ध्यान के नाम पर मौत की गुफा में छिपी थी रूसी महिला, दो बेटियों संग जो किया वो चौंकाने वाला था

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हाइलाइट्स

  • Foreign Woman India: गोकर्ण के जंगल में एक रूसी महिला अपनी दो बच्चियों संग खतरनाक गुफा में रह रही थी
  • महिला का दावा – ध्यान और प्रार्थना के लिए एकांत की तलाश में जंगल में रह रही थी
  • 6 और 4 साल की बच्चियों के साथ बिना सुरक्षा के रहना बना खतरे का कारण
  • पुलिस ने किया रेस्क्यू, अब कर्नाटक के आश्रम में रह रही है विदेशी महिला
  • वीजा की वैधता समाप्त, दस्तावेज भी जंगल में ही मिले

गोकर्ण (कर्नाटक) – भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित पवित्र स्थल गोकर्ण के गहरे जंगलों से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक Foreign Woman India में बिना वीज़ा वैधता और बच्चों की सुरक्षा की अनदेखी करते हुए, ध्यान और प्रार्थना के लिए खतरनाक गुफा में रह रही थी। इस महिला का नाम नीना कुटीना है, जो रूस की नागरिक है और अपनी दो मासूम बेटियों के साथ रामतीर्थ पहाड़ी क्षेत्र की एक दुर्गम गुफा में निवास कर रही थी।

यह मामला तब सामने आया जब गोकर्ण पुलिस ने नियमित गश्त के दौरान जंगल में हलचल देखी और वहां पहुंचकर तीन लोगों को बेहद असुरक्षित परिस्थितियों में पाया।

खतरनाक इलाके में ‘ध्यान की साधना’: बच्चों की सुरक्षा पर सवाल

नीना कुटीना का कहना है कि वह गोवा से गोकर्ण केवल ध्यान और आध्यात्मिक साधना के उद्देश्य से आई थी। उसने रामतीर्थ पहाड़ी पर स्थित एक गुफा को अपना ठिकाना बना लिया था। हालांकि यह स्थान पर्यटकों के लिए तो आकर्षण का केंद्र हो सकता है, लेकिन वहां भूस्खलन, जहरीले जीव-जंतुओं और जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है।

उसके साथ दो छोटी बच्चियां भी थीं – प्रेमा (6 वर्ष 7 महीने) और अमा (4 वर्ष)। ये दोनों बच्चियां किसी प्रकार की स्कूलिंग, चिकित्सा सुविधा या सुरक्षा घेरे से दूर, जंगल के भीतर प्राकृतिक खतरे में रह रही थीं।

Foreign Woman India: कैसे हुआ खुलासा?

9 जुलाई की शाम, गोकर्ण पुलिस ने रूटीन गश्त के दौरान पहाड़ी क्षेत्र में हलचल देखी। जब वे मौके पर पहुंचे तो उन्होंने एक विदेशी महिला और दो बच्चियों को झाड़ियों के पीछे देखा। शुरुआती पूछताछ में महिला ने ध्यान की बात कही और पुलिस को बताया कि वह “शहरी भागदौड़ से दूर एकांत में अध्यात्म खोज रही है।”

पुलिस ने तुरंत महिला की काउंसलिंग की और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए उन्हें वहां से बाहर निकाला।

आश्रम में स्थानांतरण: आध्यात्मिकता और कानून का टकराव

पुलिस की मदद से महिला और उसकी बेटियों को गोकर्ण से सुरक्षित स्थान पर लाया गया और उसके अनुरोध पर उन्हें कुमटा तालुका के बंकिकोडला गाँव के एक आश्रम में भेजा गया। इस आश्रम की देखरेख स्वामी योगरत्न सरस्वती नाम की साध्वी करती हैं, जो स्वयं एक विदेशी महिला रही हैं और अब भारत में संन्यासिनी जीवन जी रही हैं।

यहां उन्हें मूलभूत सुविधाएं, सुरक्षा और भोजन मुहैया कराया जा रहा है।

वीज़ा और पासपोर्ट पर छाया संदेह: Foreign Woman India की वैधता पर सवाल

जब नीना से वीज़ा और पासपोर्ट की जानकारी मांगी गई, तो उसने पहले हिचकिचाते हुए जवाब दिया। बाद में पुलिस ने तलाशी अभियान में उसके दस्तावेज उसी गुफा से बरामद किए।

जांच में पाया गया कि:

  • नीना ने 2017 में एक बिजनेस वीज़ा पर भारत प्रवेश किया था।
  • उसकी वीजा वैधता समाप्त हो चुकी थी।
  • वह 2018 में दोबारा भारत आई, लेकिन उसके बाद वीजा नवीनीकरण नहीं कराया।

इस आधार पर Foreign Woman India की भारत में मौजूदगी पूरी तरह से अवैध मानी जा सकती है।

बच्चियों के अधिकार और सुरक्षा: बाल कल्याण समिति की चिंता

इस पूरी घटना में सबसे चिंताजनक पक्ष रहा दो मासूम बच्चियों की सुरक्षा।

  • उनके पास कोई स्कूलिंग प्रमाणपत्र या टीकाकरण दस्तावेज नहीं थे।
  • जंगल में उनके पास कोई भोजन या चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था नहीं थी।
  • गुफा में न तो शौचालय था और न ही स्वच्छ पेयजल।

बाल कल्याण समिति ने मामले की जांच शुरू कर दी है और महिला से पूछा है कि क्या उसने भारत में बच्चों के लिए जन्म प्रमाणपत्र या किसी प्रकार का नागरिक पंजीकरण कराया है।

ध्यान और अध्यात्म बनाम नागरिक सुरक्षा: सवालों के घेरे में आध्यात्मिक पलायन

भारत सदियों से Foreign Woman India और अन्य देशों के आध्यात्मिक साधकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। ऋषिकेश, काशी, गोवा, और अब गोकर्ण जैसे स्थलों पर कई विदेशी साधक आध्यात्मिकता की खोज में आते हैं।

लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या ध्यान के नाम पर कानून और सुरक्षा के नियमों की अनदेखी करना उचित है?

क्या एक विदेशी महिला को बिना वीजा वैधता और बच्चों की परवाह किए बिना इस प्रकार जंगल में रहना चाहिए था?

स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई और अगला कदम

गोकर्ण पुलिस ने महिला को लेकर रिपोर्ट जिला कलेक्टर को सौंप दी है। अब इस मामले में:

  • विदेशी नागरिक कानून के तहत कार्रवाई की संभावना है।
  • बाल कल्याण समिति बच्चियों की काउंसलिंग और मेडिकल जांच कर रही है।
  • विदेश मंत्रालय को भी इस संबंध में रिपोर्ट भेजी गई है।

यदि यह सिद्ध हो जाता है कि Foreign Woman India भारत में अवैध रूप से रह रही थी, तो उसे डिपोर्ट किया जा सकता है।

गोकर्ण की यह घटना न सिर्फ आध्यात्मिकता की सीमाओं को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि विदेशी नागरिक भारत में रहकर ध्यान-प्रार्थना के नाम पर कई बार सुरक्षा और कानून के नियमों का उल्लंघन करते हैं।

बच्चों की सुरक्षा, वीजा की वैधता, और जंगल जैसे खतरनाक इलाके में रहना – इन सभी पहलुओं पर प्रशासन को कड़ी निगरानी रखने की आवश्यकता है।

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