हाइलाइट्स
- Aniruddhacharya Controversy ने संत समाज की गरिमा पर उठाए गंभीर सवाल, सोशल मीडिया पर उठी गिरफ्तारी की मांग
- वीडियो में कथावाचक कह रहे हैं कि “25 वर्ष की लड़की जवान होकर आती है और चार जगह मुंह मार चुकी होती है”
- बयान को लेकर महिला संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जताया तीव्र विरोध, NCW से शिकायत की तैयारी
- ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर Aniruddhacharya Controversy से जुड़ा वीडियो लाखों बार देखा गया
- लोग पूछ रहे हैं – क्या ऐसे अपमानजनक शब्द किसी धर्मगुरु या कथावाचक को शोभा देते हैं?
सोशल मीडिया पर छाया Aniruddhacharya Controversy: क्या मर्यादा भूल गए संत?
धार्मिक प्रवचन के मंच से जब कोई कथावाचक महिला को लेकर ऐसा आपत्तिजनक और अश्लील बयान दे, तो सवाल उठता है – क्या यह धर्म का अपमान नहीं? हाल ही में Aniruddhacharya Controversy नाम से एक वीडियो ट्विटर और इंस्टाग्राम पर तेजी से वायरल हुआ है, जिसमें कथित संत अनिरुद्धाचार्य (असली नाम अनुरुद्ध राम तिवारी) कहते सुनाई दे रहे हैं कि –
“25 वर्ष की लड़की जब आती है, तो पूरी जवान होकर आती है। जब जवान होकर आएगी तो स्वाभाविक है कि वह अपनी जवानी कहीं ना कहीं फिसला चुकी होगी। सब नहीं, लेकिन बहुत-सी तो चार जगह मुंह मार चुकी होती हैं।”
बयान पर फूटा जनाक्रोश – महिलाएं और युवा वर्ग आक्रोशित
25 वर्ष की लड़की 4 जगह मुंह मार चुकी होती है, सब नहीं लेकिन बहुत |
25 वर्ष की जो आती है पुरी जवान होकर आती है, जब जवान होकर आयेगी तो स्वाभाविक है वह अपनी जवानी कहीं ना कहीं फिसल जायेगी..
– अनिरुध्दाचार्य (अनुरुद्ध राम तिवारी)
क्या यह शब्द एक संत या कथावाचक के हो सकते हैं ? pic.twitter.com/oYYuXg5E2M
— गहड़वाल साहब (@The_Gaharwar) July 18, 2025
महिला संगठनों ने की तीव्र निंदा
महिला अधिकार संगठनों, सोशल एक्टिविस्ट्स और युवाओं ने इस बयान की कड़ी निंदा की है। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने भी Aniruddhacharya Controversy को ‘घोर आपत्तिजनक’ बताते हुए तुरंत कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
क्या दर्ज होगी FIR?
सूत्रों के अनुसार, मुंबई और दिल्ली में इस वीडियो को लेकर शिकायत दर्ज की जा चुकी है। IPC की धारा 294 (अश्लील कार्य), 509 (महिला की गरिमा को ठेस पहुँचाना) और IT Act के तहत कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
यह पहला विवाद नहीं है अनिरुद्धाचार्य के नाम
पूर्व में भी दिए हैं विवादित बयान
Aniruddhacharya Controversy कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी उनके कई वीडियो सामने आए हैं जिनमें महिलाओं को लेकर आपत्तिजनक या दोहरे अर्थों वाले बयान पाए गए हैं।
सामाजिक समीक्षक क्या कहते हैं?
प्रसिद्ध समाजशास्त्री डॉ. राकेश गुप्ता का कहना है –
“जब धार्मिक मंचों से इस प्रकार के स्त्रीविरोधी कथन सामने आते हैं, तो यह केवल महिलाओं का ही नहीं, धर्म और संस्कृति का भी अपमान है।”
‘मुंह मारना’ जैसी भाषा – क्या यह किसी संत को शोभा देता है?
