हाइलाइट्स
- फतेहपुर महिला हत्या कांड: शराब पिलाकर पहले दुष्कर्म की आशंका, फिर प्राइवेट पार्ट क्षतिग्रस्त कर की गई हत्या
- आरोपी ने खुद पुलिस को दी शव की सूचना, बाद में कबूला अपराध
- महिला के छह छोटे बच्चे, पति ने जताई साजिश की आशंका
- घटनास्थल से शराब की शीशी, नमकीन, पानी की थैली बरामद
- पुलिस कर रही आरोपी के संपर्क में रहे लोगों की धरपकड़ और सीसीटीवी खंगालने की कार्रवाई
फतेहपुर से सामने आई दिल दहला देने वाली वारदात
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर महिला हत्या कांड ने पूरे जिले को हिला कर रख दिया है। किशनपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में सोमवार रात एक महिला की नृशंस हत्या ने कानून व्यवस्था और सामाजिक सोच दोनों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 32 वर्षीय महिला का अर्धनग्न शव मंगलवार सुबह दमहा नाले के पास झाड़ियों में मिला। उसके प्राइवेट पार्ट को क्षतिग्रस्त कर हत्या की गई थी, जिससे पहले दुष्कर्म की आशंका भी जताई जा रही है।
हत्या से पहले शराब पिलाकर की गई दरिंदगी
आरोपी ने कबूला अपराध, किया गुमराह करने की कोशिश
फतेहपुर महिला हत्या कांड के आरोपी सर्वेश निषाद ने पहले तो पुलिस को गुमराह किया। वह सुबह साढ़े छह बजे थाने पहुंचा और खुद महिला का शव मिलने की सूचना दी। उसने दावा किया कि वह महिला के साथ बाजार गया था और फिर जंगल में दोनों ने शराब पी। उसने कहा कि वह नशे में होने के कारण रिश्तेदार के घर चला गया और सुबह वापस फोन ढूंढ़ने आया तो शव मिला।
लेकिन जब पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तो शव नहीं मिला। दोबारा जब सर्वेश को लेकर पहुंची, तो उसकी निशानदेही पर ही झाड़ियों में शव मिला। उसके कपड़ों पर खून के निशान थे। पूछताछ में उसने अपना अपराध कबूल कर लिया।
पति का आरोप: साजिश के तहत की गई पत्नी की हत्या
छह बच्चों की मां थी मृत महिला, पति ने दर्ज कराई रिपोर्ट
फतेहपुर महिला हत्या कांड में महिला के पति ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उसने बताया कि सर्वेश अक्सर उनके घर आता-जाता था। सोमवार शाम वह शराब लेकर आया था और दोनों पति-पत्नी ने उसके साथ शराब पी। फिर उसकी पत्नी बाजार सब्जी लेने गई और सर्वेश उसके साथ गया।
इसके बाद पत्नी लौटकर नहीं आई। जब सुबह उसका शव मिला, तो पति का कहना है कि यह पूरी तरह से सुनियोजित हत्या है। सर्वेश उनकी पत्नी पर अपने पिता की हत्या का झूठा आरोप लगाता था, जबकि उसका पिता कभी उनके घर नहीं आया था।
पुलिस जांच में जुटी: शराब दुकानदार और सब्जीवाले से पूछताछ
सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे, साजिश में और कौन-कौन शामिल?
फतेहपुर महिला हत्या कांड की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने जांच तेज कर दी है। घटनास्थल से शराब की खाली शीशी, पानी के पाउच और नमकीन मिले हैं, जो यह साबित करते हैं कि महिला को पहले नशे में लाया गया।
पुलिस ने उस शराब दुकानदार और सब्जी वाले से पूछताछ की है, जिनसे महिला और सर्वेश ने सोमवार शाम संपर्क किया था। दोनों ने सर्वेश को महिला के साथ आते-जाते देखा था। पुलिस बाजार से दमहा नाले तक के रास्ते के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है और सर्वेश से मिलने वाले अन्य लोगों को भी पूछताछ के घेरे में लिया गया है।
फतेहपुर महिला हत्या कांड ने समाज को किया शर्मसार
क्या केवल शक के आधार पर हो सकती है ऐसी बर्बरता?
फतेहपुर महिला हत्या कांड सिर्फ एक पुलिस केस नहीं है, यह सामाजिक पतन और इंसानियत के ह्रास का उदाहरण बन गया है। एक युवक ने केवल शक के आधार पर एक महिला को मौत के घाट उतार दिया। वह भी इतनी क्रूरता से कि उसके प्राइवेट पार्ट को क्षतिग्रस्त किया गया, जो दरिंदगी की पराकाष्ठा है।
इस केस ने महिला सुरक्षा, घरेलू हिंसा और नशे के बढ़ते प्रभाव जैसे कई गंभीर मुद्दों को उजागर कर दिया है।
क्या कहता है कानून?
दुष्कर्म और हत्या में आजीवन कारावास या फांसी तक का प्रावधान
अगर पुलिस की जांच में यह साबित हो जाता है कि महिला के साथ पहले दुष्कर्म हुआ और फिर हत्या की गई, तो आरोपी पर IPC की धारा 376 (दुष्कर्म), 302 (हत्या), और 201 (सबूत मिटाने का प्रयास) लग सकती हैं। इन धाराओं के तहत आरोपी को उम्रकैद से लेकर फांसी तक की सजा हो सकती है।
क्या सुरक्षा के लिए पर्याप्त हैं हमारे कानून?
फतेहपुर महिला हत्या कांड जैसी घटनाएं सवाल उठाती हैं कि क्या हमारे कानून और सामाजिक ढांचे महिलाओं की सुरक्षा के लिए पर्याप्त हैं? शराब और नशे की गिरफ्त में आकर ऐसी घटनाएं दिन-ब-दिन बढ़ रही हैं।
सरकार और समाज दोनों को मिलकर ऐसे अपराधों की जड़ों पर प्रहार करना होगा — नशे के स्रोतों को नियंत्रित करना, महिलाओं के प्रति अपराधियों के मन में भय पैदा करना और सामाजिक जागरूकता को बढ़ाना।
एक बार फिर मानवता हारी, अपराधी मानसिकता जीती
फतेहपुर महिला हत्या कांड एक ऐसा दर्पण है जिसमें आज के समाज की वीभत्स सच्चाई झलकती है। एक महिला, जो छह बच्चों की मां थी, उसे केवल शक के आधार पर नशे में लाकर मौत के घाट उतार देना — यह बताता है कि हमारी सामाजिक संरचना में कितनी दरारें हैं।
अब देखना यह है कि पुलिस कितनी निष्पक्ष और प्रभावी कार्रवाई करती है, और क्या इस अपराध को अंजाम देने वाले को कड़ी से कड़ी सजा मिलती है या फिर यह केस भी अंधेरे में गुम हो जाएगा?