हाइलाइट्स
- Bihar Assembly Clash ने आज सदन को युद्ध का मैदान बना दिया
- तेजस्वी यादव और सम्राट चौधरी के बीच तीखी बहस से शुरू हुआ विवाद
- मां-बहन की गालियों से गरमाया माहौल, बीजेपी विधायक ने माइक तोड़ा
- आरजेडी विधायक भी भिड़े, सदन में हाथापाई और सुरक्षा घेरा सक्रिय
- नीतीश कुमार को सुरक्षा घेरे में बाहर निकाला गया, सदन स्थगित
Bihar Assembly Clash: लोकतंत्र का मंदिर बना अखाड़ा
बिहार विधानसभा में आज जो कुछ हुआ, वह केवल राज्य ही नहीं, पूरे देश के लिए शर्मनाक था। सदन में बहस, गाली-गलौज, हाथापाई और माइक तोड़कर हमला—इन घटनाओं ने लोकतंत्र के मंदिर को कलंकित कर दिया। चर्चा की शुरुआत हुई थी वोटर लिस्ट पुनरीक्षण पर, लेकिन जल्द ही यह “Bihar Assembly Clash” में तब्दील हो गया।
चर्चा के दौरान गरमाया माहौल
चुनाव आयोग की वोटर लिस्ट की शुद्धता पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने फर्जीवाड़े का आरोप लगाया। उनकी बातों से सत्ता पक्ष के विधायकों में नाराज़गी देखी गई। डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा और बीजेपी के अन्य विधायकों के साथ तीखी बहस हुई। माहौल तब और गरमा गया जब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने हस्तक्षेप किया।
“तुम्हारा बाप अपराधी है” से भड़का विवाद
सम्राट चौधरी ने तेजस्वी यादव पर सीधा हमला बोलते हुए कहा—”जिसका बाप अपराधी हो, जेल गया हो, वह यह तय करेगा कि सही क्या है और गलत क्या?” इसके जवाब में तेजस्वी यादव ने उन्हें ‘लुटेरा’ तक कह डाला। इस आपसी बयानबाज़ी ने बिहार की राजनीति में जहर घोल दिया।
गालियों से गरमाया सदन: जनक सिंह पर आरोप
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि सारण के तरैया से बीजेपी विधायक जनक सिंह ने उन्हें मां-बहन की गालियां दीं। सदन में यह सब कैमरे के सामने हुआ, लेकिन स्पीकर ने इस पर कोई सख्त रुख नहीं अपनाया, जिससे विपक्ष भड़क गया।
“पैंट गीला हो जायेगा”—तेजस्वी का जवाब
तेजस्वी यादव ने जनक सिंह के आक्रामक रवैये का जवाब बेहद तीखे शब्दों में दिया। उन्होंने कहा—”इतना जोर से बोलोगे तो पैंट गीला हो जायेगा।” यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और “Bihar Assembly Clash” का मुख्य बिंदु बन गई।
बीजेपी विधायक ने माइक तोड़ा, विपक्षियों की ओर दौड़े
बात यहीं नहीं थमी। कार्यवाही स्थगित होते ही बीजेपी विधायक संजय सिंह ने माइक तोड़ा और विपक्षी विधायकों की ओर दौड़ पड़े। यह नज़ारा देखकर सभी हैरान रह गए। संजय सिंह के साथ कई अन्य बीजेपी विधायक भी पीछे-पीछे गए।
आरजेडी विधायक भी भिड़े, सुरक्षा गार्डों ने रोका संघर्ष
बीजेपी विधायकों की ओर दौड़ते देख आरजेडी के भी कई विधायक अपनी सीटों से उठे और भिड़ने को तैयार हो गए। लगभग 24 सुरक्षा कर्मियों ने बीच में आकर स्थिति को नियंत्रित किया, अन्यथा सदन के अंदर गंभीर मारपीट हो सकती थी।
नीतीश कुमार को सुरक्षा घेरे में बाहर निकाला गया
इस पूरी “Bihar Assembly Clash” के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन में मौजूद थे। जब स्थिति विस्फोटक हो गई, तब सुरक्षाकर्मियों का दल आया और उन्हें सुरक्षा घेरे में चुपचाप सदन से बाहर ले गया। यह नज़ारा राज्य के लोकतंत्र पर गहरी चोट जैसा प्रतीत हुआ।
वरिष्ठ मंत्रियों ने किया बीच-बचाव, संजय सिंह को निकाला गया बाहर
बीजेपी विधायक संजय सिंह को बाहर निकालने की जिम्मेदारी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने निभाई। अगर वे सदन में रहते तो टकराव तय था। इस बीच सरकार के वरिष्ठ मंत्री भी स्थिति को संभालने में लगे रहे, लेकिन तब तक नुकसान हो चुका था।
लोकतंत्र की मर्यादा तार-तार: क्या होगा अगला कदम?
“Bihar Assembly Clash” की यह घटना कई गंभीर सवाल खड़े करती है—
- क्या अब विधानसभा की गरिमा सुरक्षित है?
- क्या लोकतंत्र का मंदिर अब राजनैतिक अखाड़ा बन गया है?
- क्या जनता ऐसे प्रतिनिधियों को फिर से चुनना चाहेगी?
लोकतंत्र संवाद और बहस से चलता है, गालियों और माइक तोड़ने से नहीं। यह पूरा घटनाक्रम बताता है कि बिहार में सियासत अब केवल शब्दों की नहीं, बल की राजनीति बनती जा रही है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
घटना के बाद आरजेडी ने बीजेपी विधायकों पर हमला बोलते हुए कहा कि यह “फासीवादी हमला” है। वहीं बीजेपी ने तेजस्वी यादव के बयान को भड़काऊ बताया। जेडीयू अब तक चुप्पी साधे है, लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुप्पी भी कहीं राजनीतिक संकेत तो नहीं?
बिहार की सियासत कहाँ जा रही है?
“Bihar Assembly Clash” सिर्फ एक झगड़ा नहीं, यह लोकतंत्र के भविष्य पर एक गंभीर चोट है। अगर सदन में माइक हथियार बन जाए और गालियां जवाब, तो जनता किससे उम्मीद रखे? आने वाले दिनों में इस घटना पर जांच और कार्यवाही की मांग तेज़ हो सकती है। लेकिन क्या इस सियासी आग में कोई ईमानदार समाधान बचेगा?