Dalit girl crime

Video: सुनसान खेत में अकेली दलित युवती के साथ दरिंदगी, चीखें गूंजी तो भागे दरिंदे – जाते-जाते दे गए जान से मारने की धमकी

Latest News

हाइलाइट्स

  • Dalit girl crime: खेत में अकेली घास चरा रही दलित युवती के साथ दो दबंगों ने की हैवानियत
  • गांव वालों के पहुंचते ही आरोपी मौके से भागे, जाते-जाते दी जान से मारने की धमकी
  • युवती को जातिसूचक गालियां दी गईं, गंभीर रूप से पीटा गया और की गई अश्लील हरकतें
  • घटना के बाद पूरे गांव में भय और आक्रोश का माहौल, परिजनों ने न्याय की मांग की
  • पुलिस ने मामला दर्ज किया लेकिन अभी तक मुख्य आरोपी फरार, जांच में लापरवाही के आरोप

खेत में घास चरा रही दलित युवती के साथ दरिंदगी, गांव में दहशत

उत्तर प्रदेश के कन्नौज जनपद स्थित सौरिख थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने Dalit girl crime की भयावहता को एक बार फिर उजागर कर दिया है। शुक्रवार दोपहर खेत में घास काट रही एक दलित युवती पर दो दबंग युवकों ने हमला कर दिया। न केवल मारपीट की गई, बल्कि जातिसूचक गालियां देते हुए युवती के साथ अश्लील हरकतें भी की गईं।

घटना के समय खेतों में आसपास कोई नहीं था। युवती की चीख सुनकर गांव के कुछ लोग वहां पहुंचे, तब जाकर आरोपी फरार हो गए। लेकिन जाते-जाते उन्होंने युवती और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी।

गांव में पसरा डर, न्याय की गुहार लगा रहा परिवार

घटना के बाद युवती किसी तरह अपने घर पहुंची और बेहोश हो गई। परिजनों ने जब उसकी हालत देखी तो पुलिस को सूचना दी गई। पीड़िता के पिता का कहना है कि उनकी बेटी बहुत डरी हुई है, और बार-बार बेहोश हो रही है।

परिजनों का कहना है कि Dalit girl crime पर कार्रवाई में अक्सर टालमटोल की जाती है। उन्होंने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि गांव में दबंगों का इतना खौफ है कि लोग उनके खिलाफ गवाही देने से भी डरते हैं।

पुलिस का रवैया सवालों के घेरे में

सौरिख थाना प्रभारी ने बताया कि पीड़िता की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है और आरोपियों की तलाश जारी है। हालांकि गांव वालों का आरोप है कि पुलिस ने तुरंत गिरफ्तारी नहीं की, जिससे आरोपी फरार हो गए।

स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता राधा सिंह ने कहा, “हर महीने एक Dalit girl crime सामने आता है, लेकिन प्रशासन केवल खानापूर्ति करता है। क्या इसी तरह न्याय मिलेगा?”

मेडिकल परीक्षण और बयान की कार्रवाई

पुलिस ने पीड़िता को मेडिकल परीक्षण के लिए जिला अस्पताल भेजा है। डॉक्टरों की टीम ने शुरुआती जांच के आधार पर कहा कि पीड़िता के शरीर पर चोटों के गंभीर निशान हैं।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बयान दर्ज कर लिए गए हैं और पॉक्सो एक्ट, एससी/एसटी एक्ट सहित कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। लेकिन तब तक मुख्य आरोपी पकड़े नहीं गए हैं।

सामाजिक संगठनों का विरोध प्रदर्शन

घटना की जानकारी मिलते ही कई दलित संगठनों और महिला अधिकार समूहों ने थाना परिसर के बाहर प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि Dalit girl crime अब कानून-व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह बन चुका है और प्रशासन को इस पर सख्त कदम उठाना होगा।

दलित महासभा की अध्यक्ष अनामिका गौतम ने कहा, “हमारी बेटियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है? जब खेत में अकेली लड़की भी सुरक्षित नहीं है, तब कैसा विकास और कैसी समानता?”

नेताओं की प्रतिक्रियाएं और राजनीतिक दबाव

घटना पर स्थानीय नेताओं ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। विपक्षी दलों ने इसे सरकार की विफलता बताया है। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि यूपी में Dalit girl crime का ग्राफ बढ़ता जा रहा है और सरकार केवल ‘बेटी बचाओ’ के नारे तक सीमित है।

वहीं, सत्ताधारी दल के विधायक ने भरोसा दिलाया कि पीड़िता को न्याय दिलाया जाएगा और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।

बार-बार क्यों दोहराए जा रहे Dalit girl crime?

विशेषज्ञों का मानना है कि Dalit girl crime जैसी घटनाएं सामाजिक असमानता, जातिगत मानसिकता और कमजोर कानूनी कार्रवाई की वजह से लगातार बढ़ रही हैं। ऐसे मामलों में जल्द न्याय नहीं मिलने से अपराधियों के हौसले बुलंद होते हैं।

राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य रमा शुक्ला ने कहा कि “जब तक ऐसे मामलों में समयबद्ध न्याय नहीं मिलेगा, तब तक अपराधियों को डर नहीं लगेगा और पीड़िताओं का दर्द केवल फाइलों में रह जाएगा।”

पीड़िता की सुरक्षा की मांग

परिजनों ने प्रशासन से पीड़िता को तत्काल सुरक्षा देने की मांग की है। उनका कहना है कि आरोपी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं और उन्हें डर है कि वे फिर से हमला कर सकते हैं।

गांव के प्रधान ने जिला अधिकारी को पत्र लिखकर विशेष पुलिस सुरक्षा की मांग की है और आरोपी परिवार पर सामाजिक बहिष्कार का भी प्रस्ताव दिया गया है।

क्या दलित बेटियों को मिलेगा इंसाफ?

Dalit girl crime की इस वीभत्स घटना ने एक बार फिर दिखा दिया कि समाज में जातिगत भेदभाव और महिलाओं के प्रति हिंसा का जहर अभी भी जीवित है। कानून के डर के बिना, अपराधी इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते हैं।

अब देखना होगा कि प्रशासन इस बार कितनी तेजी और निष्पक्षता से कार्रवाई करता है। पीड़िता और उसके परिवार की निगाहें कानून और इंसाफ की ओर टिकी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *