हाइलाइट्स
– बहराइच में चार मासूम बच्चियों के साथ दरिंदगी करने का आरोपी अविनाश पांडेय गिरफ्तार।
– पुलिस को आरोपी के मोबाइल से बच्चियों की नग्न तस्वीरें और वीडियो मिले।
– आरोपी बच्चियों को शराब पिलाकर उनकी सुस्ती का फायदा उठाता था।
– पीड़िताओं ने आरोपी की पहचान की, पुलिस ने घटनास्थल से सबूत बरामद किए।
– एसपी ने जांच टीम को पुरस्कृत किया, आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा किया।
बहराइच में हुई घटना ने सनसनी फैला दी
बहराइच, उत्तर प्रदेश का एक शांत जिला, जो इन दिनों एक हैवानियत भरी घटना की वजह से सुर्खियों में है। यहां चार नाबालिग बच्चियों के साथ दरिंदगी करने का आरोपी अविनाश पांडेय उर्फ सिंपल पांडेय पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है। पुलिस ने आरोपी के मोबाइल फोन से मासूम बच्चियों की नग्न तस्वीरें और वीडियो बरामद किए हैं, जो उसके जुर्म को साबित करते हैं।
कैसे हुई आरोपी की पहचान?
पुलिस के अनुसार, 25 जून को पहली बच्ची के गायब होने के बाद से ही जांच शुरू हो गई थी। इसके बाद 28 जून और 3 जुलाई को भी ऐसी ही घटनाएं हुईं। एक पीड़िता ने पुलिस को घटनास्थल पर ले जाकर आरोपी के हाथ और पैर पर बने टैटू के बारे में बताया, जिससे पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग मिला।
सर्विलांस टीम ने मोबाइल टावर डेटा (बीटीएस) की मदद से सुजौली निवासी अविनाश पांडेय पर शक किया और उसे बाजपुर बनकटी गांव से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने अपने अपराध कबूल कर लिए।
आरोपी की क्रूर तरीके: बच्चियों को शराब पिलाकर शिकार बनाया
शराब और प्रलोभन का इस्तेमाल
पुलिस जांच में पता चला है कि अविनाश पांडेय बच्चियों को दुष्कर्म से पहले देशी शराब पिलाता था, ताकि वे शिथिल हो जाएं और चीखें नहीं। इसके अलावा, वह बच्चियों को टॉफी, चॉकलेट और नमकीन का लालच देकर उन्हें चुप रहने की धमकी भी देता था।
अपराध के निशान मिटाने की कोशिश
आरोपी बच्चियों को नहलाकर और नए कपड़े पहनाकर अपने जुर्म के निशान मिटाने की कोशिश करता था। घटनास्थल से खाली शराब के पैक, टॉफी के रैपर और बच्चियों के कपड़े बरामद हुए हैं, जो उसकी क्रूरता को उजागर करते हैं।
आरोपी का अतीत: क्या उसके साथ भी हुई थी दरिंदगी?
पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ कि अविनाश पांडेय के साथ भी बचपन में दरिंदगी हुई थी, लेकिन उसने कभी इसकी शिकायत नहीं की। बड़ा होने पर उसने खुद ही बच्चियों को निशाना बनाना शुरू कर दिया।
आरोपी एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखता है और मजदूरी करता था। वह रात में साइकिल लेकर निकलता और सुनसान जगहों पर अकेली सोई बच्चियों को उठाकर जंगल में ले जाता, जहां वह उनके साथ अमानवीय व्यवहार करता था।
पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई, जांच टीम को मिले पुरस्कार
बहराइच पुलिस ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया है। एसपी रामनयन सिंह ने जांच में योगदान देने वाली टीमों को पुरस्कृत किया है:
– सुजौली पुलिस और SWAT टीम को 15,000-15,000 रुपये।
– सर्विलांस टीम को 10,000 रुपये।
– उपनिरीक्षक रवीन्द्र तिवारी और मारकंडेय मिश्रा को 10,000-10,000 रुपये।
– एएसपी ग्रामीण डीपी तिवारी और सीओ हर्षिता तिवारी को प्रशंसापत्र दिया गया।
न्याय की उम्मीद: क्या मिलेगा सख्त सजा?
इस घिनौने अपराध के बाद सभी की नजरें अब न्याय व्यवस्था पर टिकी हैं। बहराइच की जनता और पीड़ित परिवारों को उम्मीद है कि आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी सबूतों को कोर्ट में पेश किया है।
समाज से जुड़े सवाल
यह घटना एक बार फिर समाज के सामने यह सवाल खड़ा करती है कि बच्चों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाए। क्या हमारी कानून व्यवस्था ऐसे अपराधियों को डटकर सजा देने में सक्षम है?
बहराइच की यह दर्दनाक घटना न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए एक चेतावनी है कि ऐसे जघन्य अपराधों को रोकने के लिए सख्त कानून और सामाजिक जागरूकता दोनों जरूरी हैं।