हाइलाइट्स
- गर्भवती महिला के साथ Fake Tantrik ने दो दिन तक किया दुष्कर्म, इलाज के नाम पर रचा हैवानियत का खेल
- पीड़िता 7 महीने की गर्भवती थी, चक्कर की समस्या लेकर पहुंची थी तांत्रिक के पास
- आरोपी ने पूजा-पाठ के बहाने अकेले में बुलाकर किया बलात्कार
- पीड़िता के पति को बाहर बिठाकर आरोपी ने घर में ही दो दिन तक की दरिंदगी
- सरकारी अस्पताल में भी नहीं मिला तत्काल इलाज, घंटों फर्श पर पड़ी रही पीड़िता
Fake Tantrik की क्रूरता से कांपा मुजफ्फरपुर
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले से एक बार फिर मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। एक Fake Tantrik ने इलाज के बहाने 7 महीने की गर्भवती महिला के साथ लगातार दो दिन तक दुष्कर्म किया। यह मामला केवल महिला की आबरू से खिलवाड़ तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सरकारी अस्पताल की व्यवस्था ने भी पीड़िता के घावों पर नमक छिड़कने का काम किया।
तंत्र विद्या के नाम पर पाप की पटकथा
पीड़िता को चक्कर आने की थी शिकायत
काजल (परिवर्तित नाम), एक गर्भवती महिला, पिछले कुछ हफ्तों से चक्कर आने और कमजोरी की शिकायत से जूझ रही थी। कई डॉक्टरों से इलाज कराने के बाद भी जब उसे आराम नहीं मिला, तो गांव के लोगों ने उसे एक प्रसिद्ध तांत्रिक के पास जाने की सलाह दी। यह तांत्रिक बाद में एक Fake Tantrik साबित हुआ।
29 जून की भयावह रात
29 जून को पीड़िता अपने पति के साथ आरोपी Fake Tantrik काली चरण के घर पहुंची। शुरुआत में आरोपी ने विश्वास दिलाया कि तंत्र विधि और विशेष पूजा के माध्यम से सबकुछ ठीक हो जाएगा। उसने महिला के पति को बाहर बैठाया और काजल को अंदर बुलाकर कहा कि “इलाज” शुरू किया जाएगा। उसी दौरान आरोपी ने पहले महिला के कपड़े उतरवाए और फिर जबरन उसके साथ दुष्कर्म किया।
Fake Tantrik का दुस्साहस : लगातार दो दिन की दरिंदगी
धमकी देकर चुप कराई पीड़िता
दुष्कर्म के बाद जब पीड़िता ने विरोध जताया, तो Fake Tantrik ने पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी। डर के कारण पीड़िता चुप रही और उसी दिन घर लौट आई। लेकिन दरिंदगी की यह कहानी यहीं खत्म नहीं हुई।
दूसरे दिन फिर दोहराई दरिंदगी
अगले दिन जब पीड़िता के पति ने दोबारा तांत्रिक के पास चलने का आग्रह किया, तो वह फिर गई। वहां फिर उसी क्रूरता को अंजाम दिया गया। इस बार दर्द के कारण काजल की चीखें निकल पड़ीं, और अंततः उसने अपने पति को सबकुछ बता दिया।
इलाज के नाम पर दूसरी चोट: अस्पताल में घंटों इंतजार
सरकारी अस्पताल की बेरुखी
पीड़िता के पति ने तुरंत उसे शहर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराने का निर्णय लिया। लेकिन वहाँ भी हालात इंसानियत को शर्मिंदा करने वाले थे। दोपहर 12:30 बजे पर्ची कटवाने के बावजूद 2:30 बजे तक किसी डॉक्टर ने नहीं देखा। दर्द से तड़पती महिला को फर्श पर ही लेटना पड़ा। यह सिस्टम की असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा थी।
पुलिस जांच में जुटी, Fake Tantrik फरार
आरोपी फरार, पुलिस की छापेमारी जारी
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और पीड़िता का बयान दर्ज किया गया। आरोपी Fake Tantrik मौके से फरार हो गया है। पुलिस उसके ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। वहीं, ग्रामीणों में गुस्सा साफ दिख रहा है।
सवालों के घेरे में प्रशासन और समाज
क्यों नहीं की गई पहले जांच?
यह घटना केवल एक अपराध की नहीं, बल्कि सामाजिक और प्रशासनिक विफलता की कहानी है। काजल जैसी महिलाएं जब डॉक्टर से निराश होकर Fake Tantrik के पास जाती हैं, तो कहीं-न-कहीं हम सभी की भूमिका पर सवाल खड़े होते हैं।
विशेषज्ञों की राय: अंधविश्वास से मुक्त हो समाज
समाजशास्त्री और मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि शिक्षा की कमी और चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता में असमानता के कारण ही Fake Tantrik जैसे लोग फलते-फूलते हैं। जब तक लोगों को जागरूक नहीं किया जाएगा और स्वास्थ्य सेवाएं गांव-गांव नहीं पहुंचेंगी, तब तक इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी।
पीड़िता को न्याय कब?
अब सवाल यह है कि क्या काजल को जल्द न्याय मिलेगा? क्या आरोपी Fake Tantrik को सज़ा मिल पाएगी? और क्या भविष्य में कोई और महिला इस तरह की हैवानियत से बच पाएगी? यह तभी संभव है जब प्रशासन चुस्ती दिखाए और समाज सच के लिए खड़ा हो।