हाइलाइट्स
- Electric Cars के कारण मालवाहक जहाज में आग लगने की घटना से मची हड़कंप।
- अलास्का के तट के पास चीन से इलेक्ट्रिक कारें लेकर जा रहा था जहाज।
- जहाज में मौजूद क्रू ने पहले खुद आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन बाद में तटरक्षक बल को बुलाया गया।
- जहाज में लदी थीं लगभग 800 Electric Cars, जो आग के मुख्य स्रोत मानी जा रही हैं।
- अमेरिकी तटरक्षक बल ने की जांच शुरू, सोमवार तक मौके पर पहुंच सकता है बचाव दल।
अमेरिका के अलास्का तट से लगभग 1200 मील दूर एक मालवाहक जहाज में अचानक आग लग गई, जो चीन से Electric Cars लेकर मैक्सिको की ओर जा रहा था। इस घटना ने वैश्विक शिपिंग इंडस्ट्री और इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं के बीच चिंता की लहर दौड़ा दी है। लंदन स्थित शिपिंग कंपनी ज़ोडियाक मैरीटाइम के स्वामित्व वाले इस जहाज का नाम Morning Midas है, जिसमें कुल 3000 वाहन लदे हुए थे, जिनमें से 800 Electric Cars थीं।
कैसे लगी जहाज में आग?
लिथियम आयन बैटरियों पर उठे सवाल
विशेषज्ञों का मानना है कि जहाज में लगी आग की सबसे बड़ी वजह Electric Cars में इस्तेमाल होने वाली लिथियम आयन बैटरियां हो सकती हैं। ये बैटरियां अधिक तापमान में अत्यधिक गर्म हो जाती हैं और अगर एक बार आग लग जाए, तो उसे नियंत्रित करना बेहद मुश्किल हो जाता है। आग इतनी तेजी से फैली कि महज 15 मिनट में क्रू को इमरजेंसी सिग्नल भेजना पड़ा।
क्रू मेंबर्स की जान बचाई गई
कैसे हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन?
आग लगने के तुरंत बाद क्रू मेंबर्स ने आग पर काबू पाने की कोशिश की, लेकिन जब स्थिति हाथ से बाहर होती दिखी, तो उन्होंने अमेरिकी तटरक्षक बल से सहायता मांगी। तटरक्षक बल ने तेजी से कार्रवाई करते हुए सभी क्रू सदस्यों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
आग पर काबू पाने की जद्दोजहद
बिना फायरफाइटिंग शिप के जूझता रहा क्रू
ज़ोडियाक मैरीटाइम के प्रवक्ता डस्टिन एनो ने बताया कि आग की सूचना मिलते ही क्रू ने खुद से आग बुझाने की कोशिश की, क्योंकि उस वक्त आसपास कोई फायरफाइटिंग जहाज मौजूद नहीं था। हालांकि, अब जहाज की स्थिति पर ड्रोन और निगरानी जहाजों से नजर रखी जा रही है।
वैश्विक शिपिंग में बढ़ते Electric Cars के खतरे
शिपिंग कंपनियों के लिए चेतावनी
पिछले कुछ वर्षों में Electric Cars का निर्यात तेजी से बढ़ा है, खासकर चीन से। लेकिन यह घटना इस ओर इशारा करती है कि इन वाहनों को समुद्री मार्ग से भेजने में कई गंभीर जोखिम शामिल हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि शिपिंग कंपनियों को विशेष सुरक्षा उपाय अपनाने की जरूरत है।
चीन से क्यों हो रहा है इतना निर्यात?
EV उद्योग में अग्रणी बना चीन
चीन न केवल दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक है, बल्कि वह अब Electric Cars के उत्पादन में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, 2024 में चीन ने अकेले 40 लाख से अधिक Electric Cars का निर्माण किया, जिनमें से बड़ी संख्या विदेशों में निर्यात की गई।
जांच के घेरे में जहाज की लोडिंग प्रक्रिया
क्या सुरक्षा मानकों का पालन हुआ?
अमेरिकी तटरक्षक बल के अनुसार, वे इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या जहाज पर लदी गई Electric Cars को सुरक्षित तरीके से स्टोर किया गया था या नहीं। लोडिंग में थोड़ी सी चूक भी इस तरह के बड़े हादसे को जन्म दे सकती है।
आगे की कार्रवाई
तकनीकी जांच होगी शुरू
संभावना है कि सोमवार तक बचाव दल पूरी तरह से घटना स्थल पर पहुंच जाएगा और तब आग बुझाने के साथ-साथ तकनीकी जांच शुरू की जाएगी। इस घटना से यह भी उम्मीद की जा रही है कि Electric Cars को शिपिंग के दौरान कैसे हैंडल किया जाए, इस पर नई गाइडलाइंस जारी हो सकती हैं।
इस हादसे ने एक बार फिर वैश्विक स्तर पर Electric Cars की सुरक्षा को लेकर बहस छेड़ दी है। जहाजों में इलेक्ट्रिक वाहनों के परिवहन से जुड़े जोखिमों को अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह घटना न केवल शिपिंग इंडस्ट्री के लिए चेतावनी है, बल्कि वाहन निर्माता कंपनियों और सरकारों के लिए भी एक जरूरी संकेत है कि तकनीक के साथ-साथ सुरक्षा पर भी उतना ही ध्यान दिया जाए।