हाइलाइट्स
- Fighter Jets से इजरायल ने ईरान की न्यूक्लियर साइट्स और गैस फील्ड्स पर किया ताबड़तोड़ हमला
- ईरान ने भी 150 से अधिक मिसाइलें दागीं, कई इजरायली शहरों में तबाही
- ईरान के South Pars Gas Field में भड़की आग, हुआ भारी नुकसान
- तेहरान से तबरीज तक इजरायली हमले, एयर डिफेंस सिस्टम हुआ नाकाम
- अमेरिका-ईरान न्यूक्लियर वार्ता रद्द, संकट गहराया
बढ़ता तनाव: Fighter Jets और मिसाइलों से सुलगती दो महाशक्तियां
पश्चिम एशिया में एक बार फिर युद्ध की आग तेज हो गई है। Fighter Jets की गड़गड़ाहट और मिसाइलों की आवाज़ों ने इजरायल और ईरान के बीच जंग के हालात पैदा कर दिए हैं। शनिवार को भी संघर्ष जारी रहा, जिसमें दोनों देशों ने एक-दूसरे के सामरिक और नागरिक ठिकानों पर घातक हमले किए।
इजरायल ने दर्जनों Fighter Jets से ईरान के परमाणु ठिकानों, गैस फील्ड्स और एयरबेस पर हमला किया, जबकि ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई में 150 से अधिक मिसाइलें इजरायली शहरों की ओर दागीं।
South Pars Gas Field पर इजरायली हमला: रणनीतिक धक्का
ईरान के बुशेहर प्रांत स्थित साउथ पार्स गैस फील्ड, जो दुनिया का सबसे बड़ा प्राकृतिक गैस क्षेत्र है, पर हुए इजरायली हमले ने आर्थिक और सामरिक दोनों स्तरों पर ईरान को झटका दिया है। हमले के बाद वहां आग लग गई और दूर-दूर तक धुएं के बादल दिखाई दिए।
Fighter Jets द्वारा निशाना बनाए गए इस क्षेत्र का उत्पादन ईरान की कुल गैस उत्पादन का लगभग 70% है। इसे कतर के साथ साझा किया जाता है और यह क्षेत्र ईरान के घरेलू और निर्यात गैस अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।
ईरानी जवाबी हमला: मिसाइलों की बरसात
ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने कहा कि उसने इजरायल के सैन्य केंद्रों और एयरबेस को निशाना बनाकर हमला किया। तेहरान, तबरीज और अन्य शहरों पर Fighter Jets द्वारा जवाबी कार्रवाई की गई। ईरानी मीडिया ने दावा किया कि उन्होंने 10 इजरायली विमानों को मार गिराया है।
वहीं, इजरायली रक्षा बल (IDF) ने 20 से अधिक ईरानी सैन्य अधिकारियों के मारे जाने की पुष्टि की है, जिनमें प्रमुख खुफिया और मिसाइल कमांडर्स शामिल हैं।
हमला तेहरान तक: Fighter Jets ने बनाई हवाई बादशाहत
IDF के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने बताया कि इजरायली Fighter Jets ने पश्चिमी ईरान से लेकर तेहरान तक हवाई स्वतंत्रता हासिल कर ली है। उन्होंने कहा कि इजरायली फाइटर जेट्स करीब ढाई घंटे तक तेहरान के ऊपर मंडराते रहे और लगातार UAVs द्वारा निगरानी की जाती रही।
यह पहली बार है जब इजरायल ने इतने अंदर तक जाकर सैन्य अभियान चलाया है।
अस्पतालों में आपातकाल: डर और मौत का साया
ईरान के हमले की आशंका को देखते हुए इजरायली अस्पतालों में मरीजों को अंडरग्राउंड वार्ड्स में शिफ्ट किया गया। तेल अवीव स्थित शेबा मेडिकल सेंटर सहित कई अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था सख्त की गई है। यहां ईरानी मिसाइल हमलों में घायल दर्जनों नागरिकों का इलाज जारी है।
नेतन्याहू की चेतावनी और ईरान का जवाब
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट रूप से कहा कि “ईरानी शासन के हर लक्ष्य पर हमला किया जाएगा।” उन्होंने ईरानी जनता से अपील की कि वे “अपनी आवाज़ उठाएं।” जवाब में, ईरानी नागरिकों और सरकार ने इसे “देशभक्ति की भावना को कम आंकने” वाला बयान बताया।
It should be pretty easy to spot the difference… pic.twitter.com/toEhGHLGwQ
— Israel Defense Forces (@IDF) June 14, 2025
अमेरिका की भूमिका: समर्थन या असहायता?
अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने कहा कि अमेरिका इन घटनाओं से “चकित नहीं” है। हालांकि अमेरिका ने इजरायल के हमले की पूर्व जानकारी से इनकार किया है। फिर भी, अमेरिकी दूतावास और सेना सतर्क है और किसी भी हालात से निपटने के लिए तैयार है।
तीसरे विश्व युद्ध की आहट?
इस संघर्ष ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ा दी है। दोनों देशों के पास आधुनिक हथियारों और परमाणु क्षमताओं से लैस सेनाएं हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि हालात जल्द नहीं संभले, तो यह संघर्ष वैश्विक युद्ध का रूप ले सकता है।
Fighter Jets द्वारा एक-दूसरे की सीमाओं को पार कर किया गया यह हमला संकेत देता है कि अब बात सीमित संघर्ष से आगे निकल रही है।
न्यूक्लियर डील की वार्ता रद्द
इस हिंसा के बाद अमेरिका-ईरान न्यूक्लियर डील पर प्रस्तावित वार्ता रद्द कर दी गई है। ओमान के विदेश मंत्री ने इसकी पुष्टि की है। ईरान ने स्पष्ट किया है कि जब तक इजरायली हमले जारी रहेंगे, अमेरिका से कोई संवाद संभव नहीं है।
क्या शांति संभव है?
Fighter Jets और मिसाइलों के बीच फंसी दुनिया की नज़र अब कूटनीतिक प्रयासों पर है। लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में शांति की उम्मीद कम दिखती है। दोनों देशों के नेताओं की बयानबाजी और सैन्य कार्रवाइयों से संकेत मिलते हैं कि आने वाले दिन और भी खतरनाक हो सकते हैं।