हाइलाइट्स
- बैंक खाते में अरबों रुपए – ग्रेटर नोएडा के युवक दीपक के बैंक खाते में अचानक 1 अरब 13 लाख 55 हजार करोड़ रुपए दिखने से हड़कंप।
- मोबाइल ऐप में नजर आई रकम, परिवार को नहीं समझ आया 36 अंकों वाला चौंकाने वाला आंकड़ा।
- पुलिस और इनकम टैक्स विभाग ने तत्काल मामला दर्ज कर शुरू की जांच, खाता किया गया फ्रीज।
- बैंक के मुख्य सिस्टम में नहीं दर्ज दिखी यह राशि, साइबर फ्रॉड या तकनीकी गड़बड़ी की आशंका।
- सोशल मीडिया पर दीपक को बताया गया ‘रियल लाइफ अरबपति’, मीम्स और चर्चाएं जोरों पर।
ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश के दनकौर थाना क्षेत्र के ऊंची दनकौर गांव में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब गांव के 20 वर्षीय युवक दीपक के बैंक खाते में अरबों रुपए की अकल्पनीय रकम दिखाई देने लगी। यह रकम इतनी बड़ी थी कि उसने पूरे परिवार और इलाके को स्तब्ध कर दिया। दीपक के मोबाइल बैंकिंग ऐप पर नजर आई राशि थी – ₹1,13,55,00,00,00,000! यानी 1 लाख 13 हजार 550 अरब रुपए।
यह रकम न केवल आम व्यक्ति बल्कि कई देशों की कुल अर्थव्यवस्था से भी बड़ी है। जैसे ही इस बैंक खाते में अरबों रुपए वाली खबर गांव में फैली, बैंक अधिकारी, पुलिस और इनकम टैक्स विभाग अलर्ट हो गए।
मोबाइल ऐप में दिखी रहस्यमयी राशि
दीपक ने जब अपने मोबाइल बैंकिंग ऐप को रोजमर्रा की तरह खोला, तो स्क्रीन पर दिखाई गई राशि देखकर उसकी आंखें फटी की फटी रह गईं। आमतौर पर खाते में कुछ हजार रुपए रहने वाले दीपक को बैंक खाते में अरबों रुपए दिखना किसी सपने से कम नहीं था।
परिवार को जब दीपक ने यह जानकारी दी, तो वे घबरा गए। मां ने बताया कि उन्हें समझ ही नहीं आया कि इतने शून्य वाली राशि आखिर है कितनी। परिवार का कहना है कि वे ईमानदार लोग हैं और उन्हें इस पैसे से कोई लेना-देना नहीं है।
पुलिस और आयकर विभाग ने लिया संज्ञान
जैसे ही मामले की खबर सामने आई, दनकौर थाने की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दीपक से पूछताछ की और तुरंत बैंक को सूचित किया। बैंक ने तत्परता दिखाते हुए बैंक खाते में अरबों रुपए की इस अजीब स्थिति को देखते हुए खाता फ्रीज कर दिया। साथ ही, इनकम टैक्स विभाग को भी सूचना दी गई, जिसने इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।
बैंक के मुख्य सिस्टम में नहीं दिखी कोई बड़ी राशि
बैंक की प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ कि उनके मुख्य सर्वर या कोर बैंकिंग सिस्टम में ऐसी कोई बड़ी राशि दर्ज नहीं है। लेकिन दीपक के मोबाइल बैंकिंग ऐप पर अब भी बैंक खाते में अरबों रुपए की वही राशि दिखाई दे रही है।
यह परिस्थिति दो संभावनाएं खड़ी करती है – या तो यह कोई बड़ी तकनीकी गड़बड़ी है या फिर कोई साइबर ठगी का प्रारंभिक चरण।
किसी के बैंक खाते में 1 अरब रु जमा हो गए और तुरंत ही उसके खाते को फ्रीज कर दिया गया।
भाई 2–4 करोड रुपए तो निकलने देते ..😂 pic.twitter.com/NAczkvBQ6C— 𝙼𝚛 𝚃𝚢𝚊𝚐𝚒 (@mktyaggi) August 5, 2025
साइबर सुरक्षा एजेंसियों की एंट्री
अब इस पूरे मामले में साइबर सुरक्षा एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं। विशेषज्ञ यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या यह किसी हैकर द्वारा बैंकिंग सिस्टम से छेड़छाड़ का मामला है, या फिर किसी इंटरफेस गड़बड़ी के चलते रकम ऐप में गलत तरीके से प्रदर्शित हो रही है।
अगर यह मामला साइबर फ्रॉड निकला तो यह देश के बैंकिंग सिस्टम पर एक बड़ा सवालिया निशान हो सकता है।
सोशल मीडिया पर दीपक बना ‘रियल लाइफ अरबपति’
जैसे ही यह खबर स्थानीय मीडिया और फिर सोशल मीडिया पर फैली, लोगों ने इसे मजाक का विषय बना लिया। ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर ‘बैंक खाते में अरबों रुपए’ ट्रेंड करने लगा। दीपक को ‘नोएडा का अंबानी’ बताया गया, और मीम्स की बाढ़ आ गई।
हालांकि दीपक और उसका परिवार अभी भी सदमे में हैं। दीपक का कहना है कि उसे इस पैसे से कोई लालच नहीं है, वह सिर्फ सच्चाई जानना चाहता है।
विशेषज्ञों की राय: तकनीकी दोष या बग?
बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला संभवतः किसी सॉफ्टवेयर बग या API इंटरफेस गड़बड़ी का हो सकता है, जिसमें बैलेंस की गलत गणना ऐप में दिखती है।
कुछ विशेषज्ञों ने यह भी आशंका जताई कि यह किसी नए किस्म की साइबर धोखाधड़ी की ओर इशारा कर सकता है, जहां झूठा बैलेंस दिखाकर लोगों को भ्रमित किया जाता है और बाद में उनसे वित्तीय ठगी की जाती है।
पहले भी आ चुके हैं ऐसे मामले
इससे पहले भी भारत और विदेशों में कई मामले सामने आ चुके हैं, जहां ग्राहकों को उनके बैंक खाते में अरबों रुपए नजर आए थे, लेकिन बाद में वह कोई तकनीकी त्रुटि निकली।
2021 में बिहार के एक गांव में एक बुजुर्ग के खाते में ₹52 करोड़ दिखे थे, जबकि 2012 में अमेरिका में एक महिला के खाते में गलती से $89 बिलियन आ गए थे।
इन सभी मामलों में बैंक ने बाद में तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए रकम को खारिज कर दिया।
दीपक का क्या होगा?
फिलहाल दीपक का खाता फ्रीज है और वह कोई लेन-देन नहीं कर सकता। बैंक अधिकारियों ने उसे भरोसा दिलाया है कि जांच के बाद सबकुछ स्पष्ट कर दिया जाएगा। दीपक का परिवार चिंतित है लेकिन आश्वस्त भी कि उन्होंने कोई गलती नहीं की।
बैंक खाते में अरबों रुपए दिखने की यह घटना भारत में डिजिटल बैंकिंग की प्रगति और जोखिम दोनों को उजागर करती है। जहां एक ओर तकनीक ने सुविधाएं बढ़ाई हैं, वहीं दूसरी ओर इस तरह की गड़बड़ियां गंभीर चिंताओं को जन्म देती हैं।
जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, यह स्पष्ट नहीं हो सकता कि यह रकम किसी तकनीकी गड़बड़ी का परिणाम है या किसी साइबर अपराध की नई चाल। लेकिन एक बात तय है – इसने पूरे देश को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हमारा बैंकिंग सिस्टम वाकई सुरक्षित है?