हाइलाइट्स
- Air India Dreamliner हादसे में मृतकों की संख्या अब 274 हो गई है
- मेस में खाना खा रहे MBBS छात्र भी चपेट में आए, छात्रावास में मचा कोहराम
- 33 स्थानीय नागरिकों की भी गई जान, DNA रिपोर्ट के बाद ही शव सौंपे जाएंगे
- रातभर चला Air India Dreamliner का मलबा हटाने का ऑपरेशन, भारी मशीनरी तैनात
- Air India Dreamliner का ब्लैक बॉक्स मिला, अब दुर्घटना के असली कारणों की जांच होगी
गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में हुए भीषण Air India Dreamliner विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस त्रासदी में अब तक 274 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जिसमें विमान में सवार यात्रियों के अलावा 33 स्थानीय नागरिक और MBBS छात्र भी शामिल हैं। हादसे के बाद पूरे शहर में मातम पसरा हुआ है और राहत-बचाव कार्य पूरी रात जारी रहा।
हादसे में कौन-कौन मारे गए?
स्थानीय लोग, छात्र और आम नागरिक सभी चपेट में
इस Air India Dreamliner हादसे ने सिर्फ विमान यात्रियों को ही नहीं, बल्कि ज़मीन पर मौजूद कई निर्दोष लोगों की भी जान ले ली। मेघानी कॉलोनी के निवासी धर्मेंद्र के अनुसार, Air India Dreamliner जब बीजे मेडिकल कॉलेज के परिसर में आकर क्रैश हुआ, उस वक्त छात्रावास की मेस में 60-70 छात्र भोजन कर रहे थे। इस वजह से मृतकों की संख्या और बढ़ गई।
हादसे में जान गंवाने वाले प्रमुख नामों में जयप्रकाश चौधरी, आर्यन राजपूत, राकेश तिवारी और मानव भादू जैसे MBBS छात्र शामिल हैं। इनके अलावा 15 साल के आकाश पटनी, जो हॉस्टल के बाहर चाय की रेहड़ी लगाते थे, की भी मौत हो गई।
हादसे की रात: कैसे चला मलबा हटाने का काम?
100 मजदूर, 40 इंजीनियर और दर्जन भर मशीनें तैनात
Air India Dreamliner के इस भयावह हादसे के बाद नगर निगम की टीम ने रातभर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। मलबा हटाने के लिए 100 से अधिक मजदूरों और 40 से ज्यादा इंजीनियरों को लगाया गया। बड़ी-बड़ी ड्रिलिंग मशीनों के ज़रिए मेस की छत काटी गई, ताकि विमान का टेल हटाया जा सके।
शहर के प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया कि हर पीड़ित तक मदद पहुंचे। मेडिकल टीमों को भी अलर्ट पर रखा गया ताकि घायलों को तुरंत इलाज मिल सके। यह देश के इतिहास का सबसे बड़ा Air India Dreamliner हादसा बताया जा रहा है।
ब्लैक बॉक्स से मिलेगा जवाब
पायलट की बातचीत और डेटा रिकॉर्ड की जांच जारी
घटना के तुरंत बाद खोजी गई चीज़ों में से सबसे अहम हिस्सा रहा विमान का ब्लैक बॉक्स। Air India Dreamliner का ब्लैक बॉक्स मिल चुका है, जो दो हिस्सों में होता है — Cockpit Voice Recorder (CVR) और Flight Data Recorder (FDR)।
CVR में पायलट और सह-पायलट की बातचीत और कॉकपिट की गतिविधियाँ रिकॉर्ड होती हैं, जबकि FDR में उड़ान के दौरान के तकनीकी आंकड़े होते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस ब्लैक बॉक्स से यह पता चल सकेगा कि विमान ने आखिरी पल में क्या प्रतिक्रिया दी, किस गति से वह नीचे आया और क्या कोई चेतावनी दी गई थी।
DNA टेस्ट से मिलेगा परिजनों को शव
अब तक 220 शवों के लिए लिया गया सैंपल
Air India Dreamliner हादसे में कई शव बुरी तरह क्षत-विक्षत हो गए, जिससे पहचान कर पाना असंभव हो गया है। प्रशासन ने अब तक 220 शवों के DNA परीक्षण के लिए सैंपल ले लिए हैं। यह प्रक्रिया तेजी से की जा रही है ताकि परिजन अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार कर सकें।
गुजरात सरकार ने कहा है कि बिना वैज्ञानिक पुष्टि के कोई भी शव नहीं सौंपा जाएगा, जिससे किसी प्रकार की ग़लत पहचान से बचा जा सके।
स्थानीय स्तर पर कैसा है माहौल?
हर गली में मातम, हर घर में दहशत
Air India Dreamliner हादसे के बाद मेघानी कॉलोनी, बीजे मेडिकल परिसर और आसपास के इलाके में मातमी सन्नाटा पसरा है। स्कूलों और कॉलेजों को बंद कर दिया गया है और पूरे शहर में आपातकालीन स्थिति जैसी तैयारियाँ की गई हैं।
स्थानीय निवासी और पीड़ितों के परिजन गुजरात सरकार और केंद्र सरकार से मुआवज़े और न्याय की गुहार लगा रहे हैं। वहीं प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि किसी भी परिवार को अकेला नहीं छोड़ा जाएगा।
सरकार और वायुसेना की प्रतिक्रिया
DGCA, NDRF और वायुसेना की टीम मौके पर
Air India Dreamliner हादसे की जांच DGCA और वायुसेना के विशेषज्ञों की संयुक्त टीम कर रही है। इसके अलावा NDRF की यूनिट ने भी पूरे क्षेत्र को सील कर दिया है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी स्थिति की निगरानी करते हुए राहत कार्य में तेजी लाने के आदेश दिए हैं।
गृह मंत्री ने गुजरात सरकार से रिपोर्ट तलब की है और सभी पीड़ित परिवारों को उचित मुआवज़ा देने की बात कही है।
यह हादसा क्यों हुआ?
तकनीकी खराबी या मानवीय चूक?
फिलहाल Air India Dreamliner हादसे के असली कारण का खुलासा नहीं हो सका है। लेकिन शुरुआती रिपोर्ट्स से संकेत मिलते हैं कि टेक-ऑफ के कुछ ही मिनटों बाद विमान में तकनीकी खराबी आ गई थी। कुछ सूत्रों का यह भी मानना है कि मौसम की स्थिति भी अनुकूल नहीं थी।
जांच टीम अब Air India Dreamliner के ब्लैक बॉक्स को डिकोड करके सच्चाई का पता लगाएगी।
अब सवालों के जवाब चाहिए
यह Air India Dreamliner हादसा न केवल तकनीकी विफलता का प्रतीक है, बल्कि हमारे हवाई सुरक्षा तंत्र पर भी सवाल खड़े करता है। जब तक ब्लैक बॉक्स की रिपोर्ट सामने नहीं आती, तब तक असली कारणों पर से पर्दा नहीं हट सकेगा। लेकिन इस बीच ज़रूरत है पीड़ितों और उनके परिजनों को हर संभव सहायता देने की।