VIDEO: वाह! भगवान का भक्त या शैतान? छतरपुर के मंदिर में पुजारी ने किया नन्ही बच्चियों का शोषण, ग्रामीणों ने दी खुद सजा!”

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हाइलाइट्स

– छतरपुर के गढ़ीमलहरा थाना क्षेत्र में एक महाकाल मंदिर के पुजारी पर नाबालिग बहनों के साथ दुष्कर्म का आरोप।

– आरोपी पुजारी ने 5 और 6 साल की दो चचेरी बहनों के साथ यौन शोषण किया।

– घटना का खुलासा तब हुआ जब बच्चियों के परिजन मंदिर पहुँचे और पुजारी ने उन पर त्रिशूल से हमला कर दिया।

– गाँव वालों ने आक्रोशित होकर पुजारी की पिटाई की और पुलिस को सूचना दी।

– पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया।

 छतरपुर में सामने आई नृशंस घटना

 मंदिर के पुजारी पर गंभीर आरोप

छतरपुर जिले के गढ़ीमलहरा थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहाँ स्थित महाकाल मंदिर के 60 वर्षीय पुजारी भागवत शरण दुबे पर 5 और 6 साल की दो चचेरी बहनों के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगा है। यह घटना न केवल समाज के लिए एक झटका है, बल्कि धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है।

 कैसे हुआ घटना का खुलासा?

बच्चियों के परिजनों को जब इस घटना का पता चला, तो वे तुरंत मंदिर पहुँचे। जैसे ही उन्होंने पुजारी से सवाल किया, वह आक्रामक हो गया और त्रिशूल लेकर उन पर हमला करने दौड़ा। इसके बाद गाँव वालों ने पुजारी को घेर लिया और उसकी पिटाई की। स्थानीय लोगों के दबाव में पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

 पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की

 क्या है पॉक्सो एक्ट?

पॉक्सो (POCSO) एक्ट, यानी “प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेस एक्ट”, बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए बनाया गया कड़ा कानून है। इसके तहत दोषी को उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। छतरपुर पुलिस ने इसी कानून के तहत मामला दर्ज किया है और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।

 पीड़ित बच्चियों का मेडिकल परीक्षण

घटना के बाद पीड़ित बच्चियों को मेडिकल जाँच के लिए भेजा गया। डॉक्टरों की टीम ने उनकी जाँच की और रिपोर्ट को आगे की कार्रवाई के लिए पुलिस को सौंप दिया। स्थानीय प्रशासन ने बच्चियों और उनके परिवार को सुरक्षा प्रदान की है ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की धमकी या दबाव का सामना न करना पड़े।

 समाज और प्रशासन की प्रतिक्रिया

 गाँव वालों में आक्रोश, माँगी सख्त सजा

इस घटना ने पूरे गाँव को हिला दिया है। स्थानीय निवासी आरोपी पुजारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग कर रहे हैं। कई लोगों ने सवाल उठाया है कि आखिर मंदिर जैसे पवित्र स्थान पर ऐसा जघन्य अपराध कैसे हो सकता है? गाँव वालों का कहना है कि अगर पुजारी जैसे लोग ही ऐसी हरकतें करेंगे, तो समाज का भरोसा कैसे बचेगा?

 प्रशासन ने लिया संज्ञान

छतरपुर प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। जिला प्रशासन ने सभी धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, बच्चों के साथ काम करने वाले संस्थानों और धार्मिक स्थलों के कर्मियों की पृष्ठभूमि की जाँच करने का आदेश दिया गया है।

सजा मिलनी चाहिए, समाज को जागना होगा

यह घटना न केवल छतरपुर के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है। धार्मिक स्थलों पर भी बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जरूरत है। पीड़ित परिवार को न्याय मिलना चाहिए, और आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। साथ ही, समाज को भी ऐसे मामलों के प्रति जागरूक होना होगा ताकि कोई दोबारा ऐसी घटना न हो।

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