हाइलाइट्स
- गे एप के ज़रिए दोस्ती कर युवक ने बुजुर्ग डॉक्टर को बनाया ब्लैकमेल का शिकार
- होटल में कपड़े उतारते ही युवक ने खींची नग्न तस्वीरें, जान से मारने की धमकी देकर वसूले 8 लाख
- घटना वाराणसी के एक होटल की, बुजुर्ग डॉक्टर नवीन चंद के साथ हुआ हाई-प्रोफाइल फ्रॉड
- आरोपी ने खुद को ‘विकास’ बताया, असली नाम आरव पांडेय, साथ में था रोशन पाठक
- पुलिस जांच में खुलासा: गे एप पर निशाना बना रहे हैं अकेले और उम्रदराज पुरुषों को
वाराणसी में सामने आया हाई-प्रोफाइल ब्लैकमेलिंग केस, गे एप बना ठगी का जरिया
उत्तर प्रदेश के वाराणसी से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां गे एप के माध्यम से दोस्ती कर एक बुजुर्ग डॉक्टर को पहले जाल में फंसाया गया, फिर उसकी नग्न तस्वीरें लेकर 8 लाख रुपए ठग लिए गए। यह पूरी घटना शहर के एक होटल में घटी, जिसे सुनकर पुलिस भी सन्न रह गई।
बुजुर्ग डॉक्टर नवीन चंद, जो कि एक निजी अस्पताल से सेवानिवृत्त हैं, ने खुद इस पूरे प्रकरण की जानकारी पुलिस को दी। मामला सिर्फ साइबर ठगी का नहीं, बल्कि मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का भी है।
कैसे बना गे एप ठगी का जरिया?
डॉ. नवीन चंद ने बताया कि कुछ दिन पहले उन्होंने एक गे एप इंस्टॉल किया था, जहां ‘Looking 4 Mature’ नाम की प्रोफाइल से उनकी बातचीत शुरू हुई। युवक ने खुद को विकास बताया और खुद को एक कॉलेज छात्र बताया। कुछ दिनों की बातचीत के बाद डॉक्टर और युवक ने मिलने का तय किया।
युवक ने कहा कि वह एक होटल में ठहरा हुआ है और वहीं मुलाकात करना बेहतर रहेगा। डॉक्टर इसके लिए राज़ी हो गए, और यहीं से शुरू हुआ ब्लैकमेलिंग का खतरनाक खेल।
होटल के कमरे में हुआ हमला
डॉ. नवीन के अनुसार, जब वह होटल पहुंचे, तो युवक ने उन्हें बीयर ऑफर की। माहौल सहज बनाने के लिए उन्होंने बीयर स्वीकार कर ली। बातचीत के दौरान डॉक्टर ने स्वेच्छा से अपने कपड़े उतारे, यह सोचकर कि दोनों की सहमति है। लेकिन तभी युवक ने अचानक मोबाइल निकाला और डॉक्टर की नग्न तस्वीरें खींच लीं।
इसके तुरंत बाद युवक ने उन्हें थप्पड़ मारा, कांच का ग्लास तोड़ा और धमकी दी कि अगर पैसे नहीं दिए तो वह तस्वीरें वायरल कर देगा और गला रेत देगा।
8 लाख की वसूली, गे एप से शुरू होकर UPI तक पहुंची ठगी
डॉ. नवीन ने डर के मारे युवक को शांत करने की कोशिश की, लेकिन वह लगातार धमकी देता रहा। फिर उसने अपने एक साथी रोशन पाठक से संपर्क कराया, जिसने अलग-अलग UPI नंबरों पर पैसे ट्रांसफर करवाए।
डॉ. नवीन ने कुल 8 लाख रुपए आरव पांडेय और रोशन पाठक के नाम पर ट्रांसफर कर दिए। जब दोनों युवक वहां से निकल गए, तब जाकर डॉक्टर ने किसी तरह हिम्मत जुटाई और पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
पुलिस जांच में हुआ खुलासा: अकेले पुरुष हैं टारगेट
पुलिस के अनुसार, यह कोई एकल मामला नहीं है। गे एप के जरिए इस तरह की ठगी के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। विशेष रूप से अकेले रहने वाले पुरुषों, बुजुर्गों या तलाकशुदा व्यक्तियों को निशाना बनाया जाता है।
पुलिस अधिकारी का कहना है कि इस गिरोह का नेटवर्क कई शहरों में फैला हो सकता है। आरोपी युवक फर्जी नाम और प्रोफाइल का इस्तेमाल करते हैं, और होटल में रजिस्ट्रेशन भी फर्जी आईडी से करते हैं, जिससे उनकी पहचान न हो सके।
सोशल मीडिया और गे एप पर सावधानी बेहद ज़रूरी
यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि एक खतरनाक ट्रेंड का उदाहरण है। डिजिटल युग में जहां सबकुछ एक क्लिक की दूरी पर है, वहीं धोखाधड़ी के तरीके भी और ज्यादा शातिर हो गए हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि गे एप जैसे प्लेटफॉर्म्स पर दोस्ती करते समय यूजर को बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। किसी अनजान व्यक्ति से निजी जानकारी साझा करना या मिलने जाना खतरे से खाली नहीं।
मानसिक पीड़ा से गुजर रहे डॉक्टर नवीन
डॉ. नवीन चंद का कहना है कि उन्होंने जिंदगी भर समाज की सेवा की, लेकिन बुढ़ापे में उन्हें ऐसा धोखा मिलेगा, इसका अंदाजा भी नहीं था। वह अब सामाजिक दबाव और मानसिक तनाव का सामना कर रहे हैं।
वह कहते हैं, “गलती मेरी थी, लेकिन इस कदर मुझे फंसाया गया कि मैं चाहकर भी कुछ नहीं कर सका। मैं बाकी लोगों को आगाह करना चाहता हूं कि इस तरह के एप्स से दूरी बनाएं।”
क्या कहता है कानून?
भारतीय दंड संहिता की धारा 384 (जबरन वसूली), धारा 506 (धमकी देना), और आईटी एक्ट की धाराओं के तहत यह गंभीर अपराध है। अगर आरोपी गिरफ्तार होते हैं, तो उन्हें लंबी सजा हो सकती है।
साथ ही अगर होटल प्रबंधन की भूमिका संदिग्ध पाई गई, तो उस पर भी कार्रवाई की जा सकती है।
सतर्कता ही सुरक्षा है
गे एप जैसी सोशल मीडिया आधारित प्लैटफॉर्म्स पर संबंध बनाना जितना आसान है, उतना ही खतरनाक भी हो सकता है। इस केस से यह स्पष्ट है कि आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल अपराधियों द्वारा बेहद योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है।
इसलिए ज़रूरत है सावधानी और जागरूकता की। अगर आप ऑनलाइन किसी अनजान व्यक्ति से मिल रहे हैं, तो सोच-समझकर निर्णय लें। एक पल की लापरवाही जिंदगी भर की परेशानी बन सकती है।