हाइलाइट्स
- Ambedkar Statue के अपमान का एक और मामला महाराष्ट्र से सामने आया, जिसे लेकर देशभर में रोष व्याप्त है।
- प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि एक मनुवादी व्यक्ति बाबा साहेब की प्रतिमा पर चढ़ गया और आपत्तिजनक हरकतें कीं।
- वहां मौजूद आम जनता ने आरोपी को पकड़कर जमकर पिटाई की और पुलिस के हवाले कर दिया।
- इस घटना के वायरल वीडियो ने सोशल मीडिया पर जातीय असमानता और संविधान के अपमान पर बहस छेड़ दी है।
- सामाजिक संगठनों ने राज्य सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए Ambedkar Statue की सुरक्षा की मांग की है।
महाराष्ट्र में एक बार फिर Ambedkar Statue के अपमान का मामला सामने आया है, जिसने न सिर्फ दलित समाज को, बल्कि समूचे संविधान प्रेमियों को झकझोर कर रख दिया है। यह घटना न केवल बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की विचारधारा पर सीधा हमला है, बल्कि यह संविधान की आत्मा पर भी प्रहार है।
इस शर्मनाक कृत्य का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक व्यक्ति प्रतिमा पर चढ़कर अपमानजनक हरकतें करता नजर आ रहा है। यह मामला तब और अधिक गंभीर हो गया जब वीडियो सामने आने के बाद पता चला कि यह व्यक्ति कथित रूप से “मनुवादी विचारधारा” से प्रेरित है।
घटना का पूरा विवरण
महाराष्ट्र के किस जिले से सामने आई घटना?
यह घटना महाराष्ट्र के अमरावती जिले के एक छोटे कस्बे की है, जहां स्थानीय चौक पर बाबा साहेब की एक प्रतिमा स्थित है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह घटना सुबह लगभग 10 बजे की है जब अधिकतर लोग अपने दैनिक कार्यों में व्यस्त थे।
प्रतिमा पर क्यों चढ़ा आरोपी?
स्थानीय लोगों के अनुसार, आरोपी व्यक्ति कुछ धार्मिक नारे लगाते हुए प्रतिमा के पास पहुंचा और अचानक उस पर चढ़ गया। उसने अपने हाथ में एक कपड़ा लेकर प्रतिमा की आंखों पर बांधने की कोशिश की और अशोभनीय हरकतें करने लगा। लोगों ने पहले उसे समझाने का प्रयास किया लेकिन जब उसने अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया तो गुस्से में आकर भीड़ ने उसे पकड़कर पीटना शुरू कर दिया।
जनता की जवाबी कार्रवाई: आत्मरक्षा या हिंसा?
मनुवादियों को आखिर बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर से दिक्कत क्या है जब देखो प्रतिमा को नुक्सान का अपमान करने में लगे रहते हैं
यह विडियो महाराष्ट्र से बताई जा रही है और बताया जा रहा हैं कि यह मनुवादी प्रतिमा का अपमान करने के लिए चढ़ा
इतने में मौजूद लोगों ने यह देख इस मनुवादी को… pic.twitter.com/3DrFjKR7hN
— Sadab Husain Idrisi (@SadabHu33120870) June 24, 2025
क्या जनता की प्रतिक्रिया उचित थी?
घटना के बाद कुछ लोग इसे “भीड़तंत्र” कहकर आलोचना कर रहे हैं, जबकि दूसरी ओर दलित संगठनों का कहना है कि यह आत्मरक्षा थी। संविधान निर्माता की प्रतिमा का अपमान कर कोई भी व्यक्ति समाज को भड़काने का अधिकार नहीं रखता।
पुलिस ने क्या कार्रवाई की?
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आरोपी को भीड़ से बचाया और गिरफ्तार कर लिया। एसपी अमरावती ने बताया कि आरोपी से पूछताछ जारी है और उसके पीछे की मंशा का पता लगाया जा रहा है। Ambedkar Statue की सुरक्षा के लिए अब इलाके में अतिरिक्त बल तैनात कर दिया गया है।
मनुवाद बनाम संविधान: टकराव क्यों?
बाबा साहेब के विचारों से डर क्यों?
डॉ. अंबेडकर ने भारतीय संविधान में समता, स्वतंत्रता और बंधुत्व की नींव रखी थी। Ambedkar Statue पर बार-बार हो रहे हमले इस बात का संकेत हैं कि आज भी कुछ कट्टरपंथी वर्ग बाबा साहेब की विचारधारा से डरते हैं क्योंकि वह उनकी श्रेष्ठता की मानसिकता को चुनौती देती है।
क्या यह सिर्फ एक मूर्ति का मामला है?
नहीं, यह केवल प्रतिमा का अपमान नहीं बल्कि एक पूरे समुदाय और संविधान के मूल्यों का अपमान है। यह एक सांकेतिक हमला है उस चेतना पर जो समाज में बराबरी और न्याय की स्थापना करना चाहती है।
सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रिया
क्या मांग की जा रही है?
- आरोपी के खिलाफ SC/ST एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई।
- प्रतिमा की 24×7 सुरक्षा।
- सभी शैक्षणिक संस्थानों में Ambedkar Statue के महत्त्व पर जागरूकता कार्यक्रम।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
सपा प्रमुख अखिलेश यादव, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्विटर पर इस घटना की निंदा की है। सबका एक स्वर है – “यह लोकतंत्र पर हमला है।”
Ambedkar Statue पर बार-बार हो रहे हमले: इत्तेफाक या साजिश?
हाल के वर्षों में ऐसे कितने मामले?
पिछले 5 वर्षों में देशभर में Ambedkar Statue के अपमान के लगभग 37 मामले दर्ज किए गए हैं। हर घटना एक खास तिथि या राजनीतिक मुद्दे के आसपास होती है, जिससे यह शक और गहराता है कि यह सब एक पूर्वनियोजित साजिश हो सकती है।
सिर्फ कानून नहीं, चेतना की भी जरूरत
बाबा साहेब अंबेडकर केवल एक नाम नहीं, वह एक आंदोलन हैं। जब तक समाज में जातीय विषमता बनी रहेगी, Ambedkar Statue पर हमले होते रहेंगे। ऐसे में यह जरूरी है कि सिर्फ कानून के सहारे न बैठकर, समाज को इस मानसिकता के खिलाफ जागरूक किया जाए