Covid resurgence

कोरोना से लगातार हो रही मौतों ने बढ़ाई देशभर में दहशत, स्थिति गंभीर, स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए ताज़ा आंकड़े

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हाइलाइट्स

  • Covid resurgence ने देश में फिर से चिंता की लहर दौड़ा दी है, एक्टिव केस 2,710 तक पहुंचे
  • दिल्ली में पहली मौत के बाद स्थिति हुई गंभीर, बिना लक्षण वाले मामलों में वृद्धि
  • केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली जैसे राज्यों में तेजी से बढ़ रहे हैं नए संक्रमण
  • केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को सतर्क रहने और स्वास्थ्य संसाधनों को मजबूत करने के निर्देश दिए
  • विशेषज्ञों ने चेताया—मौसम बदलाव और लापरवाही से संक्रमण तेजी से फैल सकता है

देश में बढ़ते संक्रमण: क्या सच में लौट आया है कोरोना?

भारत में Covid resurgence ने एक बार फिर से लोगों की चिंता बढ़ा दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, देश में सक्रिय कोरोना मामलों की संख्या बढ़कर 2,710 हो चुकी है। कुछ महीने की राहत के बाद यह बढ़ोतरी स्वास्थ्य व्यवस्था और आम नागरिकों दोनों के लिए चेतावनी है कि वायरस अभी गया नहीं है।

राज्यवार हालात: कहां कितनी गंभीर है स्थिति?

केरल बना हॉटस्पॉट

केरल में Covid resurgence के सबसे अधिक प्रभाव देखने को मिल रहे हैं। यहां कुल 1,147 सक्रिय मामले सामने आए हैं, जो देश के किसी भी राज्य से सबसे अधिक हैं। स्थानीय प्रशासन ने सभी अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा है।

महाराष्ट्र और दिल्ली की स्थिति

महाराष्ट्र में 84 नए मामलों के साथ कुल 681 संक्रमित लोग हैं, जबकि दिल्ली में कुल केस 294 हो चुके हैं। दिल्ली में एक महिला की मौत की पुष्टि ने इस Covid resurgence को गंभीर बना दिया है।

अन्य राज्यों की स्थिति

  • राजस्थान: कुल 54 संक्रमित, 1 मौत
  • बिहार: 22 कुल केस, जिनमें 12 नए मामले
  • झारखंड: 3 एक्टिव केस

इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि यह Covid resurgence सिर्फ महानगरों तक सीमित नहीं है, बल्कि छोटे राज्यों तक भी फैल चुका है।

दिल्ली की पहली मौत: अलक्षणिक संक्रमण का खतरा

दिल्ली में एक 60 वर्षीय महिला की Covid resurgence के दौरान हुई मौत ने स्वास्थ्य तंत्र को झकझोर कर रख दिया है। महिला की हाल ही में पेट की सर्जरी हुई थी और कोई स्पष्ट लक्षण नहीं थे। मौत के बाद जब जांच हुई, तो रिपोर्ट पॉज़िटिव आई। इससे साफ है कि वायरस का नया स्वरूप ‘अलक्षणिक’ हो सकता है।

विशेषज्ञों की चेतावनी: नया स्ट्रेन है धीमा लेकिन खतरनाक

वायरस का नया स्वरूप

विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार का Covid resurgence पिछले बार की तुलना में अलग है। यह धीरे फैलता है लेकिन इसका असर अधिक घातक हो सकता है, खासकर बुज़ुर्गों और पहले से बीमार लोगों के लिए।

बदलता मौसम भी बना कारण

मौसम में बदलाव और नागरिकों की लापरवाही से संक्रमण को पनपने का मौका मिला है। त्योहारी सीज़न और भीड़भाड़ वाले कार्यक्रमों के चलते संक्रमण दर में तेज़ी देखी जा रही है।

केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया: पूरी तैयारी का दावा

स्वास्थ्य मंत्री का बयान

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने प्रेस वार्ता में कहा कि सरकार Covid resurgence से निपटने के लिए हर स्तर पर तैयार है। उन्होंने कहा:

“हमने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिए हैं कि वे अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, दवाइयां और PPE किट की उपलब्धता सुनिश्चित करें।”

राज्यों को निर्देश

सभी राज्यों को टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने, संक्रमितों को ट्रैक करने और आइसोलेशन के लिए पर्याप्त सुविधाएं सुनिश्चित करने को कहा गया है।

आम नागरिकों के लिए चेतावनी और सुझाव

क्या करें?

  • मास्क पहनना फिर से अनिवार्य किया जा सकता है
  • सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें
  • हल्के लक्षण भी हों तो तुरंत जांच कराएं
  • वैक्सीन और बूस्टर डोज़ समय से लें

क्या न करें?

  • सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ इकट्ठा न करें
  • सर्दी, जुकाम जैसे लक्षणों को हल्के में न लें
  • अफवाहों पर विश्वास न करें, केवल आधिकारिक सूचना पर भरोसा करें

क्या फिर से लॉकडाउन की संभावना?

हालांकि अभी तक Covid resurgence को लेकर किसी राज्य ने लॉकडाउन का ऐलान नहीं किया है, लेकिन अगर संक्रमण की दर यूं ही बढ़ती रही, तो आने वाले दिनों में सख्त पाबंदियां लगाई जा सकती हैं। विशेषज्ञों ने कहा है कि स्कूलों, कॉलेजों और दफ्तरों में भी हाइब्रिड मोड की वापसी हो सकती है।

सतर्कता ही बचाव है

भारत ने पिछली बार की कोरोना लहरों से जो सीखा है, उसे इस Covid resurgence के समय दोहराना होगा। सरकारी स्तर पर तैयारी ज़रूरी है, लेकिन नागरिकों की जिम्मेदारी कहीं अधिक अहम है। संक्रमण की रफ्तार भले ही धीमी हो, लेकिन उसकी मार बहुत गहरी साबित हो सकती है। आने वाले दिनों में मास्क, जांच और वैक्सीन की तिकड़ी को अपनाकर ही हम इस चुनौती का सामना कर सकते हैं।

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