हाइलाइट्स
- छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ में एक fake spiritual guru के आश्रम से नशीले पदार्थ और आपत्तिजनक सामग्री बरामद
- तरुण अग्रवाल नामक व्यक्ति पिछले 20 वर्षों से गोवा में विदेशी महिलाओं को योग सिखाने की आड़ में कर रहा था अवैध गतिविधियाँ
- पुलिस ने आश्रम से 2 किलो गांजा, सेक्स टॉयज, वियाग्रा, इंजेक्शन और नशीली गोलियाँ जब्त कीं
- रात भर आश्रम में चलती थीं संदिग्ध गतिविधियाँ, स्थानीय लोगों की शिकायत पर हुई कार्रवाई
- आरोपी fake spiritual guru को न्यायिक हिरासत में भेजा गया, पुलिस को रैकेट के अंतरराज्यीय कनेक्शन की आशंका
डोंगरगढ़: संतों की भूमि पर गिरा एक और ढोंगी का नकाब
छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ में एक बार फिर अध्यात्म की आड़ में चल रहे अनैतिक और आपराधिक नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। एक तथाकथित ‘जटाधारी अंतरराष्ट्रीय योगगुरु’ तरुण अग्रवाल असल में एक fake spiritual guru निकला, जो पिछले डेढ़ साल से डोंगरगढ़ में युवाओं को निशाना बनाकर नशा, सेक्स और शोषण का एक पूरा तंत्र चला रहा था।
यह आश्रम जहां शांति और साधना की प्रतीक होना चाहिए था, वहां देर रात तक लड़कियों की भीड़, विदेशी मेहमानों की आवाजाही और तेज़ संगीत की आवाज़ों ने स्थानीय निवासियों को सोचने पर मजबूर कर दिया।
आश्रम वेबसीरीज ग़लत नहीं थी, वहाँ क्या क्या होता है देखिए एक और आश्रम का पर्दा फ़ाश।
डोंगरगढ़ में खुद को “जटाधारी अंतरराष्ट्रीय योगगुरु” बताने वाला तरुण अग्रवाल, असल में एक शातिर अपराधी निकला। पुलिस ने उसके तथाकथित आश्रम पर छापा मारकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं – आश्रम से 2… pic.twitter.com/FhU1k11yBX
— Karishma Aziz (@KarishmaAziz_) June 26, 2025
तरुण अग्रवाल: योगगुरु या रंगीन अपराधी?
50 वर्षीय तरुण अग्रवाल ने खुद को एक अंतरराष्ट्रीय योगगुरु के रूप में प्रस्तुत किया। उसके अनुसार, वह गोवा, ऋषिकेश और बाली में ‘आध्यात्मिक योग प्रशिक्षण’ दे चुका है। लेकिन पुलिस की जांच में सामने आया कि तरुण असल में एक fake spiritual guru है, जिसकी सारी गतिविधियाँ नशा, यौन शोषण और धोखाधड़ी पर आधारित थीं।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गोवा में रहते हुए तरुण विदेशियों को योग सिखाने के बहाने अपने निजी आनंद के लिए उनका शोषण करता था। अब वह वही मॉडल डोंगरगढ़ में लागू करने की कोशिश कर रहा था।
पुलिस छापे की कार्रवाई: सनसनीखेज खुलासे
स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद डोंगरगढ़ थाने की टीम ने रविवार देर रात आश्रम पर छापा मारा। इस कार्रवाई में पुलिस को जो कुछ मिला, वह चौंकाने वाला था:
- 2 किलो गांजा
- 17 प्रकार की नशीली गोलियाँ
- वियाग्रा टैबलेट और इंजेक्शन
- सेक्स टॉयज और आपत्तिजनक साहित्य
- कई युवतियों के पहचान पत्र और मोबाइल फोन
