हाइलाइट्स
- पटना में कार हादसा: सिपारा-पुनपुन रोड पर ट्रक से टकराकर पांच युवकों की मौत
- हादसा इतना भीषण कि कार के परखच्चे उड़ गए, शवों को गैस कटर और जेसीबी से निकाला गया
- मृतकों में कंपनी के रिजनल मैनेजर संजय सिन्हा समेत पांच युवक शामिल
- हादसे के बाद मृतक के मोबाइल पर लगातार बजता रहा फोन, पुलिस ने कॉल रिसीव कर दी सूचना
- पोस्टमार्टम हाउस में मचा कोहराम, कई परिवारों पर टूटा दुख का पहाड़
पटना में कार हादसा: मिनट भर में बुझ गईं पांच जिंदगियां
पटना में कार हादसा ने बुधवार की देर रात एक बार फिर यह साबित कर दिया कि तेज रफ्तार का नतीजा कितना खतरनाक हो सकता है। सिपारा-पुनपुन रोड पर परसा बाजार थाना क्षेत्र के सुविधा गांव के पास पांच युवकों की मौत एक दर्दनाक सड़क हादसे में हो गई। कार इतनी तेज रफ्तार में थी कि ट्रक से टकराते ही उसके टुकड़े-टुकड़े हो गए और कार सवार सभी लोग मौके पर ही मौत के शिकार हो गए।
100 से अधिक की स्पीड बनी मौत की वजह
हादसे की जांच में सामने आया कि पटना में कार हादसा के वक्त कार की रफ्तार 100 से अधिक थी। इतना ही नहीं, कार का स्पीड मीटर 170 पर अटका हुआ पाया गया। यह आंकड़ा खुद बयां करता है कि चालक किस तरह मौत को न्यौता दे रहा था। तेज रफ्तार कार ने ट्रक में पीछे से टक्कर मारी और देखते ही देखते पांच परिवारों के सपने चकनाचूर हो गए।
कार हादसे की भीषण तस्वीरें
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पटना में कार हादसा इतना भयानक था कि शवों को निकालने के लिए गैस कटर और जेसीबी की मदद लेनी पड़ी। टक्कर के बाद कार के टुकड़े सड़क पर बिखर गए। अंदर बैठे युवकों को बचाने की कोई गुंजाइश नहीं थी।
हादसे में पांच युवकों की दर्दनाक मौत
पटना में कार हादसा में जान गंवाने वाले सभी युवक एक ही कंपनी में काम करते थे। मृतकों में संजय कुमार सिन्हा (रिजनल मैनेजर), कमल किशोर, राजेश, प्रकाश और सुनील शामिल हैं। पांचों की पहचान होते ही उनके घरों में कोहराम मच गया। एक ही साथ पांच घरों से चिराग बुझ जाना उस इलाके के लिए भी गहरी पीड़ा छोड़ गया।
अंतिम कॉल और मौत की खबर
हादसे की दर्दनाक परत तब खुली जब मृतक संजय सिन्हा का मोबाइल फोन लगातार बज रहा था। पुलिस ने कॉल रिसीव किया तो सामने उनकी पत्नी थीं। पुलिसकर्मी ने जब उन्हें जानकारी दी कि उनके पति पटना में कार हादसा में अब इस दुनिया में नहीं रहे, तो घर में चीख-पुकार मच गई। संजय की पत्नी बेहोश हो गईं और पूरा परिवार सदमे में चला गया।
पोस्टमार्टम हाउस में मचा कोहराम
जब शवों को पीएमसीएच लाया गया और वहां मृतकों के परिजनों को नाम लेकर बुलाया जाने लगा तो रोते-बिलखते परिजनों का दर्द देखकर हर किसी की आंखें नम हो गईं। पटना में कार हादसा ने न केवल पांच जिंदगियां लीं, बल्कि कई परिवारों की खुशियां भी छीन लीं।
परिजनों की पीड़ा और असहनीय दुख
मृतकों के घरों में मातम पसरा हुआ है। समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, गोपालपुर, शास्त्रीनगर और कुरथौल के जिन घरों से ये पांच युवक निकले थे, वहां अब केवल सन्नाटा है। हर कोई यही कह रहा है कि काश, कार इतनी तेज न चल रही होती। पटना में कार हादसा ने उनके पूरे जीवन को बदलकर रख दिया।
पटना में कार हादसा: पुलिस की जांच और सबक
पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया और घटना की विस्तृत जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में स्पष्ट है कि पटना में कार हादसा का मुख्य कारण तेज रफ्तार और लापरवाही है। इस घटना से यह सबक लेना जरूरी है कि सड़क पर नियमों की अनदेखी सीधे मौत को न्यौता देने जैसा है।
रफ्तार और लापरवाही की दोहरी मार
पटना में कार हादसा यह भी बताता है कि सड़क पर सुरक्षा नियमों को हल्के में लेना कितना खतरनाक हो सकता है। महज कुछ सेकंड का एड्रेनलिन कई जिंदगियों को हमेशा के लिए खत्म कर देता है। इस हादसे ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या तेज रफ्तार में वाहन चलाना अपनी और दूसरों की जान को जोखिम में डालना नहीं है?
पटना में कार हादसा से सबक
पटना में कार हादसा केवल एक सड़क दुर्घटना नहीं, बल्कि एक चेतावनी है। यह हादसा बताता है कि तेज रफ्तार का रोमांच क्षणिक होता है, लेकिन उसका परिणाम जीवनभर का दर्द छोड़ जाता है। अब समय आ गया है कि लोग ट्रैफिक नियमों को गंभीरता से लें और सड़क पर सुरक्षित ड्राइविंग को प्राथमिकता दें।