वीडियो में खुला 300 साल पुरानी बुलेटप्रूफ तिजोरी का राज, खजाना निकलेगा या कोई डरावना सच?

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हाइलाइट्स

  • बुलेटप्रूफ तिजोरी को लेकर पुरातत्व विशेषज्ञों में मचा हड़कंप
  • लगभग 18वीं–19वीं शताब्दी की बताई जा रही बुलेटप्रूफ तिजोरी, लोहे की कीलों से ढकी
  • अंदर छुपे खजाने या दस्तावेजों को लेकर चल रही गहन जांच
  • मल्टी लेयर लॉकिंग सिस्टम और ‘लाकिंस’ तकनीक से बनी यह तिजोरी है बेहद दुर्लभ
  • राजघरानों या व्यापारिक परिवारों की संपत्ति से जुड़ने की जताई जा रही संभावना

18वीं सदी की बुलेटप्रूफ तिजोरी मिली, इतिहास में नई हलचल

उत्तर भारत के एक पुराने हवेली में खुदाई के दौरान बुलेटप्रूफ तिजोरी मिलने से पुरातत्वविदों और सुरक्षा एजेंसियों के बीच हलचल मच गई है। यह बुलेटप्रूफ तिजोरी अपने आप में अद्वितीय है — ना सिर्फ इसके बाहरी संरचना को देखकर बल्कि इसके जटिल लॉकिंग सिस्टम को देखकर भी विशेषज्ञ अचंभित हैं।

इस तिजोरी के बाहर लोहे की कीलें लगी हुई हैं, जो न सिर्फ इसे मजबूत बनाती हैं बल्कि यह संकेत देती हैं कि यह किसी विशेष रक्षा तंत्र के तहत बनाई गई थी। विशेष बात यह है कि तिजोरी में ‘लाकिंस सिस्टम’ नाम की पुरानी तकनीक का प्रयोग किया गया है, जो आज के आधुनिक डिजिटल लॉक्स से भी अधिक सुरक्षा देने वाला माना जाता है।

राजघराने या व्यापारिक परिवार से जुड़ाव की आशंका

तिजोरी की बनावट और वजन को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि यह बुलेटप्रूफ तिजोरी किसी राजघराने या तत्कालीन बड़े व्यापारी परिवार की रही होगी। ऐसे तिजोरी प्राचीन काल में केवल अत्यंत संपन्न वर्ग द्वारा प्रयोग की जाती थीं।

पुरातत्व विभाग के अधिकारियों के अनुसार, “यह तिजोरी सिर्फ किसी खास के पास हो सकती थी। इसके लॉकिंग सिस्टम में 4 लेयर हैं, जिसमें एक मास्टर की, दो मैकेनिकल लॉक और एक सीक्रेट रोटेशनल लॉक है।”

बुलेटप्रूफ तिजोरी के रहस्य को खोलने में जुटी टीम

फिलहाल यह बुलेटप्रूफ तिजोरी पूरी तरह से बंद है और इसे खोले बिना इसके अंदर क्या है, इसका अनुमान लगाना कठिन है। पुरातत्व और तकनीकी विशेषज्ञों की टीम इसे बिना नुकसान पहुंचाए खोलने की कोशिश कर रही है।

इसमें प्रयुक्त धातु की संरचना, खासतौर से जो धातु की कीलें तिजोरी पर लगी हैं, उन्हें देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि यह बुलेट को रोकने में सक्षम है। इसे बुलेटप्रूफ तिजोरी कहना इसलिए भी उचित है क्योंकि इसकी सतह को गोली से परखने पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।

पुराने दस्तावेज या गुप्त खजाना?

इस बुलेटप्रूफ तिजोरी के अंदर क्या हो सकता है — यह सबसे बड़ा सवाल है।
पुरातत्व विभाग का मानना है कि इसमें या तो राजसी दस्तावेज, जैसे जमींदारी पट्टे, सैन्य गोपनीय जानकारी या फिर सोना-चांदी और बेशकीमती रत्न हो सकते हैं।

कुछ स्थानीय इतिहासकारों का मानना है कि यह तिजोरी शायद 1857 की क्रांति के समय छिपाई गई हो, जब कई व्यापारियों और नवाबों ने अपनी संपत्ति अंग्रेजों से बचाने के लिए गुप्त स्थानों पर छिपा दी थी।

तिजोरी की विशेषताएं जो इसे बेजोड़ बनाती हैं

 बुलेटप्रूफ परतें

तिजोरी की बाहरी दीवार में लोहे की चादरें लगाई गई हैं जिनके अंदर सीसा और मिश्रित धातु की परतें हैं, जिससे यह बुलेटप्रूफ तिजोरी बनती है।

 मल्टी लेयर लॉकिंग सिस्टम

तिजोरी के लॉकिंग सिस्टम में कुल चार चरण हैं, जिसमें एक प्राचीन लाकिंस (Lockins) प्रणाली भी शामिल है। बिना सही क्रम के इसे खोलना असंभव है।

 जंगरोधी धातु का प्रयोग

हालांकि तिजोरी 200 से अधिक वर्षों पुरानी है, फिर भी उसमें जंग नहीं लगा है। यह दिखाता है कि इसमें उच्च गुणवत्ता वाली धातु का प्रयोग हुआ है।

 मजबूत धातु की कीलें

तिजोरी पर लगी धातु की कीलें न सिर्फ इसे सजावटी बनाती हैं बल्कि सुरक्षा को भी कई गुना बढ़ाती हैं।

विशेषज्ञों की राय: ऐसी तिजोरी पहले कभी नहीं देखी

पुरातत्व विशेषज्ञ डॉ. अनुज त्रिपाठी का कहना है, “यह तिजोरी न केवल तकनीकी रूप से जटिल है, बल्कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से आज के कई आधुनिक लॉकर सिस्टम से भी बेहतर है। बुलेटप्रूफ तिजोरी को खोलने की प्रक्रिया धीमी लेकिन ऐतिहासिक रूप से बेहद अहम होगी।”

प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों की चौकसी बढ़ी

इस तिजोरी को लेकर अब सुरक्षा एजेंसियों की नजरें भी टिकी हैं। क्योंकि इसमें ऐतिहासिक दस्तावेज या महंगी वस्तुएं हो सकती हैं, ऐसे में इसे एक सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने की योजना बनाई जा रही है।

स्थानीय लोगों में कौतूहल

जहां यह बुलेटप्रूफ तिजोरी मिली है, वहां स्थानीय निवासियों की भीड़ लगातार बनी हुई है। लोग इसे देखकर चकित हैं और कई अफवाहें भी फैल रही हैं कि इसमें करोड़ों की संपत्ति छिपी हो सकती है।

क्या यह तिजोरी भारत के इतिहास में नया मोड़ लाएगी?

इतिहासकारों के लिए यह खोज बेहद अहम मानी जा रही है। यदि इस बुलेटप्रूफ तिजोरी के अंदर कोई अभिलेख, संधि-पत्र, या राजसी आदेश मिलते हैं, तो यह भारत के इतिहास को एक नई दिशा दे सकती है।

 तिजोरी में छिपा इतिहास का खजाना?

इस बुलेटप्रूफ तिजोरी को लेकर जितने रहस्य हैं, उतनी ही उम्मीदें भी। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि जब यह तिजोरी खुलेगी, तब इतिहास के कौन से पन्ने उजागर होंगे।

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