हाइलाइट्स
- forensic report अब सुलझाएगी रहस्य, सीवेज से निकलीं खोपड़ियों और हड्डियों की गुत्थी
- एमएन क्रेडेंस फ्लोरा अपार्टमेंट के सीवेज की सफाई के दौरान सामने आया अजीब मामला
- मजदूरों को मिलीं इंसानी खोपड़ी जैसी संरचनाएं और हड्डियां, पुलिस और फॉरेंसिक टीम सक्रिय
- रहवासियों ने जताई आशंका—क्या ये जगह पहले श्मशान घाट थी?
- रहवासियों के बीच फैला डर, 10 वर्षों से रह रहे लोगों को नहीं थी जानकारी
Forensic Report ही खोलेगी राज़ की परतें
बेंगलुरु के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में स्थित एमएन क्रेडेंस फ्लोरा अपार्टमेंट इस समय शहर का सबसे बड़ा रहस्यमयी केंद्र बन गया है। 16 जून को जब अपार्टमेंट के सीवेज सिस्टम की नियमित सफाई हो रही थी, तो मजदूरों को ऐसी चीजें मिलीं, जिन्हें देखकर वे अवाक रह गए। सफाई के दौरान सीवेज से निकलीं हड्डियों और खोपड़ियों जैसी संरचनाएं, इलाके में सनसनी फैलाने के लिए काफी थीं।
इन अवशेषों को लेकर जो पहला और सबसे बड़ा सवाल उठता है, वह यह है कि क्या ये वाकई इंसानी हड्डियां हैं? या किसी जानवर के अवशेष? इन सवालों का जवाब अब सिर्फ एक ही संस्था दे सकती है—forensic report। पुलिस ने हड्डियों को तुरंत फॉरेंसिक लैब भेजा है, और रिपोर्ट का इंतजार जारी है।
सीवेज की गहराई में छिपा था रहस्य
अपार्टमेंट में 16 सीवेज गड्ढे, लेकिन सिर्फ एक से मिलीं हड्डियां
एमएन क्रेडेंस फ्लोरा अपार्टमेंट में कुल 45 फ्लैट्स हैं और करीब 16 सीवेज कनेक्शन गड्ढे बने हुए हैं। हैरानी की बात यह रही कि ये हड्डियां सिर्फ एक ही गड्ढे से मिलीं। यह वही गड्ढा है जो अपार्टमेंट की पार्किंग के पास स्थित है। सफाई के लिए यह कार्य कई बार टाला जा चुका था और स्थानीय नगर निकाय द्वारा बार-बार नोटिस देने के बाद ही यह काम शुरू हुआ।
मजदूरों की तत्परता से सामने आया सच
जैसे ही मजदूरों को ये संदिग्ध चीजें दिखीं, उन्होंने तुरंत रेजिडेंट्स एसोसिएशन को इसकी जानकारी दी। एसोसिएशन ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस को सूचित किया। स्थानीय थाने की पुलिस टीम तत्काल मौके पर पहुंची और जांच की प्रक्रिया शुरू की।
क्या कहती है पुलिस और वैज्ञानिक टीम?
पुलिस का कहना है कि प्रथम दृष्टया ये इंसानी हड्डियों जैसी प्रतीत होती हैं, लेकिन अंतिम पुष्टि सिर्फ forensic report ही करेगी। इस रिपोर्ट के आने के बाद ही तय होगा कि यह कोई पुराना अवशेष है, कोई आपराधिक गतिविधि का हिस्सा है या फिर किसी धार्मिक गतिविधि का प्रतीक।
धारा 194(3)(iv) के तहत मामला दर्ज
पुलिस ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 194(3)(iv) के तहत मामला दर्ज कर लिया है, जो किसी अज्ञात शव या अस्थि को लेकर की जा रही जांच को प्रावधानित करती है। जांच में एक विशेष टीम को लगाया गया है जो अपार्टमेंट के इतिहास से लेकर आस-पास की भूमि पर भी अध्ययन कर रही है।
श्मशान घाट की पुरानी यादें—अतीत का कोई कनेक्शन?
रहवासियों का कहना है कि उन्हें स्थानीय बुजुर्गों से यह सुनने को मिला था कि इस जमीन पर कभी श्मशान घाट हुआ करता था। हालांकि इस पर कोई आधिकारिक दस्तावेज नहीं हैं। अगर यह बात सही है तो यह हड्डियां पुरानी धार्मिक गतिविधियों का हिस्सा हो सकती हैं। फिर भी, पुलिस और फॉरेंसिक विभाग इस थ्योरी को forensic report के बाद ही स्वीकार या खारिज करेगा।
रहवासियों में फैला भय और अनिश्चितता
10 वर्षों से रह रहे लोगों में अब सवालों का सैलाब
इस घटना के बाद से अपार्टमेंट में रह रहे लोगों में दहशत का माहौल है। कई लोग 8–10 वर्षों से यहां रह रहे हैं, लेकिन कभी किसी ने इस तरह की कोई आशंका नहीं जताई थी। अब रहवासियों के मन में लगातार सवाल उठ रहे हैं—
- क्या इस जगह का अतीत सच में डरावना था?
- क्या कहीं कोई अपराध तो नहीं छुपा हुआ है?
- क्या आगे भी ऐसे अवशेष सामने आ सकते हैं?
स्थानीय निकाय पर भी उठे सवाल
देरी से सफाई, नोटिस के बावजूद कार्रवाई नहीं
यह भी सामने आया कि अपार्टमेंट एसोसिएशन को कई बार नगर निगम द्वारा नोटिस भेजे गए थे, लेकिन सफाई का कार्य लगातार टलता रहा। यदि समय रहते यह कार्य होता, तो शायद यह रहस्य पहले ही सामने आ जाता। अब प्रशासन पर भी जवाबदेही तय करने की मांग उठ रही है।
Forensic Report बन गई है अंतिम कुंजी
इस पूरी घटना की सच्चाई का पर्दाफाश अब पूरी तरह से forensic report पर निर्भर करता है। पुलिस और रहवासी दोनों ही इस रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं, जो आने वाले दिनों में कई रहस्यों को उजागर कर सकती है।
क्या यह मामला एक इतिहास से जुड़ी पुरानी परंपरा है, या कोई छुपा हुआ अपराध? क्या इसमें किसी की लापरवाही या अनदेखा अपराध है? जवाब जल्द ही सामने होंगे।
एमएन क्रेडेंस फ्लोरा अपार्टमेंट का यह मामला केवल एक सीवेज सफाई घटना नहीं, बल्कि बेंगलुरु की शहरी संरचना में छिपे अतीत और रहस्यों की गहराई को भी उजागर करता है। इस घटना ने न केवल रहवासियों को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि प्रशासन और पुलिस के लिए भी चुनौतीपूर्ण सवाल खड़े कर दिए हैं।
अब सभी की निगाहें forensic report पर टिकी हैं, जो यह बताएगी कि क्या यह सिर्फ एक पुरानी याद है, या एक ऐसा राज़ जो अब तक दफन था।