हाइलाइट्स
- एक हज़ार रुपए वाली चाय कोलकाता के निर्जाष टी स्टॉल पर मिलती है, जिसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है।
- इस महंगी चाय का नाम “Bo-Lay Tea” है, जिसकी पत्तियों की कीमत तीन लाख रुपए प्रति किलो है।
- ‘निर्जाष टी स्टॉल’ के मालिक प्रथा प्रतिम गांगुली ने नौकरी छोड़कर चाय का कारोबार शुरू किया।
- यहाँ 10 रुपए वाली चाय से लेकर हजार रुपए तक की वैरायटी मौजूद है।
- लोग महंगी होने के बावजूद इस चाय का स्वाद लेने के लिए लंबी कतारों में लगते हैं।
भारत में चाय केवल एक पेय नहीं बल्कि संस्कृति का हिस्सा है। सुबह की नींद से लेकर रात की थकान मिटाने तक, हर जगह चाय साथी बन जाती है। लेकिन जब यही चाय एक हज़ार रुपए वाली चाय के रूप में सामने आती है तो लोगों के मन में सवाल उठना लाज़मी है। आखिर क्या है इस महंगी चाय की कहानी और क्यों लोग इसे पीने के लिए उत्सुक रहते हैं, आइए जानते हैं।
चाय का जुनून और एक नया प्रयोग
भारत में हर गली-नुक्कड़ पर चाय के दीवाने मिल जाते हैं। रेलवे स्टेशन, ऑफिस, कॉलेज या फिर घर – हर जगह चाय का महत्व खास होता है। सामान्यतः लोग 10 से 30 रुपए में चाय पीकर संतुष्ट हो जाते हैं, लेकिन कोलकाता के एक ठेले पर बिकने वाली एक हज़ार रुपए वाली चाय देशभर में चर्चा का विषय बन चुकी है।
मालिक प्रथा प्रतिम गांगुली की सोच
प्रथा प्रतिम गांगुली, जो एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते थे, हमेशा से चाय प्रेमी रहे हैं। नौकरी के दौरान ही उनके मन में विचार आया कि क्यों न चाय की विभिन्न किस्मों को लोगों तक पहुँचाया जाए। यही सोच उन्हें नौकरी छोड़कर चाय का ठेला लगाने के लिए प्रेरित कर गई। साल 2014 में उन्होंने ‘निर्जाष टी स्टॉल’ की शुरुआत की और आज यह जगह एक खास पहचान बना चुकी है।
क्यों खास है यह एक हज़ार रुपए वाली चाय?
अब सवाल उठता है कि आखिरकार एक कप चाय की कीमत इतनी अधिक क्यों है। इसके पीछे का राज छिपा है चाय पत्ती की गुणवत्ता और दुर्लभता में।
Bo-Lay Tea की अनोखी पत्तियाँ
इस एक हज़ार रुपए वाली चाय का नाम “Bo-Lay Tea” है। यह चीन से आयातित एक बेहद दुर्लभ किस्म की चाय है। इसकी पत्तियाँ खास प्रक्रिया से तैयार होती हैं और कहा जाता है कि इसका स्वाद हल्का, लेकिन बेहद गहरा असर छोड़ने वाला होता है।
- एक किलो Bo-Lay Tea की कीमत लगभग तीन लाख रुपए है।
- यही वजह है कि इसका एक कप बनाने में ही 1 हज़ार रुपए की लागत जुड़ जाती है।
महंगी फिर भी लोकप्रिय
आप सोच रहे होंगे कि इतनी महंगी चाय भला कौन पिएगा? लेकिन सच्चाई यह है कि एक हज़ार रुपए वाली चाय का स्वाद लेने लोग दूर-दूर से आते हैं। चाहे कॉलेज स्टूडेंट्स हों, बिजनेसमैन या विदेशी पर्यटक – सभी इसे एक बार ट्राई करने के लिए उत्सुक रहते हैं।
‘निर्जाष टी स्टॉल’ पर चाय की विविधता
गांगुली का टी स्टॉल केवल महंगी चाय के लिए नहीं जाना जाता, बल्कि यहाँ हर वर्ग के लोगों के लिए चाय की अलग-अलग किस्में उपलब्ध हैं।
आम लोगों के लिए
- 10 रुपए से शुरू होने वाली सामान्य चाय
- दूध वाली चाय, अदरक-इलायची वाली चाय
- लेमन टी और मसाला चाय
खास लोगों के लिए
- 200 रुपए वाली ब्लैक टी
- 500 रुपए वाली हर्बल चाय
- और सबसे चर्चित – एक हज़ार रुपए वाली चाय
क्यों है चाय भारतीयों के जीवन का हिस्सा?
भारत में चाय केवल प्यास बुझाने का साधन नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक मेलजोल का अहम हिस्सा है। किसी मेहमान की आवभगत से लेकर दोस्तों की महफिल तक, हर जगह चाय जुड़ी होती है। ऐसे में जब एक हज़ार रुपए वाली चाय जैसी खबर सामने आती है तो यह न केवल स्वाद बल्कि परंपरा से भी जुड़ जाती है।
समाज में चाय की अहमियत
- रिश्तों में मिठास लाती है
- सर्दियों में गर्माहट देती है
- तनाव और थकान मिटाने का उपाय है
- बातचीत शुरू करने का सबसे आसान जरिया है
एक हज़ार रुपए वाली चाय पर प्रतिक्रियाएँ
लोगों की इस चाय को लेकर राय भी दिलचस्प है।
- कुछ लोग इसे फिजूलखर्ची बताते हैं।
- वहीं कई लोग कहते हैं कि एक बार तो यह अनुभव लेना ही चाहिए।
- सोशल मीडिया पर तो यह चाय लगातार ट्रेंड करती रहती है।
भविष्य की योजना
प्रथा प्रतिम गांगुली अब अपने ‘निर्जाष टी स्टॉल’ को और बड़ा बनाने की सोच रहे हैं। उनका कहना है कि आने वाले समय में वे विदेशी चाय की और किस्में भी पेश करेंगे, ताकि चाय प्रेमियों को हर बार नया अनुभव मिल सके।
एक हज़ार रुपए वाली चाय केवल एक पेय नहीं, बल्कि अनुभव है। यह उन लोगों के लिए है जो चाय को केवल स्वाद के लिए नहीं बल्कि उसकी विशिष्टता के लिए भी पसंद करते हैं। भारत जैसे देश में जहाँ चाय का गहरा रिश्ता लोगों की ज़िंदगी से जुड़ा है, वहाँ इस तरह की पहल चाय संस्कृति को और समृद्ध करती है।