Domestic Violence

पांच माह की गर्भवती पत्नी को दी खौफनाक मौत, सुनकर कांप उठेगी रूह; वजह इतनी हैरान करने वाली कि रह जाएंगे दंग

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हाइलाइट्स

  • Domestic Violence का खौफनाक मामला यूपी के कासगंज से सामने आया
  • गर्भवती ब्रजबाला को पति ने पीटा और छत से फेंका, मौके पर हुई मौत
  • दाल में नमक तेज़ होने पर पति ने बरपाया कहर, महिला भूसे में छिपकर जान बचा रही थी
  • आरोप: पति रामू का अपनी भाभी पूनम से था अवैध संबंध, पहले भी हो चुका था शक
  • पुलिस ने आरोपी को जंगल से गिरफ्तार किया, हत्या में भाभी की भूमिका की भी जांच

उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में Domestic Violence की एक दिल दहला देने वाली घटना ने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया है। मामूली कहासुनी ने उस समय क्रूरता की हदें पार कर दीं, जब एक गर्भवती महिला को उसके ही पति ने पीट-पीट कर मार डाला। वजह? सिर्फ़ यह कि दाल में नमक कुछ तेज़ था।

कैसे शुरू हुआ यह दर्दनाक Domestic Violence का मामला

कासगंज के एक गांव में रहने वाले रामू नामक युवक की शादी चार साल पहले ब्रजबाला से हुई थी। ग्रामीणों के अनुसार, यह जोड़ा अक्सर आपसी विवादों में उलझा रहता था। विवाह के बाद से ही रामू का व्यवहार हिंसक रहा, और घर के अंदर होने वाली मारपीट को गांव वालों ने कई बार सुना भी।

घटना वाले दिन, ब्रजबाला ने दोपहर के खाने में दाल बनाई। रामू को उसमें नमक तेज़ लगा। इस बात पर विवाद हुआ और देखते ही देखते मामला Domestic Violence की वीभत्स स्थिति तक पहुंच गया।

गर्भवती ब्रजबाला भूसे के ढेर में छिपी, फिर भी नहीं बच सकी जान

जैसे ही रामू का गुस्सा बढ़ा, उसने ब्रजबाला को बुरी तरह पीटना शुरू कर दिया। मार से बचने के लिए महिला घर के बाहर रखे भूसे के ढेर में जाकर छिप गई, लेकिन पति ने उसे वहीं से घसीटा और छत पर ले जाकर नीचे फेंक दिया।

स्थानीय लोगों का कहना है कि ब्रजबाला की चीखें काफी देर तक सुनाई देती रहीं, लेकिन कोई बीच-बचाव करने नहीं पहुंचा। छत से गिरने के कारण महिला को गंभीर चोटें आईं और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

रामू और भाभी पूनम के रिश्ते पर था शक

ब्रजबाला के मायके वालों ने पुलिस में दर्ज कराई एफआईआर में आरोप लगाया है कि रामू और उसकी भाभी पूनम के बीच अवैध संबंध थे। परिवार वालों के अनुसार, एक बार दोनों को कमरे में अकेले भी पाया गया था, जिसके बाद से ब्रजबाला का अपने पति से झगड़ा लगातार बढ़ता जा रहा था।

Domestic Violence की इस घटना में पूनम की भूमिका को भी संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है। पीड़िता के भाई ने दावा किया है कि पूनम ने रामू को भड़काया और मारपीट के समय वह मौके पर मौजूद थी।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई: जंगल से पकड़ा गया आरोपी

घटना के बाद आरोपी रामू घर से फरार हो गया था। पुलिस को सूचना मिली कि वह गांव के बाहर जंगल में छिपा है। तत्काल कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम ने रामू को गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

पुलिस अधीक्षक कासगंज ने बयान दिया है कि Domestic Violence की यह घटना अति दुर्भाग्यपूर्ण है और इसमें दोषियों को सख्त सजा दिलाई जाएगी। पूनम से भी पूछताछ की जा रही है और उसके खिलाफ साक्ष्य मिलने पर गिरफ्तारी संभव है।

कानूनी प्रावधान और महिला सुरक्षा पर सवाल

इस मामले ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि घरेलू हिंसा की रोकथाम के लिए बने कानूनों की जमीनी हकीकत क्या है?
Domestic Violence Act 2005 के तहत महिलाएं अपने पति या ससुराल पक्ष के खिलाफ सुरक्षा और शिकायत का अधिकार रखती हैं, लेकिन जब तक समाज में मानसिकता नहीं बदलेगी, ऐसे मामले यूं ही होते रहेंगे।

ब्रजबाला एक गर्भवती महिला थी और एक नई जिंदगी को जन्म देने वाली थी, लेकिन समाज की चुप्पी और घरेलू हिंसा की दहलीज ने उसकी अपनी जिंदगी छीन ली।

सामाजिक चुप्पी और महिलाओं की असुरक्षा

इस घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि समाज अभी भी महिलाओं के प्रति हिंसा को नजरअंदाज कर देता है। Domestic Violence को घर का ‘अंदरूनी मामला’ मान कर खामोश रहना, दरअसल अपराध में सहयोग करना है।

गांव के लोग यदि समय रहते हस्तक्षेप करते या ब्रजबाला के परिवार वाले उसकी शादी के तनावपूर्ण माहौल को गंभीरता से लेते, तो शायद उसकी जान बच सकती थी।

सरकार और समाज की ज़िम्मेदारी क्या है?

राज्य महिला आयोग ने इस घटना का संज्ञान लिया है और जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने यह भी कहा है कि Domestic Violence को लेकर गांव-गांव में जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए, ताकि ऐसी घटनाओं को समय रहते रोका जा सके।

सरकार को चाहिए कि वह ग्रामीण क्षेत्रों में महिला हेल्पलाइन नंबर, आश्रय गृह, और काउंसलिंग केंद्रों की संख्या बढ़ाए, ताकि महिलाएं खुलकर अपनी समस्या साझा कर सकें।

 कब थमेगा Domestic Violence का यह खूनी खेल?

कासगंज की यह घटना केवल एक महिला की नहीं, बल्कि पूरे समाज के चेतना की हत्या है। Domestic Violence के खिलाफ केवल कानून बनाना काफी नहीं, ज़रूरत है समाज को संवेदनशील बनाने की।

हर इंसान को यह समझना होगा कि किसी महिला की चुप्पी उसकी सहमति नहीं होती। आवाज़ उठाइए, जागरूक बनाइए और एक ऐसा समाज बनाइए जहां नमक तेज़ होने पर किसी की जान न जाए।

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