पूजा कर रही थी दिव्यांशी… अचानक मंदिर में गूंजीं तीन गोलियां, फिर जो हुआ उसने सबको हिला दिया

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हाइलाइट्स 

  • मैनपुरी में मंदिर में छात्रा को गोली मारने की घटना ने मंदिर में छात्रा को गोली मामले को लेकर पूरे इलाके में सनसनी फैला दी।
  • पीड़िता दिव्यांशी राठौर की तीन महीने पहले किसी और से शादी तय हुई थी, जिससे नाराज़ था आरोपी।
  • आरोपी राहुल दिवाकर ने मंदिर में पूजा कर रही छात्रा पर एक के बाद एक 3 गोलियां दागीं।
  • पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी को मुठभेड़ के दौरान घायल अवस्था में गिरफ्तार कर लिया।
  • छात्रा की हालत गंभीर बनी हुई है और उसका इलाज सैफई मेडिकल कॉलेज में चल रहा है।

मैनपुरी में मंदिर में पूजा करने गई छात्रा को गोली मारने से दहशत, आरोपी मुठभेड़ में घायल

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। मंदिर में छात्रा को गोली मारने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है, जहां पूजा करने मंदिर गई 17 वर्षीय छात्रा दिव्यांशी राठौर को तीन गोलियां मार दी गईं। यह हमला मंदिर परिसर में तब हुआ, जब दिव्यांशी राठौर सुबह मंदिर में पूजा अर्चना के लिए गई थी।

दिव्यांशी की शादी तय होते ही बौखलाया था राहुल

प्राप्त जानकारी के अनुसार, छात्रा दिव्यांशी राठौर की कुछ महीने पहले किसी अन्य युवक से शादी तय कर दी गई थी। इस बात से राहुल दिवाकर नामक युवक काफी नाराज़ था। राहुल लंबे समय से दिव्यांशी पर शादी का दबाव बना रहा था। लेकिन जब उसे पता चला कि दिव्यांशी की शादी अब कहीं और तय हो चुकी है, तो उसने आत्मघाती कदम उठाते हुए उसे मारने की योजना बनाई।

मंदिर परिसर में घात लगाकर बैठा था आरोपी

घटना उस समय की है जब दिव्यांशी पूजा करने स्थानीय मंदिर में पहुंची थी। मंदिर के बाहर पहले से ही घात लगाकर बैठे राहुल ने उसे देख लिया और तुरंत मंदिर के भीतर घुसकर मंदिर में छात्रा को गोली मार दी। चश्मदीदों के अनुसार, उसने बिना किसी झिझक के एक के बाद एक तीन गोलियां छात्रा पर दागीं और वहां से भाग निकला।

गंभीर हालत में छात्रा का इलाज जारी

गोलियों की आवाज सुनकर मंदिर परिसर में अफरातफरी मच गई। आसपास के लोगों ने तत्काल छात्रा को जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे सैफई मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। डॉक्टरों के अनुसार एक गोली उसके कंधे में, दूसरी कमर के पास और तीसरी जांघ में लगी है। मंदिर में छात्रा को गोली लगने के बाद से छात्रा बेहोशी की स्थिति में है।

पुलिस ने की तेजी से कार्रवाई, मुठभेड़ में पकड़ा गया आरोपी

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन सक्रिय हो गया और राहुल की तलाश शुरू कर दी गई। मुखबिर से सूचना मिलने पर पुलिस ने राहुल को मैनपुरी के भोगांव इलाके में घेर लिया। इस दौरान राहुल ने पुलिस पर फायरिंग कर दी, जिसके जवाब में पुलिस ने भी गोली चलाई और राहुल को गोली लगने से घायल कर पकड़ लिया। उसके पास से हत्या में प्रयुक्त पिस्टल भी बरामद की गई है।

परिवार का बयान: “लड़की पर बना रहा था शादी का दबाव”

छात्रा के पिता ने पुलिस को दिए बयान में कहा कि राहुल पिछले एक साल से उनकी बेटी को परेशान कर रहा था। जब उन्होंने उसकी शिकायत की, तो वह कुछ समय के लिए शांत हो गया। लेकिन जब राहुल को पता चला कि दिव्यांशी की शादी तय हो गई है, तब से वह धमकियां देने लगा था। परिवार ने यह भी बताया कि उन्होंने राहुल के खिलाफ थाने में पूर्व में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया

घटना के बाद क्षेत्रीय विधायक और कई सामाजिक संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। लोगों का कहना है कि मंदिर में छात्रा को गोली मारे जाने जैसी घटनाएं महिला सुरक्षा के दावों को खोखला साबित करती हैं। विपक्षी दलों ने सरकार को कानून व्यवस्था को लेकर कठघरे में खड़ा कर दिया है।

पुलिस का बयान: जल्द चलेगा मुकदमा

मैनपुरी पुलिस अधीक्षक ने प्रेस को बताया कि आरोपी को धारा 307 (हत्या का प्रयास) और आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने यह भी कहा है कि मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की सिफारिश की जाएगी, ताकि पीड़िता को शीघ्र न्याय मिल सके।

मंदिर में छात्रा को गोली: क्या कहता है कानून

भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के तहत यदि किसी व्यक्ति द्वारा किसी को जान से मारने की नीयत से हमला किया जाता है, तो यह गैर-जमानती अपराध है। यदि ऐसा हमला धार्मिक स्थल या सार्वजनिक स्थान पर किया जाए, तो इसे और भी गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा जाता है। मंदिर में छात्रा को गोली मारने की इस घटना ने कानून-व्यवस्था की मौजूद स्थिति पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

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मंदिर में छात्रा को गोली मारने जैसी घटनाएं यह साबित करती हैं कि समाज में महिला सुरक्षा केवल नारे बनकर रह गई है। जब एक छात्रा, जो सिर्फ पूजा करने मंदिर गई थी, वहां भी सुरक्षित नहीं रही, तो सवाल यह है कि उसके भविष्य और अधिकारों की रक्षा कैसे होगी?

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