक स्वास्थ्य उपेक्षा इसका मूल कारण हो सकते हैं।”
महिला सुरक्षा और वृद्ध जनों की सुरक्षा की जरूरत
Grandmother Rape Case जैसे मामले यह भी बताते हैं कि आज अकेली रहने वाली वृद्ध महिलाओं की सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा बनती जा रही है। सरकार को चाहिए कि वह वृद्धजनों की सुरक्षा के लिए अलग से हेल्पलाइन और निगरानी तंत्र विकसित करे।
राज्य सरकार ने आश्वासन दिया है कि मामले की निष्पक्ष जांच होगी और आरोपी को सख्त से सख्त सजा दी जाएगी।
इंटरनेट पर लोगों का फूटा गुस्सा
जैसे ही यह Grandmother Rape Case सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, लोग गुस्से से भर उठे। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर #JusticeForGrandmother ट्रेंड करने लगा। लोग इस घिनौने अपराध के लिए फांसी की मांग कर रहे हैं।
कानून और सज़ा: क्या है उम्मीद?
इस Grandmother Rape Case में अगर आरोपी पर आरोप सिद्ध हो जाते हैं, तो उसे उम्रकैद या आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। हालांकि, पीड़िता की उम्र और मानसिक स्थिति को देखते हुए अदालत से कड़ी सजा की उम्मीद जताई जा रही है।
इस Grandmother Rape Case ने केवल एक परिवार को नहीं, बल्कि पूरे समाज को हिला दिया है। यह घटना उस सड़े हुए सोच का उदाहरण है जो रिश्तों की मर्यादा को तिलांजलि देकर सिर्फ वासना की भाषा समझती है।
अब समय आ गया है कि समाज इस तरह की घटनाओं को केवल ‘समाचार’ नहीं, बल्कि ‘सबक’ की तरह ले और बच्चों को शुरू से ही नैतिक शिक्षा देना शुरू करे।