आखिर समोसा किस देश से भारत आया था? जवाब जानकर हैरान रह जाएंगे आप

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हाइलाइट्स

  • समोसा किस देश से भारत आया था: समोसा मूल रूप से ईरान और मध्य-पूर्व से भारत पहुंचा, जहां इसे संबूसाक कहा जाता था।
  • समोसे का सबसे पुराना जिक्र 11वीं सदी के ईरानी इतिहासकार अबुल फजल बेहाकी ने किया।
  • शुरू में समोसे में मांस, मेवे और सब्जियां भरी जाती थीं, आलू बाद में जुड़ा।
  • पुर्तगालियों के जरिए आलू भारत आया और फिर समोसे की पहचान बदल गई।
  • आज भारत में आलू वाला समोसा सबसे फेमस और लोकप्रिय वर्जन माना जाता है।

भारत में अगर किसी स्नैक को राष्ट्रीय पहचान दी जाए तो वह समोसा ही होगा। बारिश की टिप-टिप, सर्दियों की शाम, ऑफिस की थकान या दोस्तों की पार्टी, हर मौके पर समोसा अपनी मौजूदगी से माहौल को और भी खास बना देता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि समोसा किस देश से भारत आया था? क्या यह हमेशा से भारत का पारंपरिक स्नैक था या इसकी कहानी कहीं और से शुरू हुई?

इस सवाल का जवाब हमें इतिहास, संस्कृति और खानपान की यात्रा कराता है। आइए जानते हैं समोसे के इस दिलचस्प सफर के बारे में।

समोसा किस देश से भारत आया था?

इतिहासकारों के मुताबिक, समोसा किस देश से भारत आया था इसका जवाब है—ईरान और मध्य पूर्व। वहां इसे “संबूसाक” या “संबूसज” कहा जाता था। धीरे-धीरे यह नाम बदलते-बदलते भारत में “समोसा” बन गया।

11वीं सदी में ईरानी इतिहासकार अबुल फजल बेहाकी ने अपनी किताब तारीख-ए-बहाकी में समोसे का जिक्र किया था। उन्होंने बताया कि गजनवी साम्राज्य के शाही दरबार में एक खास नमकीन डिश परोसी जाती थी जिसमें मांस और सूखे मेवे भरे होते थे।

भारत तक समोसे का सफर

13वीं और 14वीं शताब्दी में जब मध्य एशिया से व्यापारी और मुस्लिम शासक भारत आए, तो उनके साथ समोसा भी भारत की धरती पर पहुंचा।

  • अमीर खुसरो और इब्न बतूता जैसे लेखकों ने भी समोसे का जिक्र किया है।
  • इब्न बतूता ने मोहम्मद बिन तुगलक के दरबार में समोसे को लोकप्रिय स्नैक बताया।
  • शुरुआत में समोसा आम जनता की पहुंच से दूर, अमीरों और शासकों के लिए खास डिश हुआ करता था।

धीरे-धीरे यह व्यंजन भारत के अलग-अलग इलाकों में फैल गया और यहां की संस्कृति और स्वाद के मुताबिक बदलता चला गया।

समोसे में आलू कब आया?

समोसा किस देश से भारत आया था जानने के बाद अगला बड़ा सवाल है—समोसे में आलू कब और कैसे आया?

असल में, आलू भारत का नहीं बल्कि पुर्तगाल का तोहफा था। 16वीं सदी में पुर्तगाली व्यापारी जब भारत आए, तो वे आलू अपने साथ लाए। उससे पहले समोसे में मांस, मेवे या हरी सब्जियां भरी जाती थीं।

जब आलू भारत में लोकप्रिय हुआ, तब लोगों ने समोसे में मांस की जगह मसालेदार आलू और मटर भरना शुरू किया। इस बदलाव ने समोसे को भारत के हर वर्ग के लोगों तक पहुंचा दिया।

भारतीय समोसे की लोकप्रियता

आज समोसा भारत के हर गली-मोहल्ले में मिलता है। चाहे सड़क किनारे का ठेला हो या पांच सितारा होटल, समोसा हर जगह शान से परोसा जाता है।

  • आलू वाले समोसे के अलावा आज कई तरह के वेरिएंट मिलते हैं।
  • पनीर समोसा, नूडल्स समोसा, कॉर्न-चीज़ समोसा और चॉकलेट समोसा जैसे नए प्रयोग लोगों में लोकप्रिय हो रहे हैं।
  • फिर भी सबसे ज़्यादा खाया और पसंद किया जाने वाला वर्जन वही है जिसमें आलू और मटर की मसालेदार फिलिंग होती है।

समोसा और भारतीय संस्कृति

यह कहना गलत नहीं होगा कि भारत ने समोसे को अपनाकर उसे अपनी संस्कृति का हिस्सा बना लिया। आज कोई भी त्योहार, शादी या खास मौके की कल्पना समोसे के बिना अधूरी मानी जाती है।

समोसा किस देश से भारत आया था इस सवाल का जवाब भले ही भारत से बाहर की ओर इशारा करता है, लेकिन आज यह स्नैक भारतीय पहचान का हिस्सा बन चुका है।

समोसा किस देश से भारत आया था—यह सवाल हमें उसकी लंबी और स्वादिष्ट यात्रा की ओर ले जाता है। ईरान और मध्य पूर्व से आया यह व्यंजन भारत में आकर आलू की फिलिंग से जुड़कर “भारतीय समोसा” बन गया। आज यह सिर्फ एक स्नैक नहीं, बल्कि भारत की खानपान संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है।

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