Agro Terrorism

कोरोना महामारी के बाद दुनिया पर मंडराया एग्रो टेररिज्म का खतरा, जानिए क्यों अमेरिका इसे गंभीर चुनौती मान रहा है

Latest News

हाइलाइट्स

  • Agro Terrorism को लेकर अमेरिका ने चीन पर लगाया गंभीर आरोप, दो चीनी नागरिक गिरफ्तार
  • एफबीआई ने जब्त किया फ्यूजेरियम ग्रैमिनेरियम नामक खतरनाक फंगस
  • विशेषज्ञों ने बताया Agro Terrorism आधुनिक युद्ध का जैविक हथियार
  • इस फंगस से इंसानों और जानवरों दोनों की जान को हो सकता है खतरा
  • वैश्विक खाद्य सुरक्षा और कृषि अर्थव्यवस्था पर मंडरा रहा बड़ा संकट

दुनिया जहां अभी भी कोविड-19 महामारी के दुष्प्रभावों से पूरी तरह उबर नहीं पाई है, वहीं अब एक नई वैश्विक चिंता ने सिर उठाया है—Agro Terrorism। अमेरिका की प्रतिष्ठित जांच एजेंसी एफबीआई (FBI) ने दो चीनी नागरिकों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से खतरनाक फ्यूजेरियम ग्रैमिनेरियम (Fusarium graminearum) फंगस बरामद हुआ है। यह फंगस सीधे तौर पर कृषि फसलों को संक्रमित कर नष्ट करने की क्षमता रखता है और इसे Agro Terrorism का हिस्सा माना जा रहा है।

क्या है Agro Terrorism?

जैविक युद्ध का एक नया चेहरा

Agro Terrorism को जैविक युद्ध का एक आधुनिक और खतरनाक रूप माना जाता है। इसमें ऐसे जैविक तत्वों, विषैले फंगस या सूक्ष्मजीवों का इस्तेमाल किया जाता है जो फसलों को बर्बाद कर सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह रणनीति उस देश की खाद्य सुरक्षा और अर्थव्यवस्था को सीधे प्रभावित करती है, जिस पर हमला किया जाता है।

 खाद्य श्रृंखला पर गहरा असर

जब कृषि उत्पादन बाधित होता है, तो केवल किसानों को ही नहीं बल्कि पूरी खाद्य श्रृंखला को नुकसान होता है। खाद्य कीमतें बढ़ती हैं, निर्यात प्रभावित होता है, और देश की जीडीपी पर प्रतिकूल असर पड़ता है। यही वजह है कि Agro Terrorism को राष्ट्रीय सुरक्षा का भी एक महत्वपूर्ण पहलू माना जाने लगा है।

अमेरिका में Agro Terrorism का खुलासा

 एफबीआई की कार्रवाई

3 जून 2025 को एफबीआई ने दो चीनी नागरिकों को उस समय गिरफ्तार किया जब वे अमेरिका में एक प्रयोगशाला में संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त पाए गए। तलाशी के दौरान उनके पास से फ्यूजेरियम ग्रैमिनेरियम फंगस की कुछ मात्रा बरामद हुई। जांच एजेंसी के अनुसार, इसे गैरकानूनी तरीके से चीन से अमेरिका लाया गया था।

चीन की भूमिका संदिग्ध

हालांकि चीन की सरकार ने इन आरोपों को खारिज किया है, लेकिन अतीत में भी उस पर जैविक हथियारों के प्रयोग को लेकर संदेह रहा है। Agro Terrorism के इस मामले में चीन की संलिप्तता ने वैश्विक स्तर पर चिंता को बढ़ा दिया है।

Fusarium graminearum — कितना खतरनाक है यह फंगस?

फसलों का कातिल

फ्यूजेरियम ग्रैमिनेरियम एक प्रकार का फंगस है जो मुख्यतः गेहूं, मक्का और जौ जैसी फसलों पर हमला करता है। यह फंगस माइकोटॉक्सिन नामक विषैला तत्व छोड़ता है जो ना केवल फसल को बर्बाद करता है बल्कि उसे खाने वाले इंसानों और जानवरों के लिए भी जानलेवा हो सकता है।

मानव स्वास्थ्य पर असर

इस फंगस से संक्रमित अनाज के सेवन से लीवर फेलियर, कैंसर और प्रजनन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। बच्चों में जन्म से ही विकृति पाई जा सकती है। यही कारण है कि इसे Agro Terrorism के अंतर्गत एक खतरनाक जैविक हथियार माना जा रहा है।

क्या है वैश्विक प्रभाव?

वैश्विक खाद्य आपूर्ति संकट

अगर Agro Terrorism जैसी घटनाएं बढ़ती हैं, तो इससे वैश्विक खाद्य आपूर्ति श्रृंखला पूरी तरह चरमरा सकती है। विकासशील देशों के लिए यह स्थिति और भी गंभीर हो सकती है, जहां पहले से ही खाद्य सुरक्षा एक चुनौती है।

 अंतरराष्ट्रीय नियमों की जरूरत

इस प्रकार की घटनाओं से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को कठोर और स्पष्ट नियमों की आवश्यकता है। जैविक हमलों को रोकने के लिए वैश्विक निगरानी और सहयोग अनिवार्य बन चुका है।

 भारत को क्यों सतर्क रहने की जरूरत है?

भारत जैसे कृषि-प्रधान देश के लिए Agro Terrorism अत्यधिक घातक साबित हो सकता है। देश की 60% से अधिक आबादी कृषि पर निर्भर है और अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा कृषि से जुड़ा है। ऐसे में भारत को अपनी सीमाओं पर जैविक निगरानी, शोध संस्थानों की सतर्कता और किसानों को जागरूक करने की आवश्यकता है।

Agro Terrorism केवल एक देश की नहीं बल्कि पूरी दुनिया की समस्या बन सकती है। चीन से जुड़ी हालिया गिरफ्तारी और फ्यूजेरियम जैसे फंगस की मौजूदगी ने इस खतरे को और भी वास्तविक बना दिया है। यह समय है जब वैश्विक नेतृत्व इस विषय को गंभीरता से ले और सामूहिक कार्रवाई करे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *