दिल्ली कालका जी हादसा: बारिश में पेड़ गिरा… पिता की मौके पर मौत, बेटी दो घंटे तक सड़क पर तड़पती रही, CCTV वीडियो ने खोली लापरवाही की पोल

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हाइलाइट्स

  • दिल्ली कालका जी हादसा में पिता की दर्दनाक मौत, बेटी दो घंटे तक सड़क पर तड़पती रही
  • 14 अगस्त 2025 की सुबह 9:50 बजे दिल्ली के कालका जी इलाके में बड़ा हादसा
  • तेज हवा और बारिश के बीच भारी पेड़ गिरा, बाइक सवार बाप-बेटी उसके नीचे दबे
  • स्थानीय लोगों ने बचाने की कोशिश की, लेकिन मदद देर से पहुंची
  • CCTV फुटेज ने पूरी घटना की सच्चाई उजागर की

दिल्ली कालका जी हादसा ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है। 14 अगस्त 2025 की सुबह करीब 9:50 बजे हुई इस घटना का CCTV फुटेज सामने आया है, जिसने प्रशासन और जनता दोनों को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। तेज बारिश और आंधी के बीच कालका जी मंदिर रोड पर एक भारी-भरकम पेड़ अचानक गिर पड़ा। इस हादसे में बाइक सवार पिता की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पीछे बैठी उनकी बेटी गंभीर रूप से घायल होकर सड़क पर पड़ी तड़पती रही।

घटना का पूरा विवरण

सुबह की सामान्य यात्रा बनी भयावह

गुरुवार सुबह, 45 वर्षीय राजेश कुमार अपनी 17 वर्षीय बेटी साक्षी के साथ बाइक पर कालका जी इलाके से गुजर रहे थे। मौसम विभाग ने तेज हवाओं और बारिश की चेतावनी पहले ही जारी कर दी थी, लेकिन दिल्ली की सड़कों पर रोज़ की तरह यातायात सामान्य था। दिल्ली कालका जी हादसा ठीक उसी समय हुआ जब वे मंदिर रोड पर पहुंचे।

अचानक, सड़क किनारे खड़ा पुराना और कमजोर पेड़ जोरदार आवाज के साथ गिर पड़ा। बाइक पर सवार राजेश और साक्षी सीधे पेड़ के नीचे दब गए। राजेश का सिर गंभीर रूप से चोटिल हुआ और उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया। साक्षी को गहरी चोटें आईं, लेकिन सबसे दर्दनाक बात यह थी कि वह करीब दो घंटे तक सड़क पर पड़ी मदद का इंतज़ार करती रही।

CCTV फुटेज ने खोली लापरवाही की पोल

हादसे का हर पल कैमरे में कैद

पास के एक दुकान में लगे CCTV कैमरे ने इस पूरी घटना को रिकॉर्ड किया। फुटेज में साफ दिख रहा है कि जैसे ही पेड़ गिरा, वहां मौजूद कुछ लोग दौड़कर मदद करने पहुंचे, लेकिन पेड़ का वजन इतना ज्यादा था कि वे अकेले उसे हटा नहीं पाए।

दिल्ली कालका जी हादसा का फुटेज देखने के बाद यह भी सामने आया कि स्थानीय प्रशासन और एंबुलेंस सेवा को सूचना देने के बावजूद मदद देर से पहुंची। दिल्ली फायर सर्विस की टीम घटनास्थल पर पहुंचने में लगभग 40 मिनट देर कर गई, जिससे साक्षी की हालत और बिगड़ गई।

स्थानीय लोगों का आरोप: प्रशासन ने अनदेखी की

पहले से थी पेड़ गिरने की आशंका

स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस इलाके में कई पुराने पेड़ लंबे समय से जर्जर हो चुके हैं। कई बार MCD और वन विभाग को शिकायत दी गई थी कि तेज हवा या बारिश में ये पेड़ खतरा बन सकते हैं। लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।

राहगीरों ने कहा, “अगर प्रशासन समय रहते इस पेड़ को हटा देता, तो दिल्ली कालका जी हादसा टल सकता था।”

बेटी की हालत गंभीर, अस्पताल में भर्ती

डॉक्टरों ने बताया क्रिटिकल

साक्षी को गंभीर चोटों के साथ AIIMS ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि उसके पैर और रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोटें आई हैं। फिलहाल वह आईसीयू में है और लगातार निगरानी में रखी गई है।

परिवार के लोग सदमे में हैं और लगातार यही कह रहे हैं कि अगर मदद समय पर मिल जाती, तो राजेश को भी बचाया जा सकता था।

हादसे के बाद प्रशासन की सफाई

“तेज मौसम के कारण देरी” – MCD

MCD अधिकारियों ने सफाई देते हुए कहा कि तेज हवाओं और बारिश के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी हुई। दिल्ली फायर सर्विस ने भी माना कि उस समय शहर के कई हिस्सों में पेड़ गिरने और जलभराव की घटनाएं एक साथ हो रही थीं, जिससे टीमें समय पर नहीं पहुंच पाईं।

हालांकि, दिल्ली कालका जी हादसा के बाद MCD ने घोषणा की है कि वह शहर में पुराने और जर्जर पेड़ों की तुरंत जांच कराएगी और जरूरत पड़ने पर उन्हें काटकर हटाएगी।

दिल्ली में पेड़ गिरने की बढ़ती घटनाएं

पिछले साल भी कई हादसे

दिल्ली में मानसून के दौरान पेड़ गिरने की घटनाएं आम हो गई हैं। पिछले साल भी साकेत, रोहिणी और चांदनी चौक इलाके में इसी तरह के हादसों में चार लोगों की मौत हुई थी। दिल्ली कालका जी हादसा ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या शहर में पेड़ों की समय-समय पर जांच होती है या नहीं।

विशेषज्ञों की राय

“पेड़ों की मेंटेनेंस जरूरी”

पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि पुराने पेड़ों की समय-समय पर जांच और छंटाई जरूरी है। तेज हवाओं और बारिश में कमजोर पेड़ गिरने का खतरा ज्यादा होता है।
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में दिल्ली कालका जी हादसा जैसे और मामले देखने को मिल सकते हैं।

जनता की मांग: जिम्मेदारों पर कार्रवाई हो

सोशल मीडिया पर इस हादसे को लेकर गुस्सा फूट पड़ा है। लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई हो। ट्विटर (X) पर #DelhiKalkajiAccident और #JusticeForSakshi जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।

दिल्ली कालका जी हादसा सिर्फ एक दर्दनाक घटना नहीं, बल्कि शहर की सिस्टम की लापरवाही का आईना है। अगर समय पर पुराने पेड़ों की जांच और देखरेख होती, तो शायद एक बेटी आज अपने पिता को खोने के दर्द से न गुजर रही होती। यह हादसा प्रशासन के लिए चेतावनी है कि अब ढीली नीतियों को छोड़कर समय पर कार्रवाई करनी होगी।

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