विदेशी फंडिंग से बेटियों के धर्म का सौदा, हर जाति की लड़की की कीमत तय थी – इस्लामिक राज की साजिश में पकड़ा गया गद्दार छांगुर बाबा!

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हाइलाइट्स 

  • Foreign Funding के दम पर चल रहा था जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा का धर्मांतरण रैकेट, ATS ने किया खुलासा।
  • ब्राह्मण और क्षत्रिय लड़कियों के धर्मांतरण के लिए तय था 15-16 लाख रुपये का रेट।
  • पाकिस्तान और खाड़ी देशों से बाबा को मिल रही थी Foreign Funding, 100 करोड़ रुपये की पुष्टि।
  • छांगुर बाबा खुद को हाजी पीर जलालुद्दीन बताकर लोगों को करता था ब्रेनवॉश।
  • यूपी ATS ने गैंग के तीन अन्य साथियों के साथ बाबा को लिया रिमांड पर, कई राज़ उगलवाने की तैयारी।

उत्तर प्रदेश की एटीएस (ATS) ने हाल ही में एक बड़े धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश करते हुए बलरामपुर से जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को गिरफ्तार किया है। जांच में चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि बाबा को Foreign Funding के ज़रिए इस्लामिक राष्ट्र की स्थापना की दिशा में कार्य करने के लिए भारी आर्थिक मदद मिल रही थी।
ख़ुफ़िया एजेंसियों की निगरानी और वायरल वीडियो की जांच से शुरू हुई इस कार्रवाई ने भारत में विदेशी एजेंडा चलाने वाले इस नेटवर्क की जड़ें उजागर कर दी हैं।

छांगुर बाबा का चेहरा और उसका गंदा खेल

खुद को हाजी पीर जलालुद्दीन कहकर करता था प्रचार

बलरामपुर जिले के उटरौला कस्बे का रहने वाला जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा हाजी पीर जलालुद्दीन के नाम से मशहूर था। उसके दरगाह पर रोजाना सैकड़ों लोग पहुंचते थे। दिखने में धार्मिक गुरु लगने वाला यह व्यक्ति Foreign Funding के सहारे एक ऐसा नेटवर्क चला रहा था, जो गरीब, असहाय और पिछड़े तबके की हिंदू लड़कियों को प्रेमजाल में फंसा कर धर्मांतरण के लिए मजबूर करता था।

Foreign Funding का चौंकाने वाला सच

ATS प्रमुख अमिताभ यश ने प्रेस वार्ता में बताया कि जांच के दौरान छांगुर बाबा और उसके साथियों के पास से 40 से अधिक बैंक खातों की जानकारी मिली है, जिनमें 100 करोड़ रुपये से अधिक की Foreign Funding हुई है।

पैसा आया कहां से?

जांच में यह भी सामने आया है कि ये पैसे पाकिस्तान, खाड़ी देशों (सऊदी अरब, कतर, ओमान) जैसे इस्लामिक राष्ट्रों से भेजे गए। इन फंड्स का इस्तेमाल धर्मांतरण, धार्मिक कट्टरता फैलाने वाले लिटरेचर की छपाई और प्रचार-प्रसार में किया जाता था।

धर्मांतरण का रेट कार्ड

छांगुर बाबा का नेटवर्क बेहद संगठित था। हर लड़की के धर्मांतरण के लिए बाकायदा जाति आधारित रेट तय किया गया था:

  • ब्राह्मण/क्षत्रिय/सरदार लड़कियाँ: ₹15-16 लाख
  • पिछड़ी जातियों की लड़कियाँ: ₹10-12 लाख
  • अन्य जातियाँ: ₹8-10 लाख

यह पूरा मॉडल पैसे, प्रेमजाल और धमकी के ज़रिए लड़कियों को इस्लाम में परिवर्तित करने पर केंद्रित था।

इस्लामिक देशों की 50 यात्राएँ

ATS ने पाया कि छांगुर बाबा अब तक 40 से 50 बार इस्लामिक देशों की यात्रा कर चुका है। इन यात्राओं का उद्देश्य कथित रूप से विदेशों में बैठे फंडिंग एजेंट्स से संपर्क करना और अपनी कट्टरपंथी विचारधारा को विस्तार देना था।

अवैध लिटरेचर और ब्रेनवॉश की साजिश

ATS को बाबा के ठिकानों से भारी मात्रा में इस्लामिक राष्ट्र की स्थापना से जुड़ा साहित्य मिला है। लिटरेचर से यह स्पष्ट होता है कि बाबा भारत को शरिया आधारित इस्लामिक स्टेट में बदलने की योजनाओं पर काम कर रहा था।

ब्रेनवॉश का तरीका

कई मामलों में लड़कियों को प्रेमजाल में फंसा कर, उनका नाम बदल कर, मुस्लिम पहनावे में फोटो खींच कर ब्लैकमेल किया जाता था। कुछ पीड़िताओं के नाम भी सामने आए हैं जैसे – गुंजा गुप्ता, जिसे अलीना अंसारी बनाया गया।

ATS की कार्रवाई और पूछताछ

ATS ने छांगुर बाबा के साथ नीतू रोहरा उर्फ नसरीन, महबूब, और हाजिरा शंकर नामक सहयोगियों को गिरफ्तार किया है। सभी आरोपियों को ATS ने रिमांड पर लिया है, जिससे उनसे विस्तृत पूछताछ की जा सके।

सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता

यह मामला सिर्फ एक राज्य का नहीं है। सूत्रों के मुताबिक बाबा का नेटवर्क महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली, और केरल तक फैला हुआ था। ATS इस पूरे गिरोह को Foreign Funding और राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से देख रही है।

सोशल मीडिया और जन आक्रोश

जैसे ही यह खबर आई, सोशल मीडिया पर आक्रोश की लहर दौड़ गई।
लोगों ने लिखा –

“Foreign Funding के दम पर देश की बेटियों को ब्रेनवॉश करने वाले किसी सजा के लायक नहीं, इन्हें आजीवन जेल में डाल देना चाहिए।”

क्या कहता है कानून?

धार्मिक स्वतंत्रता भारत का मूल अधिकार है, लेकिन IPC की धारा 153-A, 295-A और UAPA एक्ट के अंतर्गत किसी भी जबरन धर्मांतरण या विदेशी फंडिंग से धार्मिक विद्वेष फैलाने पर कड़ी सजा का प्रावधान है।

Foreign Funding बनी भारत के सामाजिक ढांचे पर हमला

छांगुर बाबा और उसके साथियों का यह रैकेट सिर्फ धर्मांतरण नहीं, बल्कि भारत की एकता, संविधान और सामाजिक ताने-बाने पर हमला है।
Foreign Funding के सहारे एक पूरी पीढ़ी को कट्टरपंथ की ओर धकेलने की साजिश अब बेनकाब हो चुकी है।
सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को इस मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा संकट मानते हुए न्यायिक जांच और सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए।

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