जिसे 40 साल पहले मरा समझ लिया था, वो फेसबुक वीडियो में जिंदा निकला – बेटे की चीख सुन कांप उठे लोग!

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हाइलाइट्स

  • टूट चुका रिश्ता एक फेसबुक वीडियो ने 40 साल से टूट चुका रिश्ता फिर से जोड़ दिया
  • SI की पत्नी की मृत्यु के बाद वे मानसिक रूप से अस्थिर हो गए और गायब हो गए थे
  • इकलौते बेटे ने मान लिया था कि पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं
  • बैतूल से महाराष्ट्र शिफ्ट हुआ बेटा फेसबुक वीडियो में देख पिता को पहचान गया
  • वीडियो देखकर बेटा रो पड़ा, चरणों में गिरकर बोला- “पापा, आपने हमें अकेला क्यों छोड़ दिया?”

मर्मस्पर्शी घटना जिसने टूट चुका रिश्ता फिर से जोड़ा

बैतूल जिले की इस सच्ची घटना ने यह साबित कर दिया कि सोशल मीडिया सिर्फ दिखावे का माध्यम नहीं, बल्कि यह कभी-कभी टूट चुका रिश्ता भी जोड़ सकता है। एक ऐसा बेटा जो 40 वर्षों से अपने पिता को मृत मान चुका था, उसने फेसबुक पर एक वीडियो देखा और उसे अपने पिता का चेहरा दिखा। वर्षों पहले मानसिक असंतुलन के कारण लापता हुआ पिता महाराष्ट्र के एक वृद्धाश्रम में जीवन बिता रहा था। बेटे ने जैसे ही वीडियो देखा, उसे विश्वास नहीं हुआ, लेकिन अंततः जब दोनों आमने-सामने आए, तो टूट चुका रिश्ता फिर से जीवंत हो उठा।

मां की मौत बनी रिश्ता टूटने की वजह

पत्नी की मृत्यु से हिल गया था परिवार

बैतूल निवासी रामप्रसाद वर्मा मध्य प्रदेश पुलिस में सब-इंस्पेक्टर (SI) थे। वर्ष 1985 में उनकी पत्नी की अचानक मृत्यु हो गई। इस गहरे सदमे से रामप्रसाद का मानसिक संतुलन बिगड़ गया। एक दिन वे ड्यूटी से सीधे गायब हो गए और फिर 40 वर्षों तक कोई सुराग नहीं मिला। घर पर सिर्फ उनका इकलौता बेटा और बुजुर्ग माता-पिता बचे थे। परिवार ने काफी तलाश की, लेकिन पुलिस अधिकारी होते हुए भी रामप्रसाद का कोई अता-पता नहीं चला।

बेटे ने किया जीवन से समझौता, पर दिल से नहीं भूला

नया शहर, नई पहचान लेकिन पिता की कमी हमेशा रही

रामप्रसाद का बेटा विजय वर्मा बाल्यावस्था में ही अनाथ हो गया। मां की मृत्यु और फिर पिता के गुम हो जाने से वह पूरी तरह टूट गया। जीवन की गाड़ी जैसे-तैसे आगे बढ़ी। कुछ साल बाद वह बैतूल से महाराष्ट्र शिफ्ट हो गया और एक कंपनी में नौकरी करने लगा। उसने खुद को संभाल लिया, लेकिन भीतर ही भीतर टूट चुका रिश्ता उसे हमेशा सालता रहा। हर पिता-पुत्र को देखकर उसका मन भावुक हो उठता। उसे विश्वास था कि शायद उसके पिता कभी लौटें।

फेसबुक रील ने कर दिया कमाल

वृद्धाश्रम की वीडियो में दिखा चेहरा

यह कहानी मोड़ तब लेती है जब विजय वर्मा फेसबुक पर स्क्रॉल कर रहा था। महाराष्ट्र के एक सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा बनाई गई वृद्धाश्रम की वीडियो में एक बुजुर्ग शख्स ने कैमरे की ओर देखा और मुस्कराया। विजय का दिल धड़क उठा। वह वीडियो को कई बार देखता रहा। फिर उसने वीडियो पोस्ट करने वाले से संपर्क किया। अगले ही दिन वह उस वृद्धाश्रम पहुंचा और जैसे ही उस बुजुर्ग ने उसकी तरफ देखा, विजय उनके पैरों में गिर पड़ा।

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बेटे ने कहा – “अब आप कहीं नहीं जाएंगे पापा”

पिता और पुत्र की आंखों में आंसू थे। आसपास खड़े लोग भी उस दृश्य को देखकर रो पड़े। रामप्रसाद ने कांपते हाथों से विजय का चेहरा छुआ और कहा, “तू बड़ा हो गया बेटा… तूने माफ कर दिया मुझे?” विजय ने रोते हुए कहा, “पापा, आपने हमें अकेला क्यों छोड़ दिया? लेकिन अब आप मेरे साथ ही रहेंगे। हम फिर से टूट चुका रिश्ता नहीं टूटने देंगे।”

कानूनी पहचान की प्रक्रिया शुरू

विजय ने पिता की पहचान के लिए पुराने दस्तावेज और फोटो लाए थे। वृद्धाश्रम ने प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए रामप्रसाद को विजय के साथ जाने की अनुमति दे दी है। रामप्रसाद अब महाराष्ट्र के उसी घर में अपने बेटे, बहू और पोते-पोतियों के साथ रहेंगे। इस घटना ने पूरे गांव और सोशल मीडिया पर एक भावनात्मक माहौल बना दिया है।

सामाजिक कार्यकर्ता बोले – “रील ऐसी हो जो टूट चुका रिश्ता जोड़े”

वीडियो बनाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता संदीप तिवारी ने कहा, “आजकल रीलें और वीडियो सिर्फ लाइक और वायरल के लिए बनाई जाती हैं। लेकिन अगर एक वीडियो किसी टूट चुका रिश्ता को जोड़ दे, तो यह सच्चा सोशल मीडिया होगा।” उनकी बातों ने हजारों लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया।

भावनात्मक शिक्षा और तकनीक का संगम

यह घटना केवल एक पिता-पुत्र के मिलन की नहीं, बल्कि तकनीक और भावनाओं के तालमेल की भी मिसाल है। सोशल मीडिया का सदुपयोग अगर इस तरह हो, तो कई टूट चुका रिश्ता फिर से जुड़ सकते हैं।

 टूट सकता है रिश्ता, पर टूट नहीं सकती उम्मीद

जीवन में रिश्ते चाहे जैसे भी हों, टूट चुका रिश्ता भी एक दिन जुड़ सकता है, बशर्ते मन में विश्वास और प्रेम हो। यह घटना हमें यह भी सिखाती है कि सोशल मीडिया सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि रिश्तों की डोर भी बन सकता है।

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