हाइलाइट्स
- Flight Safety के दृष्टिकोण से 11ए सीट की सुरक्षा पर विशेषज्ञों की राय सामने आई
- अहमदाबाद हादसे में सिर्फ 11ए सीट पर बैठा यात्री ही बच पाया, नाम है विश्वास कुमार रमेश
- क्या विमान में सीट के स्थान से जीवन बचने की संभावना जुड़ी होती है?
- निकास द्वार के पास बैठना दुर्घटना के बाद बचाव में कितना मददगार हो सकता है?
- विशेषज्ञ बोले – Flight Safety पर सीट से ज्यादा ध्यान दें सुरक्षा निर्देशों पर
अहमदाबाद विमान हादसा: Flight Safety की एक जटिल कहानी
अहमदाबाद में हाल ही में हुए विमान हादसे में जहां 242 यात्रियों की जान चली गई, वहीं सिर्फ एक व्यक्ति जीवित बच पाया। 45 वर्षीय विश्वास कुमार रमेश, जो इकोनॉमी क्लास की सीट 11ए पर बैठे थे, इस भीषण त्रासदी से किसी चमत्कार की तरह बाहर निकल आए। इस हादसे ने ना केवल आम जनता बल्कि विमानन सुरक्षा विशेषज्ञों के बीच भी एक गहन चर्चा को जन्म दिया है – क्या वास्तव में सीट नंबर 11ए सबसे सुरक्षित मानी जा सकती है? क्या Flight Safety सीट के स्थान पर निर्भर करती है?
विशेषज्ञ क्या कहते हैं: Flight Safety कोई आसान गणित नहीं
सीट 11ए: इत्तेफाक या Flight Safety का सूत्र?
Flight Safety Foundation, USA के निदेशक मिशेल फॉक्स के अनुसार, “हर विमान दुर्घटना एक अलग परिदृश्य होती है। कोई भी सीट कभी भी पूर्णतः सुरक्षित नहीं मानी जा सकती। सीट 11ए के बचे यात्री का मामला एक संयोग हो सकता है।”
इस विषय पर सिडनी स्थित एवला एविएशन कंसल्टिंग के अध्यक्ष रान बार्टश का मानना है कि, “इस विशेष मामले में 11ए सीट इमरजेंसी निकास द्वार के पास थी, जिससे यात्री आसानी से निकल सके। परंतु यह स्थिति हर विमान में एक जैसी नहीं होती, और हर बार 11ए सीट के पास निकास द्वार हो यह जरूरी नहीं।”
Flight Safety के पुराने आंकड़े क्या कहते हैं?
2007 में पॉपुलर मैकेनिक्स द्वारा किए गए एक व्यापक अध्ययन के अनुसार, 1971 से लेकर 2007 तक हुई सभी विमान दुर्घटनाओं का विश्लेषण करने के बाद यह निष्कर्ष निकला गया कि विमान के पिछले हिस्से में बैठे यात्रियों के बचने की संभावना सबसे अधिक थी।
सीट लोकेशन और Flight Safety का संबंध:
- पिछले हिस्से में बचाव की संभावना 69% तक थी
- बीच में बैठे यात्रियों के लिए यह संभावना 56% थी
- जबकि आगे बैठे यात्रियों के लिए यह घटकर 49% हो गई थी
क्या विंग सेक्शन ज्यादा सुरक्षित है?
निकास द्वार के समीप होना: Flight Safety में भूमिका
कई विशेषज्ञों का मानना है कि यदि कोई यात्री विंग सेक्शन के पास या निकास द्वार के ठीक बगल में बैठा हो, तो आपात स्थिति में बाहर निकलने की उसकी संभावना अधिक हो जाती है।
विशेषज्ञ बताते हैं कि “Flight Safety में सीट नंबर से ज्यादा जरूरी होता है सीट की स्थिति।”
विशेषकर यदि विमान क्रैश के बाद धुआं भर जाए या आग लग जाए, तो जो यात्री निकास द्वार के पास होते हैं, उन्हें जल्दी बाहर निकलने का मौका मिल सकता है।
Flight Safety को लेकर क्या सावधानियां जरूरी हैं?
उड़ान की शुरुआत में सुरक्षा निर्देशों पर दें ध्यान
विशेषज्ञों के अनुसार Flight Safety को गंभीरता से लेने का सबसे अच्छा तरीका है:
सेफ्टी ब्रीफिंग पर ध्यान देना
अक्सर यात्री सुरक्षा निर्देशों को हल्के में ले लेते हैं। लेकिन असल Flight Safety इसी पर निर्भर करती है।
इमरजेंसी एक्ज़िट की स्थिति जानें
आपकी सीट के पास निकास द्वार है या नहीं, इसका अंदाजा पहले ही लगा लें।
सीट बेल्ट हमेशा बांधें रखें
छोटे झटकों या असामान्य स्थितियों में यह जीवन रक्षक हो सकता है।
केबिन क्रू की बातों को गंभीरता से लें
केबिन क्रू का प्रशिक्षण आपात स्थिति के लिए होता है, उनकी बातें Flight Safety का अभिन्न हिस्सा हैं।
Flight Safety: तकनीक से ज्यादा जागरूकता पर निर्भर
हवा में उड़ान भरते समय हम सभी को लगता है कि विमानन तकनीक इतनी उन्नत हो चुकी है कि दुर्घटनाएं अब अतीत की बातें हैं। परंतु अहमदाबाद जैसे हादसे इस भ्रम को तोड़ते हैं। Flight Safety सिर्फ विमान की संरचना या सीट नंबर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह यात्रियों की जागरूकता, कर्मचारियों की तत्परता और परिस्थिति के अनुसार निर्णय लेने की क्षमता पर भी निर्भर करती है।
क्या सीट नंबर 11ए को अब “Lucky Seat” माना जाएगा?
हादसे के बाद आम जनमानस में 11ए सीट को “Lucky Seat” या “Survival Seat” कहकर प्रचारित किया जा रहा है, लेकिन विशेषज्ञों की राय इससे अलग है। उनका कहना है कि इस प्रकार के मिथक लोगों को भ्रमित कर सकते हैं और असल Flight Safety से ध्यान हटा सकते हैं।
Flight Safety में कोई गारंटी नहीं, बस तैयारी होनी चाहिए
Flight Safety एक जटिल विषय है, जिसमें कई घटक जुड़े होते हैं। अहमदाबाद हादसे में बचा एकमात्र यात्री किस्मत से नहीं, बल्कि कुछ हद तक उसकी सीट की स्थिति और अधिकतम जागरूकता के चलते बाहर निकल सका।
इस हादसे से जो सबक मिलते हैं:
- कोई भी सीट पूर्णतः सुरक्षित नहीं होती
- निकास द्वार के समीप होना मददगार हो सकता है
- सेफ्टी इंस्ट्रक्शन पर ध्यान देना जरूरी है
- Flight Safety का मतलब केवल तकनीकी पहलू नहीं, बल्कि मानसिक और शारीरिक सतर्कता भी है