हाइलाइट्स
- Air India Dreamliner हादसे पर रिटायर कैप्टन राकेश राय ने किए तकनीकी खुलासे
- 600 फीट की ऊंचाई तक सबकुछ सामान्य, फिर अचानक विमान नीचे क्यों आया?
- अंडर कैरेज 600 फीट तक नीचे ही रहा, टेक्निकल गड़बड़ी या पायलट से चूक?
- बर्ड हिट या फ्लैप्स की गलती से थ्रस्ट लॉस, रिटायर कैप्टन ने बताई आशंकाएं
- हादसे में 241 यात्रियों समेत 265 की दर्दनाक मौत, पहचान में भी दिक्कत
अहमदाबाद में Air India Dreamliner का क्रैश: एक तकनीकी मिस्ट्री
गुरुवार को अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरते ही दुर्घटनाग्रस्त हुआ Air India Dreamliner विमान अब तकनीकी विश्लेषण के घेरे में है। NDTV न्यूज रूम में रिटायर कैप्टन राकेश राय ने इस हादसे से जुड़ी ऐसी जानकारियां साझा कीं, जो न केवल चौंकाने वाली हैं, बल्कि विमानन प्रणाली की गहराई में झांकने का मौका भी देती हैं।
रिटायर कैप्टन राकेश राय का दावा: 600 फीट के बाद कुछ असामान्य
कैप्टन राकेश राय, जो कि पिछले वर्ष ही Air India Dreamliner उड़ाते हुए रिटायर हुए हैं, ने सीसीटीवी वीडियो के आधार पर कहा कि टेकऑफ तक सबकुछ सामान्य था। रनवे पर टेकऑफ रोल और विमान की गति में कोई गड़बड़ी नहीं दिखी। लेकिन जैसे ही विमान लगभग 600 फीट की ऊंचाई पर पहुंचा, उसके बाद स्थिति अचानक बिगड़ गई। इससे यह स्पष्ट होता है कि जो कुछ भी हुआ, वह टेकऑफ के ठीक बाद हुआ।
अंडर कैरेज की स्थिति: सवालों के घेरे में
पॉजिटिव रेट और गियर अप की प्रक्रिया
राय ने बताया कि टेकऑफ के दौरान, जैसे ही विमान की स्पीड VR (Velocity Rotation) तक पहुंचती है, नोज ऊपर उठता है और पायलट मॉनिटरिंग ‘पॉजिटिव रेट’ कॉल देता है। फिर पायलट फ्लाइंग गियर अप कमांड देता है। यह पूरी प्रक्रिया 50 फीट की ऊंचाई तक पूरी हो जाती है। लेकिन इस दुर्घटनाग्रस्त Air India Dreamliner विमान का अंडर कैरेज 600 फीट तक नीचे ही रहा। यह बेहद असामान्य है।
संभावित कारण 1: बर्ड हिट और थ्रस्ट लॉस
एक संभावित कारण यह बताया गया कि हो सकता है टेकऑफ के दौरान किसी पक्षी से टकराव (बर्ड हिट) हुआ हो, जिसके कारण इंजन थ्रस्ट अचानक खत्म हो गया। इस स्थिति में पायलट गियर अप करने की प्रक्रिया भूल सकता है। और यदि पायलट को देर से यह महसूस हुआ कि इंजन फेल हो गया है और लैंडिंग गियर अभी भी नीचे है, तो विमान उड़ान नहीं भर पाएगा और धीमे-धीमे नीचे आने लगेगा।
संभावित कारण 2: ह्यूमन एरर – फ्लैप्स की गलती
दूसरी आशंका है कि पायलट मॉनिटरिंग ने गियर अप के स्थान पर गलती से फ्लैप्स ऊपर कर दिए हों। यह ह्यूमन एरर की स्थिति हो सकती है। फ्लैप्स ऊपर करने से अचानक थ्रस्ट लॉस हो सकता है, जो विमान को अस्थिर कर सकता है। रिटायर कैप्टन ने स्पष्ट किया कि वे यह दावा नहीं कर रहे कि यही हुआ, पर यह भी एक व्यवहारिक थ्योरी है।
केवल 59 सेकंड में हादसा: निर्णय का समय नहीं मिला
टेकऑफ से क्रैश तक का अंतराल
रिटायर कैप्टन राकेश राय ने बताया कि Air India Dreamliner ने टेकऑफ 320 किमी/घंटा की रफ्तार से किया। सिर्फ 59 सेकंड का वीडियो सामने आया है, जिसमें हादसा हुआ। इसमें पायलट को सोचने, निर्णय लेने और कार्रवाई करने के लिए केवल 20–25 सेकंड ही मिले होंगे। किसी भी आपात स्थिति को समझने में कम से कम 4–5 सेकंड का समय लग ही जाता है।
चेकलिस्ट और अलर्ट सिस्टम फिर भी कैसे चूका इंसानी ध्यान?
इलेक्ट्रॉनिक सुरक्षा प्रणाली
इस तरह के अत्याधुनिक विमान में मैनुअल नहीं बल्कि पूरी तरह से डिजिटल चेकलिस्ट होती है। अगर कोई प्रक्रिया छूट जाए, तो अलर्ट, लाइट्स और अलार्म तुरंत एक्टिवेट हो जाते हैं। इससे यह सवाल उठता है कि क्या पायलट को समय ही नहीं मिला? या अलर्ट को नजरअंदाज कर दिया गया?
क्रैश में मारे गए 265 लोग: पहचान भी बनी चुनौती
इस दिल दहला देने वाले हादसे में कुल 265 लोगों की मृत्यु हुई, जिनमें 241 यात्री शामिल थे। अहमदाबाद सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद अब तक केवल 6 शवों की ही पहचान हो सकी है। बाकी शव बुरी तरह क्षत-विक्षत हैं। मृतकों के परिजनों को डीएनए टेस्ट के आधार पर पहचान दी जाएगी।
क्या यह Dreamliner की पहली त्रासदी नहीं होनी चाहिए थी?
Air India Dreamliner को दुनिया का सबसे आधुनिक और सुरक्षित विमान माना जाता है। इसके 15 वर्षों के इतिहास में यह पहली बड़ी दुर्घटना है, जिसने इसकी सुरक्षा प्रणाली पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। हालांकि जांच एजेंसियों और DGCA द्वारा विस्तृत जांच जारी है, परंतु रिटायर कैप्टन राकेश राय की यह तकनीकी पड़ताल विमानन विशेषज्ञों के लिए निश्चित ही उपयोगी होगी।
सवालों के घेरे में Dreamliner, ज़रूरत है पारदर्शी जांच की
Air India Dreamliner हादसे ने न केवल तकनीकी विफलताओं को उजागर किया है, बल्कि ह्यूमन एरर, प्रक्रियात्मक चूक और आपात प्रतिक्रिया की कमी को भी रेखांकित किया है। इस क्रैश से जुड़ी वास्तविकता तभी सामने आ सकेगी जब जांच निष्पक्ष और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से हो। अब देखना यह होगा कि DGCA और एयर इंडिया इस मामले को किस तरह से सार्वजनिक करती है।