मर्यादा की सीमाएं लांघता प्रवचन?
धर्म का मंच अनुशासन, संयम और मर्यादा का प्रतीक होता है। ऐसे मंच से “चार जगह मुंह मार चुकी होती है” जैसे शब्दों का प्रयोग न केवल शर्मनाक है बल्कि यह दर्शकों को गलत संदेश देता है।
युवाओं पर नकारात्मक प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे वायरल वीडियो युवाओं की सोच और दृष्टिकोण को गलत दिशा में मोड़ सकते हैं। जब धर्मगुरु जैसी छवि वाला व्यक्ति इस तरह की भाषा का प्रयोग करता है, तो इसका दुष्प्रभाव पूरे समाज पर पड़ता है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़
ट्विटर पर #AniruddhacharyaControversy ट्रेंड
इस बयान के बाद ट्विटर पर #AniruddhacharyaControversy और #ArrestAniruddhacharya जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
कुछ प्रतिक्रियाएँ:
- @voiceofher: “ये कोई संत है या सड़कछाप मानसिकता का आदमी? महिलाओं को यूं अपमानित करना बंद करो!”
- @YouthForJustice: “धर्मगुरु बनकर समाज में जहर फैलाना बंद करो। FIR होनी चाहिए।”
- @SanskritiWatch: “कथावाचकों की भाषा में संयम और मर्यादा होना ज़रूरी है। ये क्या प्रवचन है?”
कानूनी और धार्मिक संगठनों की प्रतिक्रिया
हिंदू महासभा की तीखी प्रतिक्रिया
हिंदू महासभा ने इस बयान को “धर्म का अपमान” बताते हुए सार्वजनिक माफी और संत समाज से बहिष्कार की मांग की है। महासचिव श्री तापन घोष ने कहा,
“जो व्यक्ति मंच से स्त्रियों का अपमान करे, वह संत नहीं, ढोंगी है।”
ISKCON और अन्य संतों ने भी जताई नाराज़गी
ISKCON के वरिष्ठ प्रवक्ता प्रभु गोविंद दास ने कहा –
“अनिरुद्धाचार्य के बयान से हम स्वयं को अलग करते हैं। यह न तो वैदिक है, न ही आध्यात्मिक। धर्म प्रचार के नाम पर अश्लीलता का कोई स्थान नहीं।”
क्या होगी आगे की कार्रवाई?
NCW ने लिया संज्ञान
नेशनल कमीशन फॉर वूमेन (NCW) ने इस बयान को लेकर स्वतः संज्ञान लिया है और संबंधित राज्य सरकार को नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
YouTube चैनल पर निगरानी
अनिरुद्धाचार्य के यूट्यूब चैनल पर 20 लाख से अधिक सब्सक्राइबर हैं। ऐसे में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय इस चैनल के कंटेंट की समीक्षा कर रहा है। अश्लील या अपमानजनक सामग्री पाए जाने पर चैनल को ब्लॉक भी किया जा सकता है।
Aniruddhacharya Controversy ने खोली धार्मिक मंचों की ज़िम्मेदारी पर बहस
क्या धार्मिक मंच अब अश्लीलता का अड्डा बन रहे हैं? क्या कथावाचकों के भाषणों पर कोई सेंसर नहीं होना चाहिए? Aniruddhacharya Controversy ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब समय आ गया है जब संत या कथावाचकों की मर्यादा पर सवाल उठाना आवश्यक है। धर्म का नाम लेकर महिलाओं को अपमानित करना न तो सामाजिक रूप से स्वीकार्य है, न ही धार्मिक दृष्टिकोण से।
अब बारी समाज, कानून और मीडिया की है – कि वो तय करें, क्या ऐसे लोगों को मंच दिया जाना चाहिए, या इनकी जगह हाशिये पर होनी चाहिए।