हाइलाइट्स
- अलीगढ़ स्कूल विवाद: मुस्लिम शिक्षक ने ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाने का किया विरोध।
- विवाद प्रार्थना सभा के दौरान हुआ, सहायक अध्यापक चंद्रपाल सिंह के नेतृत्व में नारे लगाए गए।
- आरोपित शिक्षक ने मुस्लिम समुदाय की बैठक बुलाने की धमकी दी।
- बीईओ और बीएसए ने मौके पर जाकर जांच की और शिक्षक को निलंबित किया।
- कानूनी कार्रवाई के लिए थाना रोरावर में तहरीर दी गई, विभागीय कार्रवाई जारी।
घटना का पूरा विवरण
बुधवार को लोधा ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय शाहपुर कुतुब में प्रार्थना सभा के दौरान एक गंभीर घटना हुई। सहायक अध्यापक चंद्रपाल सिंह ने बच्चों से राष्ट्रगान के उपरांत ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगवाए। इसी बीच, सहायक शिक्षक शमसुल हसन ने इसका विरोध किया। उनका कहना था कि उनके धर्म में इस प्रकार के नारे लगाना उचित नहीं है, क्योंकि स्कूल में मुस्लिम बच्चों की संख्या अधिक है।
शमसुल हसन ने विरोध जताने के साथ-साथ धमकी दी कि वह आसपास के सभी मुस्लिमों को एकत्रित कर मीटिंग में चंद्रपाल को बेइज्जत करेंगे। इस दौरान प्रधानाध्यापक सुषमा रानी और अन्य स्टाफ भी मौके पर पहुंचे और बच्चों से ‘वंदे मातरम’ का समर्थन करवाया।
विवाद की जड़ और शिक्षक का बयान
शमसुल हसन ने अपने लिखित बयान में कहा कि यह पहली बार था जब प्रार्थना सभा में वंदे मातरम का नारा लगाया गया। उनका कहना था कि उन्होंने केवल प्यार के लहजे में नारा न लगवाने की बात कही, लेकिन चंद्रपाल सिंह ने अभद्रता और फटकार लगाई। उन्होंने लिखा, “तू है कौन मुझे समझाने वाला।”
बीएसए डॉ. राकेश कुमार सिंह ने बताया कि शिक्षक का यह व्यवहार शिक्षा विभाग की आचार संहिता का उल्लंघन है। इसके अलावा, यह धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाला मामला भी है।
प्रशासन की जांच और कार्रवाई
घटना की सूचना मिलने पर बीईओ रामशंकर कुरील मौके पर पहुंचे और सभी पक्षों के बयान दर्ज किए। इसके बाद बीएसए ने भी दोपहर में स्कूल पहुंचकर शिक्षकों से पूछताछ की।
घटना की गंभीरता को देखते हुए, आरोपी शिक्षक शमसुल हसन को निलंबित कर दिया गया। निलंबन अवधि में उन्हें गंगीरी ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय राजगहीला से संबद्ध रखा जाएगा।
वहीं, शिक्षक चंद्रपाल सिंह ने आरोपित के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए थाना रोरावर में तहरीर दी। विभागीय जांच के लिए खैर के बीईओ सुबोध कुमार को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि वे निलंबित शिक्षक को समयान्तर्गत आरोप पत्र जारी करें और रिपोर्ट व संस्तुति शीघ्र उपलब्ध कराएं।
शिक्षा मंत्रालय के निर्देश और राष्ट्रीय कार्यक्रम
शिक्षा मंत्रालय ने स्कूलों में राष्ट्रीय गीत और ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूर्ण होने पर कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। बीएसए ने स्पष्ट किया कि शिक्षकों को राष्ट्रीय गीत और प्रतीकात्मक नारे सुनिश्चित करवाने की जिम्मेदारी है।
इस विवाद ने न केवल स्कूल में तनाव बढ़ाया, बल्कि समुदाय के बीच भी असंतोष की स्थिति उत्पन्न की। प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया और तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की।
विशेषज्ञों की राय
शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि स्कूलों में राष्ट्रीय गीत और प्रतीकात्मक नारे बच्चों में देशभक्ति की भावना जगाने के लिए जरूरी हैं। हालांकि, किसी भी शिक्षक का व्यक्तिगत विरोध और धमकी देना अनुशासनहीनता के दायरे में आता है।
धार्मिक भावनाओं और संवेदनशीलता के बीच संतुलन बनाए रखना आवश्यक है, लेकिन इसे राष्ट्रीय प्रतीकों के विरोध का बहाना नहीं बनाना चाहिए।
अलीगढ़ के इस स्कूल विवाद ने स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षा संस्थानों में अनुशासन, राष्ट्रीय प्रतीक और धार्मिक संवेदनाओं के बीच संतुलन बनाए रखना कितना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई कर शिक्षक को निलंबित किया, जबकि कानूनी और विभागीय जांच जारी है।
इस घटना से यह संदेश भी मिलता है कि स्कूलों में राष्ट्रगान और ‘वंदे मातरम’ जैसे राष्ट्रीय प्रतीक बच्चों के लिए आदर्श और नियमों के अनुरूप होने चाहिए।