हाइलाइट्स
- महिला ने अपने Domestic Violence Case में डॉक्टर पति पर बंधक बनाकर रखने और भूखा मारने का गंभीर आरोप लगाया
- डॉक्टर प्रदीप बघेल पहले ही पहली पत्नी की हत्या के मामले में जेल जा चुका है
- पीड़िता ने बताया कि सास-ससुर, देवर और पति मिलकर उसे कमरे में बंद कर रखते हैं
- नौ साल के बेटे के सामने महिला के साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया जाता है
- पीड़िता का कहना है कि उसका पति किसी अन्य महिला से संबंध रखता है और उसी के कहने पर उत्पीड़न करता है
आगरा में एक और दिल दहला देने वाला Domestic Violence Case सामने आया
उत्तर प्रदेश के आगरा जिले से एक Domestic Violence Case ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। एक महिला ने अपने डॉक्टर पति पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उसे पिछले कई वर्षों से घर में बंधक बनाकर, भूखा रखकर, और निर्ममता से पीटकर रखा जा रहा था। इस हैवानियत की हद तब पार हो गई जब महिला ने वीडियो जारी कर अपने साथ हो रही दरिंदगी का खुलासा किया।
आरोपी डॉक्टर पहले भी जा चुका है जेल
पीड़िता ने बताया कि उसका पति डॉक्टर प्रदीप बघेल है, जो पूर्व में अपनी पहली पत्नी की हत्या के मामले में जेल जा चुका है। अब दूसरी पत्नी के साथ भी वह उसी तरह की क्रूरता और प्रताड़ना कर रहा है।
डॉक्टर प्रदीप का परिवार राजनीतिक रूप से भी जुड़ा हुआ है। उसके ससुर शिरोमणि सिंह पूर्व पार्षद रह चुके हैं। महिला ने पुलिस को बताया कि न केवल उसका पति, बल्कि उसकी सास, ससुर और देवर भी उसके उत्पीड़न में बराबर के भागीदार हैं।
घरेलू हिंसा की ये कहानी बन गई एक और खौफनाक मिसाल
महिला की आपबीती
पीड़िता के अनुसार,
“मेरी शादी वर्ष 2015 में डॉक्टर प्रदीप बघेल से हुई थी। उस समय मैं एक गरीब परिवार से थी। नौ साल का एक बेटा है। शुरुआत में सब ठीक था, लेकिन कुछ ही वर्षों बाद पति ने मुझे तंग करना शुरू कर दिया।”
महिला ने आरोप लगाया कि उसके पति का किसी अन्य महिला से अवैध संबंध है। और उसी महिला के इशारे पर वह उसे प्रताड़ित करता है।
सास-ससुर और देवर की भी भूमिका
परिवार का अत्याचार
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि उसकी सास, ससुर और देवर सभी पति का साथ देते हैं। जब भी वह कुछ कहती है, उसे धमकाया जाता है। कभी-कभी तो उसे पूरे कमरे में बंद कर भूखा रख दिया जाता है, और बात-बात पर उसे जानवरों की तरह मारा जाता है।
“मैं रोती रही, चिल्लाती रही, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं था।”
भाई ने आकर बचाई जान
महिला ने यह भी बताया कि उसकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। वह मानसिक और शारीरिक रूप से टूट चुकी थी। तभी उसके भाई को किसी तरह शक हुआ और वह घर आया। वहां का मंजर देखकर वह सन्न रह गया। उसने दरवाजा तोड़कर बहन को बाहर निकाला और पुलिस को बुलाया।
उत्तर प्रदेश के आगरा की इस महिला की यह वीडियो देखकर आपकी रूह काँप जाएगी,
यह डॉक्टर प्रदीप बघेल की दूसरी पत्नी है, डॉक्टर पूर्व में पहली पत्नी की हत्या में जेल जा चुका है।
दूसरी पत्नी ने आरोप लगाया कि उसे बंधक बनाकर भूखा रखा जाता है। मारपीट की जाती है, भाई ने आकर उसे मुक्त… pic.twitter.com/hKNw7U6qg3
— Madan Mohan Soni (आगरा वासी ) (@madanjournalist) July 10, 2025
पुलिस ने लिया संज्ञान
स्थानीय पुलिस ने इस Domestic Violence Case को गंभीरता से लिया है। महिला की शिकायत पर मेडिकल जांच करवाई गई है जिसमें शारीरिक चोटों के स्पष्ट निशान पाए गए हैं। डॉक्टर प्रदीप बघेल और उसके परिवार के खिलाफ धारा 498A, 323, 342, 506 और 34 IPC के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
महिला आयोग और प्रशासन का हस्तक्षेप जरूरी
इस Domestic Violence Case में सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि आरोपी पहले से एक हत्या के मामले में जेल जा चुका है और अब दोबारा वही कहानी दोहरा रहा है। महिला आयोग को इस मामले में स्वतः संज्ञान लेना चाहिए और पीड़िता को तुरंत सुरक्षा मुहैया करानी चाहिए।
कानूनी विशेषज्ञों की राय
वरिष्ठ अधिवक्ता आर.के. मिश्रा ने बताया,
“यदि किसी महिला को इस हद तक प्रताड़ित किया जाता है कि उसका मानसिक संतुलन भी प्रभावित हो, तो आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। यह महज घरेलू हिंसा नहीं, बल्कि एक सुनियोजित अपराध है।”
वीडियो वायरल होने के बाद लोगों का आक्रोश
जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, लोग हैरान और आक्रोशित हो गए। कई संगठनों ने पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग की है। ट्विटर पर #JusticeForAgraWoman ट्रेंड कर रहा है।
सामाजिक कार्यकर्ताओं की पहल
अगरा की सामाजिक कार्यकर्ता नीलम अग्रवाल ने पीड़िता से मुलाकात कर उसे सहायता देने की बात कही है।
“हम उसे कानूनी और मानसिक सहयोग देंगे। यह केवल एक महिला की लड़ाई नहीं है, यह समाज में महिलाओं के सम्मान की लड़ाई है।”
कब तक चलती रहेगी ऐसी बर्बरता?
यह Domestic Violence Case न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाता है, बल्कि समाज में स्त्री-सशक्तिकरण की वास्तविक स्थिति को भी उजागर करता है। एक डॉक्टर, जो समाज का सम्मानित वर्ग माना जाता है, यदि ऐसी बर्बरता कर रहा है तो सोचिए आम महिलाएं कितनी असुरक्षित हैं।
आवश्यक है कि इस केस की तेज़ सुनवाई हो, ताकि पीड़िता को न्याय मिले और समाज में यह संदेश जाए कि अपराधी कोई भी हो, सजा तय है।