इन सभी सबूतों से स्पष्ट होता है कि यह आश्रम एक कथित fake spiritual guru द्वारा संचालित अय्याशी का अड्डा था।
स्थानीय लोग बोले: ‘पहले ही समझ गए थे कि कुछ गड़बड़ है’
आश्रम के आसपास रहने वाले कई लोगों ने बताया कि वहां अक्सर देर रात तक लड़कियों का आना-जाना होता था, डीजे म्यूजिक चलता था और नशे की गंध महसूस होती थी।
“एक बाबा का आश्रम ऐसा तो नहीं होता ना? यहां तो हर समय कारें खड़ी रहती थीं, विदेशी लोग भी आते थे। हमने कई बार प्रशासन से शिकायत की थी,” — एक स्थानीय दुकानदार ने बताया।
पूर्व इतिहास: गोवा से डोंगरगढ़ तक का नेटवर्क
पुलिस जांच में यह भी पता चला है कि तरुण अग्रवाल पहले गोवा के अंजुना इलाके में रहता था। वहां भी उस पर विदेशी महिलाओं से छेड़छाड़ और नशीली दवाओं के अवैध व्यापार के आरोप लग चुके हैं, लेकिन हर बार वह अपने प्रभावशाली नेटवर्क के चलते बचता रहा।
अब जब उसने डोंगरगढ़ जैसे धार्मिक स्थल को चुना, तो उसकी मंशा स्पष्ट थी — आध्यात्मिकता के नकाब में अपनी अय्याशी और fake spiritual guru के रूप में पहचान बनाकर कानून से बचते रहना।
पुलिस की जांच: रैकेट का हो सकता है अंतरराज्यीय विस्तार
डोंगरगढ़ एसपी राकेश यादव ने मीडिया को बताया कि तरुण अग्रवाल के मोबाइल और लैपटॉप से ऐसे सबूत मिले हैं जो दर्शाते हैं कि यह एक बड़ा रैकेट हो सकता है।
“हम डिजिटल फॉरेंसिक जांच करवा रहे हैं। इसमें कई युवतियों की वीडियो क्लिप्स, बैंक ट्रांजैक्शन्स और विदेशी संपर्क मिले हैं। संभावना है कि यह एक अंतरराज्यीय fake spiritual guru नेटवर्क हो सकता है।”
विधिक स्थिति और गिरफ्तारियाँ
पुलिस ने तरुण अग्रवाल को NDPS एक्ट, IPC की विभिन्न धाराओं और मानव तस्करी के अंतर्गत गिरफ्तार किया है। उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
पुलिस की पूछताछ में आश्रम में काम करने वाली दो अन्य महिलाओं को भी हिरासत में लिया गया है, जो कथित रूप से लड़कियों को इस नेटवर्क में शामिल करने का काम करती थीं।
समाज पर असर और अभिभावकों की चिंता
यह घटना समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय है। ऐसे fake spiritual guru बच्चों और युवाओं को अपने झूठे मोहजाल में फँसाकर उनका शोषण करते हैं।
कई अभिभावकों ने इस घटना के बाद अपने बच्चों को योग शिविरों और तथाकथित आश्रमों में भेजने से मना कर दिया है। लोगों की मांग है कि प्रशासन ऐसे आश्रमों की नियमित जांच करे।
अध्यात्म की आड़ में अपराध का विस्तार
यह मामला एक बार फिर सिद्ध करता है कि समाज में अध्यात्म और योग जैसे शब्दों की आड़ में कई fake spiritual guru अपने काले कारोबार को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने भले ही इस एक आश्रम को बंद कर दिया हो, लेकिन ऐसे कई और ‘आश्रम’ देशभर में सक्रिय हो सकते हैं।
समाज को सजग रहने और अंधभक्ति से बचने की आवश्यकता है। प्रशासन को भी चाहिए कि वह योगगुरु या आध्यात्मिक केंद्रों की प्रमाणिकता की समय-समय पर जांच करे।