हाइलाइट्स
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Dalit e-rickshaw driver अंकित को शिव भजन बजाने पर घर में खींचकर बेरहमी से पीटा गया
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मोहम्मद उस्मान, नूर रहमान और उनके गिरोह पर जातिसूचक गालियों और मारपीट का आरोप
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पीड़ित को डंडों से पीटते हुए CCTV फुटेज वायरल, घटना मुरादाबाद की
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पुलिस ने अब तक 3 लोगों को गिरफ्तार किया, 5 नामजद और 15-20 अज्ञात पर केस दर्ज
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दलित समाज में आक्रोश, प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग
मुरादाबाद में दलित युवक पर सामूहिक हमला: ‘Dalit e-rickshaw driver’ को भजन बजाने पर मिली क्रूर सजा
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। एक Dalit e-rickshaw driver को सिर्फ इसलिए बेरहमी से पीटा गया क्योंकि वह अपने वाहन पर शिव भजन बजा रहा था। पीड़ित युवक का नाम अंकित बताया जा रहा है, जिसे मोहल्ले के ही कुछ लोगों ने घर में घसीटकर लाठी-डंडों से मारा और जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया।
यह घटना मुरादाबाद के कटघर थाना क्षेत्र की है, जहां मोहम्मद उस्मान, नूर रहमान, और उनके सहयोगियों ने मिलकर यह क्रूरता की। पूरी घटना पास के ही एक मकान में लगे CCTV कैमरे में कैद हो गई, जिसकी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
कैसे हुआ हमला? पीड़ित का बयान और चश्मदीदों की जानकारी
Mohammad Usman, Noor Rahman & gang brutally beat Dalit e-rickshaw driver Ankit in Moradabad for playing Shiv bhajans.
Dragged into a house, he faced casteist slurs & a vicious thrashing.
CCTV caught the horror. Police arrested 3, charged 5 named & 15-20 others. pic.twitter.com/D7u3hRjLm8
— Treeni (@TheTreeni) July 13, 2025
भजन बजाते हुए जा रहा था अंकित, तभी रास्ता रोका गया
जानकारी के अनुसार, Dalit e-rickshaw driver अंकित रोज़ की तरह अपने रिक्शे पर सवार होकर मोहल्ले से गुजर रहा था। उसके वाहन पर धार्मिक भजन ‘जय शिव शंकर’ बज रहा था। तभी मोहम्मद उस्मान और नूर रहमान ने उसे रोका और भजन बंद करने को कहा।
जब अंकित ने विरोध किया, तो उसे गाली-गलौज करते हुए एक घर के अंदर खींच लिया गया, जहां 15-20 लोगों ने मिलकर उसे बेरहमी से पीटा।
CCTV में कैद हुई क्रूरता
CCTV फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि कैसे Dalit e-rickshaw driver को पहले घसीटा गया और फिर चारों ओर से घेरकर मारा गया। लाठी, बेल्ट और लोहे की रॉड तक का इस्तेमाल किया गया। घटना की गंभीरता का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि अंकित बुरी तरह से घायल हो गया और बेसुध हो गया।
पुलिस की कार्रवाई: अब तक तीन गिरफ्तार, मामला दर्ज
5 नामजद, 20 अज्ञात पर केस
पुलिस ने इस मामले में SC/ST एक्ट, IPC की धारा 307 (हत्या का प्रयास) सहित कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है। जिन पाँच लोगों को नामजद किया गया है, उनमें मुख्य रूप से मोहम्मद उस्मान, नूर रहमान, आबिद, राशिद, और फैसल के नाम शामिल हैं।
अभी तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि अन्य की तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।
पुलिस का बयान
मुरादाबाद के एसएसपी हेमराज मीणा ने बताया कि,
“घटना बेहद गंभीर है। Dalit e-rickshaw driver के साथ हुई मारपीट अमानवीय है। पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई की है और जल्द ही सभी आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा।”
दलित समुदाय में आक्रोश, प्रशासन से न्याय की मांग
इस घटना के बाद मुरादाबाद और आसपास के जिलों में दलित समुदाय में भारी आक्रोश है। विभिन्न सामाजिक संगठनों ने पीड़ित को न्याय दिलाने की मांग की है।
धरना-प्रदर्शन और ज्ञापन
स्थानीय दलित संगठनों ने थाने के बाहर प्रदर्शन किया और आरोपियों की फास्ट-ट्रैक कोर्ट में सुनवाई की मांग की।
भारतीय बौद्ध महासभा के सदस्य अनिल गौतम ने कहा—
“शिव भजन सुनना हमारा धर्म है, कोई उसे रोक नहीं सकता। Dalit e-rickshaw driver को पीटना संविधान का अपमान है। दोषियों को फांसी दी जाए।”
सामाजिक-राजनीतिक प्रतिक्रिया: विपक्ष ने सरकार को घेरा
इस घटना पर विपक्षी दलों ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
सपा नेता का बयान
समाजवादी पार्टी के नेता ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा,
“जब एक Dalit e-rickshaw driver को भजन बजाने पर मारा जाता है और सरकार चुप बैठी है, तो यह कानून का राज नहीं बल्कि जंगलराज है।”
कांग्रेस की मांग
कांग्रेस प्रवक्ता सुरभि शर्मा ने कहा,
“जातिवाद और धार्मिक असहिष्णुता पर सरकार को ज़ीरो टॉलरेंस दिखाना चाहिए। पीड़ित को 10 लाख मुआवजा और सरकारी नौकरी मिले।”
क्या है आगे की राह?
इस घटना ने न केवल जातीय तनाव को उजागर किया है, बल्कि धार्मिक असहिष्णुता की भी गंभीर तस्वीर पेश की है।
सरकार के लिए यह समय है जब Dalit e-rickshaw driver जैसे पीड़ितों को न्याय दिलाना सिर्फ प्रशासनिक कर्तव्य नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी भी है।
मुरादाबाद की यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति के साथ नहीं, बल्कि उस पूरे वर्ग के साथ हुई है जिसे आज भी धार्मिक और सामाजिक स्वतंत्रता से वंचित किया जा रहा है।
जब तक संविधान के मूल्यों को ज़मीन पर लागू नहीं किया जाएगा, Dalit e-rickshaw driver जैसे लोग यूं ही उत्पीड़न का शिकार होते रहेंगे।