मेरठ में सियासी साये में दरिंदगी! BJP पार्षद के ड्राइवर की पत्नी से गैंगरेप, परदे के पीछे कौन?

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 हाइलाइट्स

  • Meerut में BJP Councillor Rape Case ने मचाया बवाल, पीड़िता ने लगाए गैंगरेप के संगीन आरोप
  • घटना मेरठ के मेडिकल थाना क्षेत्र की, पार्षद के ड्राइवर की पत्नी बनी दरिंदगी का शिकार
  • पीड़िता ने चार लोगों पर बंधक बनाकर गैंगरेप करने और जान से मारने की धमकी देने का लगाया आरोप
  • पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की, BJP पार्षद का बयान- ‘साजिश के तहत फंसाया जा रहा है’
  • BJP Councillor Rape Case को लेकर विपक्ष ने सरकार की कानून व्यवस्था पर उठाए गंभीर सवाल

मेरठ, उत्तर प्रदेश। एक बार फिर उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था सवालों के घेरे में है। BJP Councillor Rape Case के नाम से चर्चा में आई यह घटना मेरठ के मेडिकल थाना क्षेत्र की है, जहां भाजपा पार्षद के ड्राइवर की पत्नी ने चार लोगों पर बंधक बनाकर गैंगरेप करने का आरोप लगाया है। महिला ने पुलिस को बताया कि उसे जबरन एक सुनसान मकान में ले जाकर नशीला पदार्थ सुंघाया गया और फिर बारी-बारी से दुष्कर्म किया गया।

यह मामला जैसे ही सामने आया, वैसे ही BJP Councillor Rape Case पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गया। मामला केवल एक महिला के साथ हुई दरिंदगी का नहीं, बल्कि एक सत्ताधारी पार्टी से जुड़े व्यक्ति के नजदीकी के परिवार की सुरक्षा का भी है, जिससे आमजन में भय का माहौल पैदा हो गया है।

 क्या है BJP Councillor Rape Case की पूरी घटना?

 सुनसान मकान में रची गई दरिंदगी की पटकथा

मेडिकल थाना क्षेत्र में रहने वाली पीड़िता ने पुलिस में दी गई शिकायत में बताया कि 9 जुलाई की रात वह घर पर अकेली थी। उसी दौरान चार युवक, जिनमें से दो उसके पति के परिचित थे, घर में घुस आए। उन्होंने उसे धमकाते हुए जबरन एक कार में बैठाया और शहर के बाहरी इलाके में एक सुनसान मकान में ले गए।

वहां महिला के अनुसार उसे नशीला पदार्थ सुंघाकर बेहोश किया गया और फिर चारों ने बारी-बारी से उसके साथ बलात्कार किया। जब उसने विरोध करने की कोशिश की तो उसके साथ मारपीट भी की गई। यह BJP Councillor Rape Case पुलिस और सरकार की संवेदनशीलता की अग्निपरीक्षा बन चुका है।

 पुलिस की कार्रवाई और बयान

 BJP Councillor Rape Case में अब तक क्या हुआ?

पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मेरठ पुलिस के अनुसार मेडिकल थाना क्षेत्र में IPC की धाराओं 376D (गैंगरेप), 342 (गैरकानूनी तरीके से बंधक बनाना) और 506 (धमकी देना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सजवाण ने मीडिया को बताया कि, “पीड़िता की मेडिकल जांच कराई गई है और उसके बयान दर्ज किए गए हैं। आरोपियों की पहचान हो चुकी है और गिरफ्तारी के प्रयास तेज़ किए गए हैं। यह मामला हमारे लिए प्राथमिकता में है।”

 BJP पार्षद ने क्या कहा?

 “राजनीतिक साजिश के तहत बदनाम करने की कोशिश”

BJP Councillor Rape Case में नाम सामने आते ही पार्षद का बयान भी सामने आया। उन्होंने मीडिया से कहा, “मेरा इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है। मेरे ड्राइवर के परिवार को जानबूझकर राजनीतिक साजिश के तहत टारगेट किया जा रहा है। कानून को अपना काम करने देना चाहिए।”

हालांकि पीड़िता के परिवार का कहना है कि पुलिस पर दबाव डालने की कोशिशें हो रही हैं और मामले को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है।

 पीड़िता की आपबीती और सुरक्षा का सवाल

 BJP Councillor Rape Case के बाद पीड़िता बोली – “अब भरोसा टूट चुका है”

पीड़िता ने कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि जो लोग मेरे पति के परिचित हैं, वही मेरे साथ ऐसा कर सकते हैं। मैंने पुलिस और सरकार पर भरोसा किया था, लेकिन अब डर लगता है कि क्या मुझे और मेरे परिवार को इंसाफ मिलेगा भी या नहीं।”

यह बयान केवल उसके दर्द को नहीं दर्शाता, बल्कि समाज में फैले उस भय और असुरक्षा को भी उजागर करता है जो महिलाएं रोज़ महसूस करती हैं, विशेषकर जब मामला किसी BJP Councillor Rape Case जैसा हो।

 विपक्ष का हमला और सरकार की चुप्पी

 “महिलाओं के लिए यूपी नरक बन चुका है” – विपक्षी नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया

सपा नेता अखिलेश यादव और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने BJP Councillor Rape Case को लेकर सरकार पर सीधा हमला बोला है। अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा, “महिलाओं की सुरक्षा का दावा करने वाली सरकार के राज में महिलाएं घर के अंदर भी सुरक्षित नहीं हैं। यह बेहद शर्मनाक है।”

वहीं प्रियंका गांधी ने कहा, “हर रोज़ एक नया बलात्कार, और हर बार सरकार की चुप्पी। ये चुप्पी इस बात का प्रमाण है कि सरकार बलात्कारियों के साथ खड़ी है, न कि पीड़िताओं के।”

 BJP Councillor Rape Case: समाज के लिए आईना या चेतावनी?

 महिलाओं की सुरक्षा पर फिर से गहराया सवाल

उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ महीनों में लगातार महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाएं सामने आ रही हैं। BJP Councillor Rape Case उन घटनाओं की अगली कड़ी है जिसने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल बन पाना संभव है?

यह केस केवल एक पीड़िता का दर्द नहीं है, बल्कि एक सामाजिक चेतावनी है कि सत्ता के संरक्षण में पल रही आपराधिक प्रवृत्तियों पर अब लगाम लगाने का वक्त आ चुका है।

BJP Councillor Rape Case न केवल उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था की पोल खोलता है, बल्कि समाज और सत्ता के उस तंत्र की सच्चाई भी सामने लाता है जो पीड़ित को न्याय देने के बजाय आरोपियों को बचाने में जुट जाता है। अब सवाल यह है कि क्या इस केस में सच्चाई सामने आएगी? क्या पीड़िता को मिलेगा इंसाफ? और सबसे महत्वपूर्ण – क्या महिलाएं इस राज्य में कभी खुद को सुरक्षित महसूस कर पाएंगी?

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